देश में बांटे गये एलईडी बल्बों में सबसे अधिक 1.90 प्रतिशत यूपी में खराब हुए एलईडी बल्ब
केंद्र की उजाला योजना के तहत ईईएसएल कंपनी ने बांटे एलईडी बल्ब
प्रदेश में ईईएसएल कंपनी ही लगा रही स्मार्ट मीटर
उपभोक्ता पुरानी टेक्नोलॉजी व मीटर तेज चलने की कर रहे बड़ी संख्या में शिकायत
एलईडी के हश्र को देखते हुए स्मार्ट मीटर को लेकर भी उठ रहे सवाल
लखनऊ। बिजली बचत के मकसद से ऊर्जा मंत्रालय के अधीन ईईएसएल कंपनी द्वारा बांटे गये एलईडी बल्बों में सबसे अधिक 1.90 प्रतिशत एलईडी उत्तर प्रदेश में खराब हो रही है। एलईडी बल्बों के लगातार खराब होने की बढ़ती शिकायतों पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस मामले की पारदर्शी तरीके से जांच करायी जाय तो यह संख्या और अधिक होगी। उन्होंने यह भी सवाल खड़ा किया कि जिस कंपनी ने एलईडी बल्ब बांटे हैं, उसी कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर भी लगाए जा रहे हैं। इसलिए स्मार्ट मीटरों की गुणवत्ता पर भी सवालिया निशान लगना निश्चित है। विद्युत मंत्रालय के अधीन संयुक्त उद्यम कंपनी एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लि.(ईईएसएल) द्वारा प्रदेश में लगाये जा रहे पुराने टेक्नोलॉजी 2जी व 3जी के 40 लाख स्मार्ट मीटर का मामला अभी चल ही रहा था कि अब ईईएसएल द्वारा बांटे गये एलईडी बल्बों के खराब होने का मामला सामने आ गया। केंद्र सरकार की उजाला स्कीम के तहत वितरित किये गये एलईडी बल्बों का हाल बुरा है। बीते दिनों राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में चर्चा उठी तो उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक तय मानक मूल्यांकित दोष एक प्रतिशत से ज्यादा 1.90 प्रतिशत निकला। उपभोक्ता परिषद का मानना है कि भारत सरकार ने यह अध्ययन एक निजी कंसल्टेंट कंपनी पीडब्लूसी से कराया है, इसकी तकनीकी आडिट करा ली जाय तो स्वत: चौंकाने वाला मामला सामने आएगा और यदि पारदर्शी तरीके से किसी उच्च स्तरीय सरकारी एजेंसी से कराया होता तो उत्तर प्रदेश में खराब एलईडी बल्बों का प्रतिशत कहीं ज्यादा निकलता। फिर भी उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा एलईडी बल्बों के खराब होने की घटना चिंताजनक है, और वह भी इसलिए क्योंकि उत्तर प्रदेश में इसी कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं और उपभोक्ता अभी से उसमें तेज चलने की शिकायत करने लगे। उपभोक्ता परिषद ने केंद्र व प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि ईईएसएल कंपनी द्वारा वितरित किये एलईडी बल्ब व लगवाये जा रहे स्मार्ट मीटर की सीएजी से तकनीकी ऑडिट करायी जाय। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पूरे देश के 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 28 जून तक 35 करोड़ 16 लाख से अधिक एलईडी बल्ब ईईएसएल कंपनी द्वारा लगाये गये हैं, उसमें देश के उन राज्यों में जिसमें एक प्रतिशत से अधिक एलईडी बल्व खराब हुये उनकी स्थिति चौंकाने वाली है। अब खराब एलईडी बल्बों को बांटने वाली कंपनी ही उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर भी खरीद कर लगवा रही है। ऐसे में आने वाले समय में यदि इसमें कोई बड़ी गड़बड़ी व विफलता साबित होती है तो इसकी गारंटी कौन लेगा। इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि पूरे प्रदेश में गारंटी पीरिएड में खराब हो रहे एलईडी बल्बों को बदलने के लिए उपभोक्ता बल्बों को बदलने के लिए चक्कर काट रहे हैं और कोई सुनने वाला नहीं है।
35 करोड़ से अधिक बांटे गये एलईडी बल्ब
आंकड़ों की मानें तो पूरे देश में 35.16 करोड़ एलईडी बल्ब ईईएसएल द्वारा बांटे गये हैं। इसमें कई बड़े राज्यों में एक प्रतिशत से अधिक एलईडी बल्ब खराब होने की रिपोर्ट है। सबसे ज्यादा उप्र और मप्र में 1.90 प्रतिशत एलईडी बल्ब खराब हुए हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर, बिहार और झारखंड में 1.70 प्रतिशत एलईडी बल्ब खराब हुए। इसका खुलासा हाल ही में राज्यसभा में रखी गई एक रिपोर्ट में हुआ है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इन आंकड़ों को जारी करते हुए सवाल उठाया है कि भारत सरकार ने यह अध्ययन एक निजी कंसल्टेंट कंपनी से करवाया है। अगर बांटे गये बल्बों की तकनीकी जांच करवाई जाए तो प्रदेश में खराब होने वाले एलईडी बल्बों की संख्या अधिक निकलेगी।
यूपी में खराब हो रहे सबसे अधिक बल्ब
राज्य विफलता दर
उत्तर प्रदेश 1.90
मध्य प्रदेश 1.90
जम्मू-कश्मीर 1.70
बिहार 1.70
झारखंड 1.70
गुजरात 1.60
छत्तीसगढ़ 1.40
हरियाणा 1.20
संघशासित क्षेत्र 1.00