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पिंक बसों में महिलाएं सुरक्षित, परिचालक असुरक्षित

पिंक बसों पर तैनात महिला परिचालक खुद को सुविधाओं के अभाव में महसूस कर रहीं असुरक्षित महिला परिचालकों को नहीं

मिल रही बस अड्डों पर रेस्ट रूम की सुविधा देर रात बस अड्डों पर इधर-उधर भटकने को मजबूर महिला कंडक्टर

लखनऊ। उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम पिंक बसें भले ही महिला सुरक्षा का दावा कर रही हैं, लेकिन पिंक बसों में तैनात परिचालक खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। ऐसा इसलिए है कि महिला परिचालकों को परिवहन निगम सुरक्षा नहीं उपलब्ध करा पा रहा है। महिला परिचालकों के असुरक्षित महसूस करने की वजह है कि प्रदेश भर के किसी भी बस स्टेशन पर महिलाओं के लिए डॉरमेट्री की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में देर रात किसी बस स्टेशन पर बस लेकर पहुंचने वाली महिला परिचालक इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। यूपी रोडवेज की पिंक बसों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखायी थी। महिला यात्रियों की सुरक्षा को तरजीह देने के लिए पिंक बसों में महिला परिचालकों की भी तैनाती की गयी। पिंक बसों में महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पैनिकल बटन, सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए। इसके अलावा डायल हंड्रेड और पिंक बसों के मार्ग पर इंटरसेप्टर भी लगाए गए हैं। तमाम सुरक्षा इंतजामों से लैस पिंक बसें महिलाओं के लिए तो सेफ हैं लेकिन महिला कंडक्टर पूरी तरह से अनसेफ हैं। महिला परिचालक पिंक बसों पर इसलिए ड्यूटी करना नहीं चाहती हैं, क्योंकि यह लंबे रूट पर संचालित होती हैं और शाम तक वापस महिला परिचालक अपने घरों तक नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में महिला परिचालकों को न तो रात में घर जाने को मिलता है और न ही बस स्टेशन पर कोई सुरक्षित जगह ही मिल पाती है जहां वह आराम कर सकें।

परिचालकों को लगता है भय

महिला परिचालकों के मुताबिक पिंक बस रात में जहां पहुंचती है वहां उनके लिए कोई रेस्ट रूम नहीं है। ऐसे में चालकों के साथ ही बस में रुकना पड़ता है। जिसके चलते हर समय भय का माहौल बना रहता है। ऐसे में हम दो दिन में एक बार ही सो पाते हैं। मामला केवल यहीं तक सीमित नहीं है। महिला यात्रियों की कमी के चलते लोड फैक्टर कम आने से अधिकारियों की भी फटकार हमें सुननी पड़ती है। इनकम न होने पर एआरएम के साथ बाकी अधिकारी भी प्रताडि़त करते हैं। उनका कहना है कि हमसे पिंक बसों की जगह सामान्य बसों में ड्यूटी करायी जाए, जिससे हम शाम तक घर पहुंच सकें।

कौशांबी, हरिद्वार समेत कई बस अड्डों के पास किराए पर रूम लिए जा रहे हैं। यहां सिर्फ महिला परिचालक ही रुक सकेंगी। जल्द ही उन सभी शहरों में महिला रेस्ट रूम की व्यवस्था की जाएगी जहां पिंक बसों का संचालन हो रहा है।

pink bus copyपल्लव बोस, क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ परिक्षेत्र

इन शहरों के लिए चल रही बसें

– दिल्ली
– इलाहाबाद
– गोरखपुर
– वाराणसी
– आगरा

जल्द चलेंगी यहां

– अलीगढ़
– हरिद्वार

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