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दोगुना तक बढ़ जाएगा हाउस टैक्स, अगले साल से लागू होंगी नई दरें
लखनऊ। गृहकर की दरें अगले साल अप्रैल से दो गुना तक बढ़ जाएंगी। हाउस टैक्स के साथ ही लखनऊवासियों को वाटर टैक्स भी अधिक देना होगा, क्योंकि हाउस टैक्स के आधार पर ही वाटर टैक्स तय किया जाता है। नई दरों के तहत वसूली अगले साल अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2020-21 में की जाएगी। इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई।
बढ़ोतरी 100 फीसदी तक किए जाने की तैयारी है। दरों का प्रकाशन कराकर उन पर आपत्तियां आमंत्रित करने का काम भी पूरा कर लिया गया है। आपत्तियों की सुनवाई कर उनका जवाब भी भेज दिया गया है।
इसके साथ ही आपत्तियों की सुनवाई का प्रकाशन भी जल्द ही समाचार पत्रों में कराया जाएगा। उसको लेकर नगर आयुक्त की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। टैक्स बढ़ोतरी को लेकर काफी शासन- प्रशासन का दबाव है। पहले जेएनएनयूआरएम और अब अमृत मिशन में भी निकायों पर आय में बढ़ोतरी का दबाव है।
आपको बता दें कि नगर निगम में क्षेत्र के हिसाब से हाउस टैक्स निर्धारण की दरें तय हैं। ये दरें (कच्चे मकान व प्लॉट को छोड़कर) प्रति वर्ग फीट के हिसाब से 1.25 रुपये से 2.50 रुपये तक हैं। टैक्स निर्धारण करने के लिए मकान के एरिया को पहले टैक्स रेट पर उसे 12 महीने से गुणा कर देते हैं। जो परिणाम आता है, वह उस मकान का वार्षिक किराया मूल्यांकन (एआरवी) हो जाता है।
जो वार्षिक किराया मूल्यांकन बनता है, उसका 15 प्रतिशत हाउस टैक्स होता है। टैक्स गणना को लेकर मकान के क्षेत्रफल में बालकनी, किचन, बाथरूम, कॉरिडोर, स्टोर, पोर्टिको के एरिया में छूट भी दी जाती है।
इसके साथ ही मकान जितना पुराना होता है, उस आधार पर एआरवी में छूट दी जाती है। गृहकर की दरें इलाके के हिसाब से तय की जाती हैं। किसी का मकान हजरतगंज में तो उस इलाके में गृहकर की दर अधिक है। वहीं उतनी ही चौड़ी रोड पर किसी का घर तेलीबाग, फैजुल्लागंज या शहीद भगत सिंह वार्ड की कॉलोनी में तो उसकी गृहकर दरें कम है।
एआरवी पर 12.5 फीसद लगता है जलकर
जलकल विभाग की ओर से अभी शहर में वाटर मीटर नहीं लगाए गए हैं और न ही वाटर टैक्स वसूली को लेकर खर्च के आधार पर दरें लागू हैं। अभी वाटर टैक्स की गणना नगर निगम द्वारा लगाए जाने वाले गृहकर के आधार की जाती है।
हाउस टैक्स के लिए जो एआरवी (एनुअल रेंटल वैल्यू) निकाली जाती है उसी पर जलकल विभाग 12.5 प्रतिशत की दर से वाटर टैक्स लेता है। इसमें पानी के उपयोग को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है। ऐसे में जब हाउस टैक्स की दरें बढ़ेंगी तो मकानों की एआरवी बढ़ेगी और उससे वाटर टैक्स भी बढ़ जाएगा।
गृहकर की नई दरें अगले साल अप्रैल से लागू होंगी। जो आपत्तियां आई थीं उनका जवाब भेज दिया गया है। नगर निगम अधिनियम के तहत हर दो साल में गृहकर की दरें नगर निगम पुनरीक्षित कर सकता है। पिछली बार 2010 में गृहकर की दरें पुनरीक्षित हुईं थीं अब 2019 में की जा रही हैं।
अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी