लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट आउटर रिंग रोड को बनाने में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और ठेकेदार कंपनी की लापरवाही सामने आई है। जमीन के नीचे मौजूद पाइपलाइन को बिना हटाए ही ठेकेदार कंपनी ने सड़क बना दी। इससे बीते बुधवार की बारिश में ऑउटर रिंगरोड की 30 मीटर सर्विस लेन धंस गई।
इस वजह से सर्विस लेन पर ट्रैफिक बाधित हो गया। इसके बाद एनएचएआई ने यहां से ट्रैफिक बंद करा दिया। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार कंपनी को सर्विस लेन दोबारा से बनाने के लिए कहा गया है। 48 घंटे में सर्विस लेन को ठीक कर ट्रैफिक शुरू कर दिया जाएगा।
सवाल इस बात को लेकर उठ रहे है कि देश के वर्तमान रक्षामंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर ऐसी हीलाहवाली देखने को मिल रही है। पहली ही बारिश ने आउटर रिंग रोड पर जो दरारें आयी उसके पीछे की कहानी तो खूब बताई जा रही है। लेकिन ये सच्चाई है कि एनएचएआई ने पहले इन सब खामियों को देखा होता तो साल भीतर ही आउटर रिंग रोड खोखली होती हुई नहीं दिखाई देती।
मजे की बात ये है कि रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट आउटर रिंग रोड का जिले में 14 किमी का हिस्सा पहली बारिश में ही जवाब दे गया है। अब आगे का निर्माण कैसा और कितना सुरक्षित बनेगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
आउटर रिंग रोड का उद्धघाटन तत्कालीन गृहमंत्री (मौजूदा रक्षामंत्री) राजनाथ सिंह ने परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के साथ 7 मार्च 2019 में किया था। इस मार्ग के निर्माण का कार्य अभी चार माह पूर्व ही पूरा हुआ है। लेकिन किसी को क्या पता था कि पहली बारिश में ही यह मार्ग इस तरह से दगा दे जाएगा कि मार्ग पर आवागमन बंद करने की नौबत आ जाएगी।
बिना जांच पाइपलाइन बताई वजह
सड़क धंसने का कारण एनएचएआई के अधिकारी नीचे मौजूद एक पुरानी पाइपलाइन को बता रहे हैं। उनका कहना है कि आसपास किसी आबादी के मौजूद नहीं होने से पाइपलाइन के नीचे डाले जाने की उम्मीद नहीं थी। ठेकेदार कंपनी ने भी बिना जांच किए पाइपलाइन के ऊपर ही सुरक्षा दीवार और सर्विस लेन बना दी। मिट्टी का कटान पाइपलाइन की वजह से हुई और इससे ही सड़क धंसी। लेकिन ऐसा भी तो हो सकता है कि ये भ्रष्टïाचार पर लीपापोती करने के लिए बताया जा रहा हो। यदि ऐसा नहीं होता तो एनएचएआई इसकी जांच जरूर करवाता और कंपनी के खिलाफ एक्शन लेता।
लापरवाही की जांच तक नहीं हुई
पहली बारिश में ही मार्ग धंसने की सूचना मिलते ही एनएचआई के अधिकारियों के हड़कंप मच गया है और मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। सीमेंट गिट्टी की ढलाई कर मार्ग को सही करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है जिससे मार्ग के निर्माण में जो कमियां सामने आ रही हैं उनको छिपाया जा सके।
पांच साल तक ठेकेदार कंपनी करेगी देखभाल
एनएचएआई के परियोजना निदेशक पी. शिवशंकर का कहना है कि आउटर रिंग रोड के निर्माण में लगी कंपनियों को पांच साल तक देखभाल और मरम्मत का काम करना है। यह उनके अनुबंध में शामिल है। ऐसे में अगर लापरवाही से सड़क धंसती है तो यह काम दोबारा कंपनी करेगी। इसके लिए जरूरी 10 प्रतिशत परफॉर्मेंस गारंटी भी जमा कराई गई है।
पड़ताल में खामी आयी सामने
जिले की सीमा में आउटर रिंग रोड़ का निर्माण अनौरा कला से लेकर कुर्सी मार्ग तक करीब 14 किमी तक किया गया है। इस मार्ग के निर्माण पर करीब चार सौ करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हुई है। अनौरा चौकी से लेकर बबुरीगांव तक आउटर रिंग रोड की कि गई पड़ताल में जो तस्वीर सामने आई है उससे साफ है कि पहली बारिश भी आउटर रिंग रोड झेल नहीं पायी है।
करीब दस दिन पहले रिंग रोड का एक हिस्सा बारिश की वजह से धस गया था। उसकी मरम्मत की गई थी किन्तु बीते बुधवार को बारिश के बाद कई स्थानों पर रिंग रोड धंस जाने के कारण निर्माण के गुणवत्ता की पोल खुल गई है। मार्ग धंसने की पड़ताल में ये भी पता चला कि मूसलाधार बारिश में यह मार्ग माती पुल के पास, मुरादाबाद मोड़ के निकट, चकहार गांव के पास, बबुरिहा मोड़ के निकट और जमुवासी मोड़ के पास जगह- जगह धंस गया था। जिससे कराए गए निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगने लगे हैं।