आधार कार्ड बनाते वक्त आंखों की तरह दांतों के रिकॉर्ड को भी स्टोर किया जाए तो हालात सुधर सकते हैं। ये जानकारी शुक्रवार को केजीएमयू के कलाम सेंटर में चल रहे इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन फॉरेंसिक ऑडोंटोलॉजी के अंतिम दिन इंडियन पैसिफिक एकेडमी ऑफ फॉरेसिंक ऑडोंटोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. विनोद कपूर ने दी।
आधार बनाते समय होगा दांतों का रिकॉर्ड भी स्टोर
आधार के साथ जिस तरह आंखों की पुतलियों और हाथ के पंजों का निशान लिया जाता है उसी तर्ज पर दांतों को स्कैन कर डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाए, जिससे भविष्य में होने वाली किसी घटना, आपदा या अपराध जैसे मामलों में पीड़ित या आरोपी को रिकॉर्ड के आधार पर पहचाना जा सके।
उन्होंने बताया कि इंडियन पैसिफिक एकेडमी ऑफ फॉरेंसिक ऑडोंटोलॉजी ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखा है, जिससे आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन के साथ ही दांतों का रिकॉर्ड बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि दांत मानव शरीर का सबसे ठोस अंग होता है जिसे 1600 डिग्री के तापमान पर कोई नुकसान नहीं होता है। इससे पहले केंद्र सरकार को दांतों का रिकॉर्ड पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस से लिंक करने के लिए लिखा गया है, जिससे देश के हर नागरिक की पहचान विकट स्थिति में आसानी से की जा सकती है।