अटल बिहार बाजपेई के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती नगर स्टेशन पर रेलवे ने एक भी ट्रेनों को नहीं दिया है ठहराव
बाघ एक्सप्रेस के ठहराव के आदेश के बाद ट्रेन को उत्तर रेलवे में कर दिया गया शिफ्ट
1910 करोड़ रुपये से विकसित किया जा रहा गोमती नगर टर्मिनल
लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती नगर स्टेशन को काफी जद्दोजहद के बाद टर्मिनल बनाये जाने की शुरुआत तो हो गयी लेकिन टर्मिनल बनाये जाने के बावजूद रेलवे महकमे की ओर से इस स्टेशन पर एक भी ट्रेनों को ठहराव नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि यह कैसा टर्मिनल स्टेशन बनाया जा रहा है, जहां पर एक भी ट्रेनों का ठहराव नहीं है। जबकि टर्मिनल बनाये जाने की योजनाओं के अंतर्गत इस ऐतिहासिक स्टेशन से तमाम ट्रेनों को चलाये जाने की घोषणा भी रेलवे प्रबंध तंत्र ने की है। बावजूद इसके रेलवे महकमा नाम बड़े और दर्शन छोटे की तर्ज पर काम करता नजर आ रहा है। टर्मिनल बनाये जाने की योजना के तहत स्टेशन को थ्रीपी मॉडल के जरिए व्यावसायिक रुप से विकसित किया जाना है। साथ ही यहां पर आधा दर्जन प्लेटफाम भी बनाये जाने हैं। रेलवे ने बीते जुलाई माह में हावड़ा से काठगोदाम के बीच चलने वाली 13019-13020 हावड़ा- काठगोदाम बाघ एक्सप्रेस का ठहराव गोमती नगर स्टेशन पर किया था। रेलवे के इस कदम से गोमती नगर और आसपास रहने वाले लोगों को काफी फायदा मिलने का दावा भी किया गया था। लेकिन कुछ दिनों बाद ही इस ट्रेन को उत्तर रेलवे में शिफ्ट कर दिया गया। जिसके बाद यह ट्रेन मल्हौर से सीधे चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचने लगी। ऐसे में यह आदेश भी महज कागजी ही साबित हुआ। उल्लेखनीय है कि गोमती नगर टर्मिनल डिवेलप करने में 1910 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका काम नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कम्पनी (एनबीसीसी) को सौंपा गया है।
करोड़ों रुपये से बन रही वाशिंग पिट
गोमती नगर स्टेशन पर भले ही किसी ट्रेन का ठहराव नहीं हो रहा है लेकिन एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाये जाने वाले स्टेशन पर ट्रेनों की धुलाई के लिए वाशिंग लाइन पिट भी बनायी जा रही है। करोड़ों रुपये की लागत से बन रही वाशिंग लाइन पिट में एक साथ दो ट्रेनों की धुलाई हो सकेगी।
रेलवे ऐशबाग से चला रहा ट्रेनें
शहर के महत्वपूर्ण स्टेशनों माने जाने वाले गोमती नगर स्टेशन पर जहां एक भी ट्रेनों का ठहराव नहीं है, वहीं ऐशबाग रेलवे स्टेशन से हाल ही में मेमू समेत कुछ ट्रेनों का संचालन शुरु कराया गया है। ये ट्रेनें अब लखनऊ जं. से संचालित नहीं की जाती हैं, जबकि आवागमन की सुलभी व्यवस्था की बात की जाय तो ऐशबाग रेलवे स्टेशन तक पहुंचना यात्रियों के लिए हमेशा से ही सरदर्द रहा है।
वेटिंग के बावजूद नहीं बढ़ाये जा रहे कोच
गोमती नगर स्टेशन से महज एक ट्रेन का संचालन लखनऊ से गोरखपुर तक के लिए किया जाता है। शुरुआती दिनों को छोड़कर मौजूदा समय में गोरखपुर से आवागमन करने वालों में इस ट्रेन की बड़ी डिमांड यात्रियों में है। इस ट्रेन में थर्ड एसी का एक ही कोच लगाया गया है, जिसके चलते थर्ड एसी टिकट की लंबी वेटिंग बनी रहती है। ऐसे में लंबे समय से ट्रेन में थर्ड एसी का कोच बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है। लेकिन रेलवे अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ठेके पर चल रहे टिकट बुकिंग काउंटर
1910 करोड़ रुपये से विकसित किये जा रहे गोमती नगर टर्मिनल स्टेशन पर आज भी टिकट बुकिंग काउंटर ठेके पर चल रहे हैं। यह हाल तब है जब स्टेशन पर एक एसएस की भी तैनाती कर दी गयी है। लेकिन रेलवे महकमे को टिकट बुकिंग व्यवस्था में बदलाव की याद नहीं आई।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) और रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट (रेरा) की ओर से गोमती नगर स्टेशन पर व्यावसायिक उपयोग के लिए बनायी जाने वाली बिल्डिंग के लिए अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलते ही बिल्डिंग बनाये जाने का काम तेज होगा।
संजय यादव, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पू. रेलवे
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