ऑपरेशन क्लीनमनी’ के तह्त कालेधन का पता लगाने में जुटे इनकम टैक्स विभाग ने इसका दूसरा चरण शुरु कर दिया है. इसके तहत 60 हजार लोगों की जांच की जाएगी.आयकर विभाग की नीति निर्माता इकाई केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी ने कहा है कि उसने 9 नवंबर 2016 से इस साल 28 फरवरी के बीच करीब 9,334 करोड़ की अघोषित आय का पता लगाया है.
सीबीडीटी ने कहा, ‘1,300 उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों सहित 60 हजार से अधिक लोगों को नोटबंदी की अवधि के दौरान अत्याधिक नकद बिक्री के बाद जांच के लिए चुना गया है. उंचे मूल्य की संपत्ति की खरीद के 6,000 से अधिक सौदों तथा दूसरे देश भेजे गए धन के 6,600 मामले व्यापक जांच के दायरे में हैं.
यह नोटिस उन लोगों को भेजे जाएंगे जिनके द्वारा नोटबंदी के दौरान जमा की गई रकम जांच के दायरे में थी. आयकर विभाग की कोशिश नोटबंदी के बाद जमा हुए रकम की पड़ताल करने की है और कर चोरी करने वालों के खिलाफ कदम उठाने की है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा है, ‘आयकर विभाग दूसरे चरण की कार्रवाई की शुरुआत करने जा रहा है. जिसके तहत नोटबंदी के बाद लोगों के पास जमा कालेधन का पता लगाना होगा। साथ ही 60,000 लोगों को नोटिस भी भेजा जाएगा.’
नोटबंदी के बाद सीबीडीटी ने देशभर में टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत कर रही है. इसके तहत बैंकों में बड़ी रकम जमा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जो लोग आय के स्रोत की सही जानकारी नहीं दे पाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. आयकर विभाग गलत जानकारी देने, रिटर्न फाइल नहीं करने, नोटिस का जवाब नहीं देने वाले और टैक्स जमा नहीं करने वालों की जांच कर रहा है.
बता दें कि आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद 31 जनवरी 2017 को ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ लॉन्च किया गया था. आयकर विभाग इससे पहले भी इसी ऑपरेशन के तहत 17.92 लाख लोगों को ऑनलाइन नोटिस भेजा गया था जिसमें से 9.46 लाख लोगों ने विभाग के प्रश्नों का जवाब दिया.