- कागजों में ही सिमट गईं जनता सुविधा से जुड़ीं तमाम सुविधाएं
- योजनाएं शुरू करने को आश्वासन तो दिए गए, लेकिन अभी तक क्रियांवित नहीं हो सके
- स्मार्ट पार्किंग से लेकर वेंडिंग जोन तक को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। शहर की जनता को सुविधाएं दिलाने के लिए नगर निगम की ओर से योजनाएं तो बनाई जाती हैं लेकिन समय के साथ ये योजनाएं कागजों में ही सिमट कर रह जाती हैं। जिससे जनता को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। निगम प्रशासन के जिम्मेदार अफसर हर बार यही आश्वासन देते हैं कि जल्द ही योजना शुरू होगी लेकिन हकीकत यह है कि योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ देती है। पिछले छह माह की बात करें तो निगम की ओर से जनता सुविधा से जुड़ी कई योजनाओं का खाका खींचा गया, जो गुजरते समय के साथ उदासीनता की भेंट चढ़ गया। इन योजनाओं को यदि समय से अमलीजामा पहनाया जाता तो आज राजधानी का स्वरूप कुछ बदला हुआ नजर आता। लेकिन लखनऊ नगर निगम को कागजों का महल बनाने की आदत ही कुछ ऐसी लग चुकी है कि इससे वे और वहां के कर्मचारी- अधिकारी उभर ही नहीं पा रहे है। आज नगर निगम के पास दर्जनों योजना तैयार है, लेकिन फाइलों में कागजों की शक्ल में कैद है। कोई एक योजना भी ऐसी नहीं है, जो जमीं पर दिखाई दे, जिससे शहर की जनता को ये एहसास हो पाये कि उनके द्वारा भरे जाना वाला टैक्स सही दिशा में जा रहा है। जहां निगम का कोई कार्य रूकता है बस राजस्व का रोना आ जाता है। ये रोना निगम के अधिकारी ही नहीं बल्कि पार्षद और मेयर तक आसानी से सुना जा सकता है।
सुविधाओं पर निगम का ग्रहण
इनमें से कई योजनाओं को सदन में भी लाया गया था लेकिन पक्ष व विपक्ष के एक मत न होने की वजह से भी योजनाओं को क्रियांवित नहीं किया जा सका। वहीं निगम प्रशासन की ओर से भी योजनाओं को क्रियांवित करने के लिए कोई संजीदगी नहीं दिखाई जा रही है, जिससे शहरवासियों को मिलने वाली सुविधाओं पर ग्रहण लगता ही नजर आ रहा है। यदि निगम प्रबंधन चाहे तो इन योजनाओं को आसानी से लागू कर सकता है, लेकिन इच्छाशक्ति की कमी के चलते योजनाएं डूबती हुई नजर आ रही है।
इन योजनाओं का भी इंतजार
- सड़क पर पान मसाला थूकने वालों को शर्मपत्र दिया जाना
अतिक्रमण करने वालों की फोटो चौराहों पर लगाया जाना
स्ट्रीट लाइट की समस्या दूर करने को कंपनी का लोकल टोल फ्री नंबर
निगम का फेसबुक व ट्विटर पर एक्टिवेशन
वेबसाइट पर अपडेशन नहीं होना
जनता से जुड़ी जितनी भी सुविधाओं को लेकर योजनाएं बनाई गई हैं, उन्हें दिसंबर के अंत तक क्रियांवित करा दिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि आखिर अभी तक योजनाएं क्रियांवित क्यों नहीं हो सकी हैं।
संयुक्ता भाटिया, मेयर