उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए मध्यांचल प्रबंधन ने की तैयारी
उपभोक्ता को मीटर रीडर ऑन स्पॉट डिजिटल पेमेंट की सुविधा की देंगे जानकारी
मीटर रीडर को दी जाएगी पीओएस मशीन, लेसा को हर महीने होगा 20 करोड़ रुपये राजस्व का फायदा
लखनऊ। बस कुछ दिन का इंतजार फिर आपको बिजली बिल जमा करने के लिए न तो ई-सुविधा केंद्र के चक्कर काटने पड़ेंगे और न ही सबस्टेशन के। आप घर बैठे ही क्रेडिट या डेबिट कार्ड से बिजली बिल जमा कर सकेंगे। इस सुविधा को लेकर मध्यांचल प्रबंधन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द जनता को घर बैठे ही बिल जमा करने की सुविधा मिल जाए। नई व्यवस्था के तहत मीटर रीडर को ही पीओएस मशीन (प्वाइंट ऑफ सेल) दी जाएगी। मीटर रीडर मशीन लेकर उपभोक्ता के घर रीडिंग लेने जाएंगे। मीटर पहले तो पूर्व की व्यवस्था के अनुसार रीडिंग लेना और फिर बिल की पर्ची निकालकर उपभोक्ता को देगा। अगर उपभोक्ता को लगता है कि बिल सही है तो मीटर रीडर की ओर से उपभोक्ता को ऑन स्पॉट डिजिटल पेमेंट की सुविधा से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद उपभोक्ता चाहे तो वह पीओएस के माध्यम से अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की मदद से बिल जमा कर सकेगा। घर बैठे डिजिटल पेमेंट संबंधी सुविधा शुरू करने से पहले मध्यांचल प्रबंधन की ओर से कई बिंदुओं पर गंभीरता से मंथन किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो। उपभोक्ता को यह भी समझाया जाएगा कि उनके साथ कोई फ्रॉड नहीं हो रहा है। मध्यांचल प्रबंधन की मानें तो मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यह व्यवस्था शुरू होने पर लेसा को हर महीने करीब 20 करोड़ रुपये के राजस्व का फायदा मिलेगा। अभी लेसा को अधिकतम हर महीने 220 करोड़ रुपये तक रेवेन्यू मिलता है, लेकिन इस व्यवस्था के बाद यह 240 करोड़ रुपये के पार हो जाएगा। इंजीनियरों का कहना है कि पूरे शहर में एक साथ यह सुविधा शुरू करने की बजाय एक या दो जोन में इसे पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर चला कर भी देखा जा सकता है। यह सुविधा शुरू होने पर बिलिंग केंद्रों पर भीड़ कम होगी। वहीं जो उपभोक्ता ऑनलाइन बिल नहीं करना जानते हैं वे स्वाइप मशीन से कैशलेस बिल जमा कर सकेंगे।
ये आ रही मुश्किलें
अभी तक घर पर बिल देने के बाद मीटर रीडर उपकेंद्र पर जाकर बिल कम्प्यूटर पर अपडेट करते हैं। इसके बाद ही बिल जमा हो पाता है। ऐसे में तुरंत बिल मिलने के बाद इसे मौके पर कैसे अपडेट किया जाए, इस पर मंथन किया जा रहा है। इंजीनियरों का कहना है कि लखनऊ से पहले कानपुर और आगरा में भी यह सुविधा शुरू की गई थी, लेकिन वहां पर भी दिक्कत आ रही थी। स्मार्ट मीटर में कुछ ऐसी व्यवस्था है, जिससे जीपीएस सिस्टम के जरिए कार्यालय से ही बिल जनरेट हो सकता है। इसे मीटर रीडरों की मशीनों से भी जोडऩे की कवायद चल रही है। इंजीनियरों ने बताया कि नई सुविधा का अधिक लाभ बुजुर्ग उपभोक्ताओं को मिलेगा। लेसा में करीब तीन लाख से अधिक उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है। उम्र अधिक होने से इनके लिए लाइन में लगकर बिल जमा करना मुश्किल होता है।
ये हैं तीन बिंदु
मीटर रीडर को पीओएस की ट्रेनिंग
चयनित बैंक से पीओएस अटैचमेंट
उपभोक्ता कार्ड सिक्योरिटी
मिलेगी कैशबैक की सुविधा
मध्यांचल प्रबंधन की ओर से यह भी कवायद की जा रही है कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड से बिजली बिल जमा करने वालों को कैशबैक की भी सुविधा मिल सके। हालांकि मध्यांचल प्रबंधन का पहला फोकस उपभोक्ताओं को डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी जानी है।
ई-वालेट पर भी चल रहा काम
मध्यांचल प्रबंधन की ओर से एक तरफ जहां डिजिटल पेमेंट की सुविधा दिए जाने पर काम किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ यह भी प्रयास किया जा रहा है कि उपभोक्ता चाहे तो वह मीटर रीडर को बिल की राशि कैश के रूप में भी दे सकता है। हालांकि इससे पहले ई-वॉलेट पर काम किया जा रहा है। मध्यांचल प्रबंधन की मानें तो मीटर रीडर को ई वॉलेट की सुविधा भी दी जाएगी। अगर कोई उपभोक्ता ऑन स्पॉट कैश के रूप में बिल जमा करता है तो पहले संबंधित मीटर रीडर अपने ई वॉलेट से मध्यांचल के खाते में उक्त धनराशि ट्रांसफर कर देगा। इसके बाद उपभोक्ता द्वारा दी जाने वाली राशि मीटर रीडर रख लेगा, जो उसकी होगी। इसके बाद मीटर रीडर नए सिरे से अपना ई वॉलेट
रिचार्ज कराएगा
उपभोक्ता घर बैठे ही डेबिट या क्रेडिट कार्ड से बिजली बिल जमा कर सकें, इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। पहले इसे ट्रायल बेसिस पर शुरू किया जाएगा। सफल परिणाम मिलने के बाद इस सुविधा को लागू कर दिया जाएगा। हालांकि अभी इसमें थोड़ा समय लग सकता है।
संजय गोयल, प्रबंध निदेशक मध्यांचल डिस्कॉम
फैक्ट फाइल
305 मीटर रीडर हैं सिस गोमती में
20 हजार लोग ही जमा करते हैं ऑनलाइन बिल
6 लाख के करीब उपभोक्ता काउंटर पर जमा करते हैं बिल
9.90 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं लेसा में
20 करोड़ का राजस्व बढ़ेगा