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कैदियों की मौज, जेलों में एड्स की फौज

  • एड्स की चपेट में लखनऊ की जेलों के 67 कैदी
  • प्रारंभिक जांच में प्रदेश की जेलों में 459 कैदी पाये गये एचआईवी पॉजिटिव
  • प्रदेश की जेलों में 78,739 कैैदियों के लिये गये ब्लड सैंपल, 559 कैदियों में एचआईवी का वायरल पाया गया रि-ऐक्टिव
  • शासन, जेल प्र्रशासन, स्वास्थ्य महकमें में मचा हडक़ंप
  • भारत सरकार की मीडिया स्कैन एंड वैरिफिकेशन सेल की रिपोर्ट में उजागर हुआ यह मामला

jail copyवीर सिंह यादव

लखनऊ। उन्नाव में दर्जनों एचआईवी पीडि़तों के मिलने के बाद अब प्रदेश के लखनऊ जेल में 49 बंदियों में एचआईवी पॉजिटिव होने से हडक़ंप मचा है। प्रदेश की चॢचत नैनी जेल के साथ ही अलीगढ़, मुरादाबाद, गाजियाबाद सहित अन्य जेलों में कुल 459 एचआईवी पीडि़त कैदियों के होने का खुलासा हुआ है। जेलों में इतनी बड़ी संख्या में एड्स पीडि़तों की संख्या सामने आने के बाद शासन और यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी शख्ते में हैं। बीते 11 जून को शासन ने मामले की पड़ताल करने के निर्देश दिये, तो अब विभागीय जिम्मेदार कैदियों के एड्स की चपेट में आने के कारणों की पड़ताल करने में जुटे हैं।

scan copyभारत सरकार की ओर से जारी मीडिया स्कैन एंड वैरिफिकेशन सेल की रिर्पोट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में 78,739 कैैदियों के ब्लड सैंपल लिये गये थे। इस दौरान जांच में पाया गया कि 559 कैदियों में एचआईवी का वायरल रि-ऐक्टिव पाया गया। प्रारंभिक जांच में इनमें से 459 कैदियों में एचआईवी पॉजिटिव निकला है। इसके बाद इन 459 कैदियों की थ्री किट यानि फाइनली जांच करने पर एचआईवी वायरस की पुष्टि हो गई। इन पीडि़तों में प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मॉडल जेल और नारी सुधार गृह के कुल 49 कैदी शामिल हैं। प्रदेश की अलीगढ़ जिला जेल में 24, मुरादाबाद में 33, इलाहाबाद नैनी मे 21 और गाजियाबाद जिला जेल में 46 लोगों में एचआईवी की पुष्टि हुई है। इसके अलावा कानपुर और आगरा सहित अन्य जेलों के कैदियों में भी एचआईवी पॉजिटिव होने की संख्या बतायी जा रही है।

उत्तर प्रदेश की जेलों में इतनी बड़ी संख्या मेें एचआईवी पीडि़तों के सामने आने से हरकत में आयी केन्द्र सरकार, प्रदेश की एड्स कंट्रोल सोसाइटी और स्वास्थ्य महकमें के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने कमेटी कठित कर मामले की पड़ताल करने के आदेश दिये हैं। शासन के निर्देश पर राजधानी लखनऊ सहित विभिन्न जेलों में चिकित्सकों की टीमें भेजकर एड्स पीडि़त कैदियों की जांच व उनका विवरण एकत्रित करना शुरू कर दिया गया है। इस संबंध में जब यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अडिशनल प्रोजेक्ट निदेशक उमेश कुमार मिश्रा से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया। पर, कई बार प्रयास करने के बावजूद उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

लखनऊ जिला जेल में 18 कैदियों को एड्स 

लखनऊ जिला जेल में बंद इन दिनों करीब 18 कैदी एचआईवी पॉजिटिव हैं। सभी पीडि़तों का इलाज केजीएमयू स्थित एआरटी सेंटर पर कराया जा रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इन दिनों मीडिया स्कैन एंड वेरिफिकेसन सेल की रिर्पोट के बाद शासन से जारी निर्देशों के बाद सभी पीडि़तों की विशेष देखभाल व उपचार के लिये यूपी सैक की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। इसके अलावा राजधानी लखनऊ की मॉडल जेल और नारी सुधार गृह के कुल 49 कैदी शामिल हैं। इस सबंध में जेल प्रशासन का कहना है कि सभी 18 कैदियों का एचआईवी का इलाज सरकारी गाइडलाइन के अनुसार कराया गया है, जिन मरीजों का इलाज जेल अस्पताल में संभव होता है उनका स्थानीय स्तर पर इलाज किया जा रहा है। वहीं जिन पीडि़तों का सीडी काउंट कम हो जाता है, उन्हें निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार एआरटी सेंटर भेजा जाता है।

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