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औद्योगिक विकास को तरजीह

बनेगी नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी, तीन औद्योगिक शहर प्रस्तावित
इस वर्ष युवा स्वरोजगार योजना में 25 हजार युवाओं को लाभ देगी राज्य सरकार
योजना में 21 फीसदी अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग होंगे शामिल
वाराणसी, गोरखपुर में होगी हस्तशिल्प केन्द्रों की स्थापना

बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ।
सूबे में निवेशकों को आकॢषत करने, उद्यमियों की समस्याओं का शीघ्र निपटारा करने, नये उद्योगों की स्थापना करने, स्वरोजगार और रोजगार सृजन को योगी सरकार ने तरजीह दी है। इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार नई औद्योगिक निवेश नीति लाएगी। सीएम ने जल्द ही इसे अंतिम रूप देने को कहा है। साथ ही उद्यमियों की समस्याओं के निस्तारण, उद्योग लगाने के नियम और प्रक्रियाओं को सरल किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर और वाराणसी में हस्तशिल्प केन्द्र विकसित करने एवं प्रदेश के युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना भी जल्द शुरू करने के निर्देश दिये हैं।
Yogi_Cabinet_Twitter

सूबे में औद्योगिक प्रोत्साहन और रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिए यूपी में तीन औद्योगिक शहर बसाये जायेंगे। ये शहर अमृतसर-कोलकाता डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के किनारे खुर्जा, कानपुर के भाऊनगर और इलाहाबाद के पास बसाये जायेंगे। तीनों औद्योगिक शहर 5000 एकड़ में होंगे। इन शहरों में अलग-अलग तरह के औद्योगिक इकाइयां विकसित की जायेंगी। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकार में शुरू हुई ट्रांस गंगा सिटी उन्नाव, सरस्वती हाईटेक सिटी इलाहाबाद, थीम पार्क आगरा, मेगा फूड पार्क बहेड़ी में आ रही सभी दिक्कतों को दूर किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा, उद्योगों की स्थापना के लिये भूमि अधिग्रहण किसानों की सहमति से किया जाय। नियमों व प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने और एनओसी जारी करने में कम से कम समय लिया जाय। उद्यमियों के प्रार्थना पत्रों की ऑनलाइन फाइलिंग और समयबद्ध ढंग से उन पर निर्णय लेने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया।

सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना प्रारम्भ करके इस वर्ष 25,000 युवाओं को काम उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। इस योजना में 21 फीसद अनुसूचित जाति व जनजाति के लाभाॢथयों को भी लाभांवित कराने को कहा है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, युवा स्वरोजगार योजना, निर्यात संवर्धन योजना, क्लस्टर विकास योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं तकनीकी उन्नयन व ब्याज उपादान योजना के तहत मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में कम से कम 1,19,000 रोजगार सृजन करने को कहा है।

वहीं सूबे के औद्यागिक विकास मंत्री सतीश महाना ने विधानभवन में औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों व अधिकारियों की बैठक में कहा कि नई सरकार उद्यमियों की समस्याओं को दूर कर पूंजी निवेश का बेहतरीन मौका देना चाहती है। औद्योगिक संगठन व उद्यमी अविश्वास के भाव को छोड़कर विश्वासपरक सकारात्मक भाव से कार्य करें, जिससे सशक्त औद्योगिक वातावरण बन सके। औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति की रिपोर्ट १५ दिन में तैयार करने के लिये सरकार ने आवश्यक निर्देश दे दिये हैं।


दो अरब का बनेगा कारपस फंड

उत्तर प्रदेश में एसएमई वेन्चर कैपिटल फण्ड के लिए 200 करोड़ रुपये के कारपस फण्ड की स्थापना की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैपिटल फण्ड के लिए जरूरी सेबी मुंबई में पंजीकरण कराया जाय। मुख्यमंत्री ने जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों को कार्पोरेट लुक देने, हस्तशिल्प विक्रेताओं को ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों से जोडऩे और प्रदेश के शिल्पकारों द्वारा बनाई जाने वाली कलाकृतियों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए विस्तृत कार्ययोजना महीने भर में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। साथ ही विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत एक वर्ष में 6,375 इकाइयों के जरिए 24,000 रोजगार सृजन कराने और जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों को निकट भविष्य में आधुनिक व तकनीकी साज-सज्जा से जोडऩे के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है।


अधूरी परियोजना सौ दिन में पूरी कराये

मुख्यमंत्री ने एसाईड योजना में निर्यात बाहुल्य जिलों में अवस्थापना कॉमन फैसिलिटी सेंटर सुविधाओं के विकास को प्रस्तावित 101 परियोजनाओं में से अवशेष 12 को भी सौ दिन में पूर्ण करने की हिदायत दी है। हस्तशिल्पियों को पेंशन और उद्योगों में नयी प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिये हैं। बुंदेलखंड व पूर्वांचल में लघु उद्यमों को स्थापित कर अधिकतम रोजगार के मौके उपलब्ध कराने और चिकन उद्योग बढ़ावा देने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही यूपीआइडी लखनऊ के अधीन वाराणसी व गोरखपुर में केन्द्रो की स्थापना को डीपीआर तैयार करने के निर्देश भी दिये हैं।

योजनाओं से हटेगा समाजवादी शब्द
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी नाम से चल रही सभी योजनाओं का नाम मुख्यमंत्री योजना करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने उच्चधिकारियों की बैठक में निर्देश दिया कि अब केवल मुख्यमंत्री के नाम से योजनायें चलेंगी। वहीं केन्द्रीय योजनाओं का नाम नहीं बदला जायेगा। अखिलेश सरकार ने समाजवादी नाम से कई योजनायें शुरू की गई थी। पेंशन, आवास और इसी तरह अन्य कई योजनाओं में समाजवादी शब्द जोड़ा गया था।

नई सरकार पूंजी निवेश का बेहतरीन मौका देना चाहती है। औद्योगिक संगठन व उद्यमी अविश्वास के भाव को छोड़कर विश्वासपरक सकारात्मक भाव से कार्य करें, जिससे सूबे में सशक्त औद्योगिक वातावरण बन सके। उद्यमियों की समस्याओं का निपटारा सिंगल विंडो सिस्टम के तहत शीघ्रता से कराया जायेगा।
सतीश महाना, मंत्री, औद्यागिक विकास

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