मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) को नि:शुल्क करने का फैसला किया है।
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक के बाद गुरुवार को जारी ‘विकासशील एवं नियमाक नीति बयान’ में कहा गया है कि इसके बारे में एक सप्ताह के भीतर अनुदेश जारी किये जायेंगे। बयान के अनुसार, “डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली को शुल्क मुक्त बनाने का फैसला किया गया है। इसके बाद बैंकों को भी इस फैसले का लाभ अपने ग्राहकों को देना होगा।”
फिलहाल आरबीआई आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली के जरिये हुये लेनदेन के लिए बैंकों से शुल्क लेता है जिसके बदले बैंक ग्राहकों से इसके लिए शुल्क वसूलते हैं। नेटबैंकिंग के जरिये ऑनलाइन लेनदेन तीन तरीके से किया जाता है। आरटीजीएस और एनईएफटी के अलावा आईएमपीएस यानी तत्काल भुगतान सेवा की भी एक प्रणाली है जिसका शुल्क एनईएफटी से ज्यादा होता है।
बयान में आईएमपीएस के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। आरटीजीएस सिर्फ दो लाख रुपये या उससे ज्यादा की राशि के लेनदेन के लिए इस्तेमाल होता है जबकि आईएमपीएस का इस्तेमाल सिर्फ दो लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए हो सकता है।