मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत अनुदान देने की बजाय शेयर खरीदने का इरादा
दोगुनी होगी मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की राशि, मिलेगा 50 लाख तक के प्रोजेक्ट को लोन
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना पर अमल की तैयारी में जुटी सरकार, कारीगरों को 10 लाख तक के प्रोजेक्ट पर मिलेगा 35 फीसदी अनुदान
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में घोषित की गई विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना पर अमल की तैयारी में जुट गई है। योजना के तहत विभिन्न पेशे से जुड़े स्वरोजगारी कारीगरों के साथ पारंपरिक शिल्प व उद्योगों से जुड़े उद्यमियों को भी कारोबार के लिए प्रोत्साहित करने की योजना है। वहीं, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना और टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन स्कीम को भी नया जामा पहनाने का इरादा है। बीते दिनों सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग विभाग ने इन योजनाओं का खाका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया। सीएम की हरी झंडी मिलने के बाद अब इसे अमली जामा पहनाने की तैयारी तेज हो गई है।
बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से अखिलेश सरकार की ओर से शुरू की गई समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना को भी नये निजाम में नया कलेवर देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर न सिर्फ योजना का नाम बदल कर मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना किया जा रहा है बल्कि इसके स्वरूप में बदलाव के ब्लूप्रिंट को भी शीर्ष स्तर से हरी झंडी मिल गई है। समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश के मूल निवासी युवाओं को 25 लाख रुपये तक की लागत की सूक्ष्म औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए लागत की 25 फीसद धनराशि अधिकतम 6.25 लाख रुपये माॢजन मनी के तौर पर देने का प्रावधान था।
नये स्वरूप में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में इस राशि को दोगुना करते हुए 50 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है।
योजना के तहत नए उद्यम स्टार्ट अप की स्थापना के अलावा पुराने कारोबार के विस्तार के लिए भी लोन देने का इरादा है। योजना के वित्तपोषण के लिए गुजरात व कुछ अन्य राज्यों की तर्ज पर प्रदेश सरकार भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक सिडबी के साथ मिलकर वेंचर कैपिटल फंड बनाएगी। इस फंड का संचालन ट्रस्ट के माध्यम से होगा। योजना के तहत लोन के लिए आवेदन करने वाले युवाओं के प्रोजेक्ट का मूल्यांकन सिडबी की वित्तीय संस्था करेगी। जो प्रोजेक्ट लोन के लिए मंजूर किए जाएंगे, उन्हें राज्य सरकार माॢजन मनी देने की बजाय उनमें ट्रस्ट के माध्यम से शेयर खरीदेगी।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत पारंपरिक शिल्प व उद्योगों से जुड़े उद्यमियों को कारोबार के लिये 10 लाख से लेकर 50 लाख रुपये तक की लागत के प्रोजेक्ट के लिए लोन दिये जाएंगे। एमएसएमई विभाग ने जो खाका तैयार किया है उसके मुताबिक विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना योजना के दो घटक होंगे। इनमें से एक के तहत हलवाई, लोहार, सोनार, मोची, बढ़ई, नाई, कुम्हार जैसे स्वरोजगारी कारीगरों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिये 10 लाख रुपये तक की लागत के प्रोजेक्ट के लिये लोन दिया जायेगा। खास बात यह होगी कि सरकार प्रोजेक्ट लागत का 35 प्रतिशत बतौर अनुदान देगी। कारीगर को सिर्फ प्रोजेक्ट लागत की पांच फीसद राशि लगानी होगी, जबकि शेष 60 प्रतिशत बैंक लोन होगा। विभाग ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिये वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में 200 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है। विभाग ने जो योजना बनाई है उसमें उद्यमी को प्रोजेक्ट लागत का 15 प्रतिशत माॢजन मनी और पांच फीसद ब्याज उत्पादन दिया जाना प्रस्तावित है। उद्यमी को माॢजन मनी का लाभ दिया जाय या ब्याज उपादान का या फिर दोनों का। इस पर अभी मंथन जारी है।
नए कलेवर में टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन स्कीम
एमसएमई विभाग की ओर से संचालित टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन स्कीम को भी नया कलेवर देने का इरादा है। इस योजना के तहत तकनीकी उन्नयन के लिये एक करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट के लिए लोन दिलाने का प्रस्ताव है जिसमें 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी सरकार देगी। लोन देने से पहले बैंक प्रोजेक्ट का मूल्यांकन करेगा। अब तक इस योजना के तहत सरकार दो लाख रुपये बतौर अनुदान देती थी लेकिन अब इस योजना का आकार बढ़ाने के साथ उसे बैंक से जोड़ दिया गया है।