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ऊर्जामंत्री की चौखट पर पहुंचा महंगी बिजली खरीद मामला

light copyविद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन 

 

जब तक महंगी बिजली खरीद पर नहीं लगेगा अंकुश, बिजली दरों में नहीं हो सकती कमी

लखनऊ। गत दिनों घोषित बिजली दरों में कमी न होने का मुख्य कारण निजी घरानों से महंगी बिजली खरीद थी। यह मामला गुरुवार को प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकान्त शर्मा की चौखट तक पहुंच गया। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जिन निजी घरानों से महंगी बिजली की खरीद हो रही है, उसकी समीक्षा कराई जाएगी। उन्होंने राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा सौंपे गये दस्तावेज पर पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष को मामले का परीक्षण कर कार्रवाई का लिखित निर्देश दिया और ऐलान किया कि विद्युत उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिये सरकार हर उपाय करेगी। बिजली दरों में कमी न होने के मुख्य कारण निजी घरानों से महंगी बिजली खरीद पर अंकुश लगाने के लिए राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने गुरुवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से शक्ति भवन में मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा और विस्तार से चर्चा की। उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ केमहत्वपूर्ण बिंदुओं के साथ वर्ष 2018-19 के लिए बिजली कम्पनियों द्वारा निजी घरानों से जो बिजली खरीद प्रस्तावित की गयी थी, के आंकड़े पेश करते हुए उसकी एक प्रति ऊर्जा मंत्री को सौंपी और यह मुद्दा उठाया कि निजी घरानों की दरें इतनी ज्यादा क्यों हैं। क्या बिजली खरीद की सही प्लानिंग नहीं है। थर्मल बैंकिंग का मामला है या फिर बिजली खरीद के करार में कोई खामी है? इन सभी पहलुओं की उच्चस्तरीय जांच कराकर श्वेत पत्र जारी किया जाना आवश्यक है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि इन निजी घरानों से प्रस्तावित बिजली खरीद की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

वर्ष 2018-19 में प्रस्तावित बिजली दरें

उत्पादन गृह प्रस्तावित प्रति यूनिट दर (रू. में) कुल लागत (रू. में)

बजाज (बरखेड़ा) 8.56 प्रति यूनिट 241.84 करोड़
बजाज (खम्भाखेड़ा) 8.01 प्रति यूनिट 210.51 करोड़
बजाज (मकसूदपुर) 7.35 प्रति यूनिट 221.73 करोड़
केएसके महानन्दी 5.80 प्रति यूनिट 1849.49 करोड़
ललितपुर (बजाज ग्रुप) 7.14 प्रति यूनिट 5195.34 करोड़
एमबी पावर 7.43 प्रति यूनिट 929.83 करोड़
आरकेएम पावर 6.99 प्रति यूनिट 626.34 करोड़

विद्युत सरचार्ज समाधान योजना 15 तक बढ़ी

लखनऊ। छोटे विद्युत उपभोक्ताओं, ग्रामीणों और किसानों के लिये लागू की गयी सरचार्ज समाधान योजना को 15 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। यह निर्णय गुरुवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने समीक्षा बैठक के बाद लिया। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरचार्ज समाधान योजना का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स है। मैने खुद कई कैम्पो का निरीक्षण किया, जहां काफी संख्या में उपभोक्ता इस योजना का लाभ लेते दिखे। उन्होंने निर्देश दिया कि त्रुटिपूर्ण बिलों को ठीक कराने में और तेजी लायी जाये। एसडीओ प्रत्येक कैम्प में बिल रिवीजन के लिए पूरे समय उपस्थित रहें। उल्लेखनीय है कि इस योजना में अब तक लगभग 11 लाख उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है और सरचार्ज के रूप में 500 करोड़ रूपये की छूट दी गयी है। यह योजना ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों के घरेलू, व्यावसायिक के 2 किलोवाट तथा कृषि श्रेणी के सभी उपभोक्ताओं के लिये लागू है। इसमें 100 प्रतिशत ब्याज माफ होता है। योजना में रजिस्ट्रेशन सभी ई-सुविधा केन्द्रों, कलेक्शन सेन्टर पर कराया जा सकता है। प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उप्र पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि उपभोक्ता को बिल में दर्शाये गये मूलधन का न्यूनतम 30 प्रतिशत जमाकर पंजीकरण कराना है। रजिस्ट्रेशन के 15 दिन के अन्दर एसएमएस या पत्र के माध्यम से संशोधित बिल की सूचना भेजी जाएगी। पंजीकरण कराने वाले उपभोक्ता 31 मार्च तक बिल जमाकर लाभ ले सकते है।

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