बॉलीवुड के सुपरस्टार विनोद खन्ना का गुरुवार सुबह 6 बजे मुंबई में निधन हो गया। वे कैंसर से जूझ रहे थे। पिछले कई दिनों सेशरीर में पानी की कमी वजह से उनको गिरगांव के एचएन रिलायंस फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती किया गया था। 70 वर्ष की आयु में अभिनेता ने दुनिया छोड़ दी।विनोद खन्ना ने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी हैं.. जैसे कि मेरे अपने, अमर अकबर एंथनी, मेरे अपने, रेशमा और शेरा, मुक्कदर का सिकंदर.. उन्होंन लगभग 144 फिल्में की हैं।
1987 से 1994 में विनोद खन्ना बॉलीवुड के सबसे मंहगे सितारों में से एक थे. अपने करियर की पीक पर होने के बावजूद विनोद खन्ना ने फिल्म इंडस्ट्री से सन्यास ले लिया और ओशो के अनुयायी बन गए. वह अक्सर पुणे में ओशो के आश्रम जाते थे और इस हद ओशो से प्रभावित थे कि अपने कई शूटिंग शेड्यूल भी पुणे में ही रखवाए. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनोद संन्यास लेकर अमेरिका चले गए और ओशो के साथ करीब 5 साल गुजारे.
विनोद खन्ना ने अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 150 फिल्मों में अभिनय किया. उनके निभाए हर किरदार सिनेमा प्रेमियों के दिलों में ज़िंदा हैं
फिल्म अभिनेता तथा चार बार गुरदासपुर से सांसद रहे विनोद खन्ना के देहांत से उनके हलके में शोक की लहर है। खन्ना ने पहली बार 1997 में चुनाव लड़ा था। पांच बार चुनाव लड़े थे खन्ना लेकिन जीत उन्हें 4 बार ही मिली।
वर्ष 1997 और 1999 में वे दो बार पंजाब के गुरदासपुर क्षेत्र से भाजपा की ओर से सांसद चुने गए। 2002 में वे संस्कृति और पर्यटन के केन्द्रिय मंत्री भी रहे। सिर्फ 6 माह पश्चात् ही उनको अति महत्वपूर्ण विदेश मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री बना दिया गया। इसके बाद फिर वे सांसद बने।