बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। देश में इस वर्ष पहली अप्रैल से बने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य होगा। हालांकि वाहन खरीदने वालों को इसके लिए अलग से कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी। ऑटोमोबाइल कंपनियां हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का खर्चा वाहन की कीमत में ही शामिल करेंगी। वहीं, यह नंबर प्लेट लगाने की जिम्मेदारी वाहन बेचने वाले डीलरों को सौंपी गई है।
परिवहन विभाग ने परिवहन मंत्रालय की अधिसूचना के आधार पर प्रदेश में नई व्यवस्था को लागू कर दिया है। इस संबंध में बीते बुधवार को लखनऊ के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) राघवेंद्र सिंह ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित कार्यालय में डीलरों के साथ में बैठक की और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की जिम्मेदारी सौंपी।
आसानी से पकड़ में आएंगे वाहन
परिवहन विभाग मुख्यालय के संभागीय परिवहन अधिकारी (आईटी) संजय नाथ झा के मुताबिक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगने के बाद आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने वाले वाहन आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। चूंकि इस प्लेट में नंबर लेजर से अंकित किए जाते हैं, जिससे खुफिया कैमरे उसे आसानी से स्कैन कर लेते हैं।
ऐसे लगाएंगे डीलर नंबर प्लेट
राघवेंद्र सिंह के मुताबिक वाहन कंपनियां हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने के लिए अधिकृत वेंडर नियुक्त करेंगी। यह वेंडर नंबर प्लेट तैयार करके वाहन डीलरों को देगा। डीलर जो वाहन बेचेंगे, उसे आरटीओ का रजिस्ट्रेेशन सर्टिफिकेट देते समय उस पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाया जाएगा।
वेंडर ही बनाएगा दूसरी
नंबर प्लेट
वाहन पर लगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट टूटने की स्थिति में दूसरी प्लेट भी वही वेंडर बनाएगा, जिसने पहली बनाई थी। हालांकि यह नंबर प्लेट डीलर के जरिये ही बनेगी, पर वाहन मालिक को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की विशेषताएं
प्लेट पर बाईं तरफ बीच में नीले रंग से अंग्रेजी में इंडिया लिखा होगा।
प्लेट पर क्रोमियम बेस एक हॉलोग्राम होगा।
प्लेट पर सात अंकों का आईडी नंबर होगा।
प्लेट के कोने राउंड होंगे। इसके ऊपर लेजर से नंबर लिखे होंगे।
प्लेट एक बार वाहन में लग जाएगी तो उसे खोला नहीं जा सकेगा।