नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार की राह पर चलते हुए दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने केंद्र प्रायोजित ‘आयुष्मान भारत योजना’ लागू नहीं करने की मंगलवार को घोषणा की।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने संवाददाताओं से कहा कि आप सरकार इस योजना को कदापि लागू नहीं करेगी। श्री जैन ने जीटीबी अस्पताल में मरीजों से मुलाकात करके उनका हालचाल पूछने के बाद कहा,“ हम शत-प्रतिशत आबादी को यहां स्वास्थ्य सुविधायें मुहैय्या करायेंगे।
हम कुछ चुनींदा लोगों को लाभ नहीं देंगे। इसकी दिल्ली में कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यहां गरीब और अमीर दोनों का इलाज होगा। यह दिल्ली सरकार का कर्तव्य है कि वह सभी निवासियों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करे।”
उन्होंने कहा,“इसे यूपी-हरियाणा में लागू किया गया है, लेकिन मरीजों को वहां से यहां क्यों भेजा जा रहा है? इसे अगर दिल्ली में इसे लागू किया जाता है तो इससे क्या होगा? दिल्ली की आबादी दो करोड़ है जबकि केंद्र की योजना का लाभ केवल 10 लाख लोगों को मिलेगा। हम ऐसा नहीं करेंगे।”
भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से गत वर्ष सितंबर में शुरू की गयी आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में भर्ती के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार पांच लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान करती है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लागू करने से इनकार कर दिया।
श्री जैन ने कहा,“ सबसे पहले, केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश और हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदान करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश से लगभग 70 फीसदी मरीज यहां आ रहे हैं। नरेंद्र मोदी जी ने वहां कुछ नहीं किया। हम अमीर और गरीब के बीच अंतर नहीं करेंगे। हम इस योजना की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि सरकारी अस्पताल और चिकित्सा जांच सभी के लिए है।”
उन्होंने कहा,“ वे (भाजपा सरकार) सिर्फ कागजों पर ऐसी योजनाओं को लागू करते हैं। जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। यदि इस योजना को सही मायनों में लागू किया जाता, तो उत्तर प्रदेश के लोग अपने राज्य में इलाज कराते।”
गौरतलब है कि इससे पहले ममता सरकार तथा आंध्र प्रदेश के तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली पूर्व राज्य सरकार ने भी केंद्र की इस योजना को लागू नहीं किया है। इसके स्थान पर गैर भाजपाई कुछ राज्य सरकारों ने अपने राज्यों में अलग योजनायें लागू की हैं।