- अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया गया जेपीएनआईसी
- गोमती नगर विस्तार में बना क्रिकेट स्टेडियम दिलायेगा राजधानी को नई पहचान
- गोमती रिवर फ्रंट, जनेश्वर मिश्र पार्क आदि परियोजनाओं ने बनाई शहर की नई तस्वीर
- जांच के नाम पर अधिकतर योजनायें हुई बाधित
शैलेन्द्र यादव
लखनऊ। एलडीए की सरकारी वेवसाइट खोलते ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में कराये गये कार्यों की लम्बी फेहरिस्त दिखाई देती है। योगी सरकार के लगभग डेढ़ वर्ष बीतने को हैं बावजूद इसके आज भी लखनऊ विकास प्राधिकरण की पहचान अखिलेश यादव के कार्यकाल की योजनायें ही हैं। इसकी पुष्टि प्राधिकरण की वेबसाइट बखूबी करती है।
इन योजनाओं में जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर, जनेश्वर मिश्र पार्क, गोमती रिवर फ्रंट और इकाना क्रिकेट स्टेडियम आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा पुराने लखनऊ में हेरिटेज जोन के सौन्दर्यीकरण के कार्य में भी प्राधिकरण की उपयोगी भूमिका है। प्राधिकरण सूत्रों की मानें तो एलडीए की वेवसाइट पर अखिलेश सरकार के कार्यों की यह फेहरिस्त इसलिये भी दिखती है क्योंकि योगी सरकार के कार्यकाल में अभी तक इन परियोजनाओं जैसी या इससे बेहतर कोई परियोजना प्रारम्भ नहीं हुई है।
जानकारों की मानें तो जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर, जेपीएनआईसी को सिर्फ प्रदेश में ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी जाना जायेगा। बीच में इस इमारत की खूबियां अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल पर दिखाने की योजना भी बनी थी। यह बिल्डिंग अपने इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर को लेकर चर्चा में है। इसको देखते हुये बीते दिनों नेशनल जियोग्राफिक चैनल अपने एक शो मेगास्ट्रक्चर्स के लिए डाक्यूमेंट्री बनाने के लिए यहां आया भी था। एलडीए अधिकारियों की मानें तो बीते वर्ष चैनल की ओर से एक टीम ने संपर्क किया था। इससे पहले भी जेपीएनआईसी का एक बार निरीक्षण किया गया था।
गौरतलब है कि जेपीएनआईसी बिल्डिंग के चुनाव की मुख्य वजह इसका कठिन और बेहतरीन डिजाइन बताया जा रहा है। यह बिल्डिंग लगभग 75 हजार वर्ग मीटर में फैली है। 16 मंजिला इस इमारत में ओलम्पिक साइड के स्वीमिंग पुल से लेकर टेनिस कोर्ट की सुविधा है। इसमें 2-7 मंजिल तक स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स और 8-16 मंजिल तक 117 कमरे वाला गेस्ट हाउस बनाया गया है। अखिलेश सरकार की इस परियोजना से राजधानी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलनी तय है। इसके अलावा अखिलेश सरकार में राजधानी के गोमती नगर विस्तार में बनाये गये जनेश्वर मिश्र पार्क, गोमती रिवर फ्रंट और इकाना क्रिकेट स्टेडियम भी अपनी खाशियतों के लिये पहचाने जाते हैं।
पर, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद तत्कालीन सपा सरकार की अधिकतर निर्माणाधीन सिग्नेचर परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की खोज करने के लिये जांच बिठाई गई। इस दौरान इन परियोजनाओं की स्थिति बदहाल भी हुई। पर, अब तक कथित भ्रष्टाचार के आरोप में किसी भी जिम्मेदार को योगी सरकार सजा नहीं दिला पाई है और न इन परियोजनाओं से बेहतर कोई नई परियोजना का श्रीगणेश कर पाई है।