शैलेन्द्र यादव
- कृष्णानगर पुलिस और एलडीए तंत्र की सरपरस्ती में चल रहा अवैध प्लाटिंग का धंधा!
- एलडीए ने वर्ष 2015 में अलीनगर सुनहरा की न्यू शुभम सिटी, द्वारिकापुरी आवासीय योजना और कृष्ण विहार को घोषित किया था अवैध, पर प्लाटिंग अब तक जारी
लखनऊ। शहर के सुनियोजित विकास में लगी अवैध निर्माण की दीमक उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की व्यवस्था को हजम कर रही है और जिम्मेदार अधिकारी कागजी कसरत में जुटे हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रबंध तंत्र ने जनवरी 2015 में शहर में सैकड़ों अवैध निर्माण चिन्हित किये थे। अधिनियम की व्यवस्था के मुताबिक, मानचित्र स्वीकृत कराये बिना निर्माण और अवैध प्लाटिंग में चिन्हित किए इन सभी निर्माणों पर पूर्णतय: पाबंदी लगनी चाहिए थी, लेकिन कानपुर रोड के कृष्णानगर थाना क्षेत्र स्थित अलीनगर सुनहरा में अवैध प्लाटिंग की यह दुकानें अब तक गुलजार हैं।
बता दें कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2015 के जनवरी माह में कानपुर रोड, सरोजनी नगर, आलमबाग, गोमती नगर, सीतापुर रोड, हरदोई रोड, सुल्तानपुर रोड, रायबरेली रोड, जानकीपुरम विस्तार, दुबग्गा, फैजाबाद रोड, टेढ़ी पुलिया, कुर्सी रोड, अलीगंज और पारा आदि क्षेत्रों में सैकड़ों निर्माण अवैध चिन्हित किए थे। इनमें कृष्णानगर कोतवाली क्षेत्र स्थित अलीनगर सुनहरा की न्यू शुभम सिटी, द्वारिकापुरी आवासीय योजना और कृष्ण विहार में बिना मानचित्र स्वीकृत कराये प्लाटिंग हो रही थी।
तब वर्ष 2015 में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इन तीनों निर्माण स्थलों को अवैध करार देते हुए प्राधिकरण की वेबसाइट पर यह सूचना अपलोड की थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एलडीए तंत्र ने कृष्णानगर कोतवाली क्षेत्र स्थित अलीनगर सुनहरा में छह जनवरी 2015 को प्रबंधक न्यू शुभम सिटी द्वारा लगभग 20,000 मीटर में बिना मानचित्र स्वीकृत कराये अवैध कालोनी का नियोजन करने में चिन्हित किया था। वहीं नौ जनवरी 2015 को लगभग 15,000 वर्गमीटर क्षेत्र में बिना मानचित्र स्वीकृत कराये प्रबंधक द्वारिकापुरी आवासीय योजना, फेज-3 को अवैध प्लाटिंग में चिन्हित किया था, जबकि 12 जनवरी 2015 को लगभग 15,000 वर्गमीटर क्षेत्र में प्रबंधक कृष्ण विहार द्वारा अवैध प्लाटिंग की जा रही थी। इन तीनों विकासकर्ताओं का प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत नहीं था।
जानकारों की मानें तो एलडीए ने इस क्षेत्र की जमीन अपनी मोहान रोड आवासीय परियोजना के लिए अधिग्रहित कर रखी है। अवैध निर्माण चिन्हित हुए तीन वर्ष बीत गये। बावजूद इसके यहां अवैध प्लाटिंग की खेती लहलहा रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जिम्मेदार किसी दबाव में खामोश हैं या फिर वह इस खेती की उपज में हिस्सेदार हैं? हालांकि, सूत्रों की मानें तो एलडीए तंत्र और कृष्णा नगर पुलिस अवैध प्लाटिंग के इस धंधे से अनजान नहीं है।
शिकायत मिलने पर होगी सख्त कार्यवाही : राज्यमंत्री आवास
इस संबंध में जब उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री आवास सुरेश पासी से जानकारी की गई तो उन्होंने इस प्रकरण पर प्रतिक्रिया न देने की बात कहते हुए कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, इसलिए कोई बयान नहीं दे सकता। हां, यदि कोई शिकायत मिलती है तो गंभीरता से जांच कराकर अवैध निर्माण पर पाबंदी लगायी जायेगी।