नगर विकास विभाग ने केंद्र को भेजा है 11 प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का प्रस्ताव
लखनऊ। शहरों में फैले प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के अति प्रदूषित 11 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा दिया जाएगा। अति प्रदूषित शहरों में प्रदूषण किस प्रकार कम हो, इसके लिए प्रदेश सरकार भी चिंतित है। इसको लेकर नगर विकास विभाग ने प्रदेश के 11 प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। केंद्र सरकार इन शहरों में से जिनका चयन करेगी, उनको इलेक्ट्रिक बसों की सौगात देगी। खास बात यह है कि केंद्र सरकार फेम-2 योजना के तहत प्रत्येक इलेक्ट्रिक सिटी बस पर 45 लाख की सब्सिडी देगी। नगर विकास विभाग ने प्रदेश के नौ शहरों लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, मेरठ व शाहजहांपुर में 630 इलेक्ट्रिक बसों को चलाने के लिए प्रक्रिया शुरू करायी थी। इसके लिए टेंडर भी हुआ, लेकिन अधिक कीमतों के चलते बाद में टेंडर निरस्त कर दिया गया। बीते एक अप्रैल से भारत सरकार ने फेम-2 (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना लागू की। इस योजना के तहत सौ करोड रुपये की राशि निर्धारित की गयी है, जिसे विभिन्न मोटर वाहन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। इसमें इलेक्ट्रिक कार, हाइब्रिड कार, इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और ई-रिक्शा शामिल हैं। इनके लिए अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विकास किया जाएगा। देशभर में 2,700 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन लगाने का प्रावधान है। केंद्र सरकार के फेम-2 योजना के लागू होने के बाद नगर विकास विभाग ने एक बार फिर से नये सिरे से प्रदेश में जनता को बेहतर शहरी परिवहन सुविधा मुहैया कराने की योजना बनायी है। इसके तहत पांच और शहरों में प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय लिया। पहले नौ शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना बनी थी। बाद में मुरादाबाद, अलीगढ़, बरेली, झांसी व सहारनपुर को इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए शामिल किया गया। नगर विकास विभाग ने सभी 14 शहरों में 100-100 इलेक्ट्रिक बसों के चलाने का प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय को भेजा है।