फर्जी वेबसाइट्स पर बिछा रेलवे में विभिन्न पदों पर नौकरी का जाल
फर्जी वेबसाइट्स के जरिए जालसाजों के आसानी से शिकार हो रहे युवा
जालसाज विभिन्न पदों के लिए वसूल रहे 3 से 5 लाख, फर्जी ट्रेनिंग का भी करते हैं इंतजाम
परिवहन निगम में परिचालक पद पर नियुक्ति के लिए यूपीएसआरटीसी के एचआर हेड के नाम पर जारी किया गया ऑफर लेटर
फर्जी लेटर के जरिए नियुक्ति के कई मामले आ चुके हैं सामने
लखनऊ। रेलवे और परिवहन निगम के नाम पर ठगी का खेल बढ़ता ही जा रहा है। फर्जी नौकरियों के मामले में रेलवे और परिवहन निगम जालसाजों के साफ्ट टारगेट बन गए हैं। रेलवे में नौकरी के नाम पर जहां फर्जी वेबसाइटों के जरिए युवा जालसाजों के शिकार बना रहे हैं तो वहीं परिवहन निगम में परिचालक पद पर भर्ती के नाम पर हर माह कोई न कोई ठगी का शिकार हो रहा है। बीते दिनों ही रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाकर भोले-भाले लोगों को ठगने वाले आठ जालसाजों को सीबीआई ने अरेस्ट किया था। जालसाजों के धरपकड़ के इस कदम को बड़ी कार्रवाई बताया गया, बावजूद इसके आज भी साइबर स्पेस में रेलवे में नौकरियां दिलाने का दावा करने वाली कई ऐसी फर्जी वेबसाइट्स धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं जिन पर नकेल कसना आवश्यक है। इन फर्जी वेबसाइट्स के जरिए रोजाना हजारों बेरोजगार ठगे जा रहे हैं, लेकिन रेलवे और पुलिस इस पर पूरी तरह से मौन हैं। वहीं परिवहन निगम में भी जालसाज सेंधमारी किए हुए हैं। ऑनलाइन टिकट के नाम पर राजश्व को चूना लगाने वाले जालसाज ऑनलाइन भर्ती खोलकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी कर रहे हैं। बीते शनिवार को निगम मुख्यालय में यूपीएसआरटीसी के एचआर हेड के नाम पर जारी किए गए ऑफर लेटर को लेकर एक व्यक्ति परिचालक के पद पर ज्वाइनिंग के लिए पहुंच गया। इस नियुक्ति पत्र पर जालसाल ने बाकायदा ज्वाइनिंग डेट भी लिखी हुई थी। व्यक्ति के समय से पहले पत्र को लेकर निगम मुख्यालय पहुंचने पर ठगी का खुलासा हुआ। जिसके बाद मामले को गंभीरता लेते हुए इसकी जांच और एफआईआर कराने के निर्देश दिए गए।
आवेदक को दिया ऑफर लेटर
यूपीएसआरटीसी के नाम और सिम्बल के साथ जारी इस पत्र में 14 अगस्त 2018 डेट के साथ ही पत्र संख्या और आवेदक का नाम-पता सब लिखा हुआ था। यह पत्र आवेदक सुनील कुमार वर्मा को कार्यभार ग्रहण करने के लिए जारी किया गया था। साथ ही आवेदक को इस तारीख से पहले मुख्यालय में अपने मूल प्रमाण पत्रों के साथ आने का निर्देश भी दिया गया था। ज्वॉइनिंग से पहले मूल प्रमाण पत्रों की जांच के लिए मुख्यालय भी बुलाया गया था। यही नहीं पत्र में आवेदक के पुलिस वैरीफिकेशन के साथ ही मेडिकल कराने का भी निर्देश दिया गया है। लेकिन जब आवेदक अपने प्रमाण पत्रों के साथ परिवहन निगम मुख्यालय पहुंचा तो पता चला कि यह नियुक्ति पत्र तो फर्जी है।
3 से 5 लाख की वसूली
जालसाज बिलकुल असली सी दिखने वाली वेबसाइट्स पर तमाम पदों के लिए ऑफर देकर रोजाना हजारों बेरोजगारों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। जालसाज फर्जी वेबसाइट पर आवेदन मांगते हैं और दस्तावेज जमा कराते हैं। विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए जालसाज युवाओं से 3 से 5 लाख तक की वसूली करते हैं। यही नहीं जाल में फंसने वाले युवाओं को शक न हो इसके लिए फर्जी ट्रेनिंग का भी था इंतजाम जालसाज किए हुए हैं। रेलवे भर्ती वाली वेबसाइटों पर असली वेबसाइट की तरह ही होम, अबाउट अस, इंप्लायमेंट न्यूज, ऑनलाइन एप्लीकेशन व कान्टैक्ट अस समेत तमाम सेक्शन दिए गए हैं। इस वेबसाइट में इंप्लायमेंट न्यूज सेक्शन में क्लिक करते ही तमाम इंप्लायमेंट नोटिस सामने आ जाती है। इन नोटिसों में असिस्टेंट लोको पायलट, टेक्निशियन ग्रेड-2, टेक्निशियन ग्रेड-3 समेत तमाम नौकरियों के विज्ञापन दिए गए हैं। इसी तरह की दूसरी वेबसाइट भी धड़ल्ले से संचालित हो रही है।
परिचालक पद पर फर्जी नियुक्ति के कई मामले
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक कार्मिक साद सईद का कहना है कि इस तरह के अब तक तीन फर्जी नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं। किसी पत्र में भारत सरकार की ओर से जारी कर निगम को ज्वॉइन कराने के आदेश दिए गए हैं तो कोई पत्र निगम अधिकारी की ओर से जारी किया गया है। इन मामलों में एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है। इस बार भी एफआईआर कराई जाएगी। उनका कहना है कि जो लोग पत्र लेकर आते हैं, उनकी इसे जारी करने वालों से मुलाकात नहीं होती है, फोन पर ही सारी डीलिंग होती है। वहीं ज्वॉइनिंग लेटर मिलने के बाद यह नंबर फिर मिलता भी नहीं है। निगम मुख्यालय ही नहीं कैसरबाग डिपो में भी परिचालक पद पर फर्जी नियुक्ति के कई प्रकरण सामने आ चुके हैं।
इन नंबरों पर करें जानकारी
परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार भर्ती के मामले में आवेदक हेल्पलाइन नंबर 18001802877 पर जानकारी ले सकते हैं। साथ ही वे मोबाइल नंबर 9415049606 पर भी भर्ती प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
परिवहन निगम के सभी क्षेत्रों में परिचालक पदों पर भर्ती पूरी तरह से बंद है। परिचालक पद पर ज्वाइनिंग का सामने आया पत्र पूरी तरह से फर्जी है। इसकी जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आशुतोष गौड़, स्टाफ अफसर, एमडी