रसूख के आगे नतमस्तक हो जाता है विभाग
पिछले कई सालों से एक ही जिले के आरटीओ कार्यालय में जमे हैं 220 सिपाही
लखनऊ। परिवहन विभाग में कई सालों से एक ही जगह पर तैनात सिपाहियों का जल्द ही तबादला किया जा सकता है। इसके लिए विभाग ने लिस्ट तैयार करना शुरू कर दिया है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस बात पर हैरान हैं कि नई तबादला नीति के तहत यदि तबादले हुए भी तो आधे से अधिक सिपाही अपनी मनपसंद जगहों पर ही तैनात रहेंगे। वहीं कुछ का रसूख इतना तगड़ा है कि परिवहन विभाग भी इनके आगे मानो नतमस्तक हो जाता है। कुशीनगर में तैनात साहब जाद सिंह, गाजियाबाद में ए के श्रीवास्तव, वीरेन्द्र कुमार, वाराणसी में वीके बाजपेयी, अजीत वर्मा, मिर्जापुर में अमित, इलाहाबाद में आदित्य पिछले 15 से 20 सालों से एक ही जगह पर तैनात हैं। ऐसे सिपाहियों की संख्या 200 से ऊपर है। नियम के तहत परिवहन विभाग में 750 सिपाही होने चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में इनकी संख्या 400 के आसपास ही है। इनमें आरटीओ कार्यालय में तैनात 220 सिपाही ऐसे हैं, जो पिछले कई सालों से एक ही जिले में जमे हैं। लेकिन इन सभी को हटाया नहीं जा सकता है। 20 प्रतिशत से अधिक सिपाहियों का तबादला न हो पाने के कारण अधिकांश सिपाही अपनी जगह पर ही तैनात रहेंगे। गाजियाबाद में परिवहन विभाग के सिपाहियों की संख्या 20 है तो वाराणसी में एक दर्जन सिपाही तैनात हैं। इलाहाबाद में तैनात सिपाहियों की संख्या छह है।
ऊंची पहुंच से रुतबा कायम
कई सिपाहियों का तबादला भी कई बार किया गया, लेकिन अपनी ऊंची पहुंच के चलते यह सिपाही वापस अपनी पोस्टिंग मनचाही जगह पर करा लेते हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जो वापसी नहीं कर पाते वह अपनी पोस्टिंग तो कहीं दिखाते हैं लेकिन खुद को वहां से सम्बद्ध करा लेते हैं जहां वह चाहते हैं। यह सिपाही ही एआरटीओ और आरटीओ को शहर से जुड़ी सभी जानकारी देते हैं। इनके इशारे पर ही आरटीओ और एआरटीओ काम भी करते हैं।
एक नजर
220 सिपाही पिछले कई सालों से एक ही आरटीओ ऑफिस में हैं तैनात
750 सिपाही होने चाहिए नियम के तहत
400 से अधिक सिपाही अभी हैं तैनात
कई सालों से एक ही जिले में हैं बहुत सारे तैनात
20 प्रतिशत भी बदले गए तो भी सभी के नहीं हो पाएंगे तबादले
पिछले कई सालों से एक ही जगह पर तैनात सिपाहियों को हटाया जाएगा। इनकी लिस्ट तैयार की जा रही है। परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर फैसला लिया जाएगा।
के. रविंद्र नायक, परिवहन आयुक्त