Breaking News
Home / उत्तर प्रदेश / गर्मियों में विद्युत आपूर्ति के स्तर को बनाये रखना होगी जटिल चुनौती

गर्मियों में विद्युत आपूर्ति के स्तर को बनाये रखना होगी जटिल चुनौती

शत प्रतिशत विद्युत कनेक्शन का लक्ष्य हासिल करने के बाद ऊर्जा क्षेत्र की बढ़ी चुनौती

निजी क्षेत्र की मदद से बिजली की मांग और आपूर्ति में कम हुआ अंतर

ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए अभी भी लगानी पड़ेगी लंबी दौड़

light copyलखनऊ। दशकों तक बिजली की किल्लत का दंश झेलने वाले उत्तर प्रदेश ने बीते साल ऊर्जा क्षेत्र में स्वावलंबन की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाये मगर बिजली विभाग की अग्नि परीक्षा आगामी गर्मी के मौसम में होगी। जनसंख्या के मामले में देश में अव्वल इस राज्य में बिजली दशकों तक अहम समस्या रही है। हर मौसम विशेषकर गॢमयों में बिजली को लेकर प्रदर्शन और उपकेन्द्रों में तोडफ़ोड़ की घटनाएं यहां आम हो चुकी हैं। तकरीबन हर चुनाव में बिजली एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन कर उभरती रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने 2017 में इस समस्या पर गंभीर रूख अपनाया जिसे सहयोग करने के लिये केन्द्र ने भी अपने हाथ बढाये। जिसका परिणाम रहा कि बिजली की स्थिति में काफी सुधार आया है। इसके चलते 2018 के दौरान बिजली को लेकर न के बराबर विरोध प्रदर्शन हुये। विशेषज्ञ मानते हैं कि बिजली सुधार के क्षेत्र में राज्य ने लंबी छलांग लगायी है, मगर केन्द्र की सौभाग्य योजना के तहत शत प्रतिशत विद्युत कनेक्शन का लक्ष्य हासिल करने के बाद गॢमयों में सरकार के लिये बिजली आपूॢत के स्तर को बरकरार रखना जटिल चुनौती होगा। कारण, बिजली की मांग बढऩे का सीधा असर आपूॢत पर पडऩा तय है। योगी सरकार ने बिजली सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण फैसले लिये। सरकारी क्षेत्र के बिजली घरों में जीर्णोद्घार और उन्नतीकरण के काम किये गये। वहीं निजी क्षेत्र की मदद से मांग और आपूर्ति के बीच खाई को पाटने की हरसंभव कोशिश की गयी। इसके अलावा पारेषण लाइनों की क्षमता को बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय सुधार हुआ। इससे मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर कम हुआ और पिछले साल बिजली के लिये मारामारी लगभग नगण्य रही। वहीं बिजली चोरी पर लगाम कस कर पावर कॉरपोरेशन के घाटे को कम करने की मुहिम चरम पर रही। बिजली की दशा सुधारने में काफी हद तक केन्द्र की सौभाग्य योजना ने भी अहम भूमिका निभायी। वहीं सौर ऊ$र्जा को बढ़ावा देकर परम्परागत स्रोतों पर भार कम करने का प्रयास किया गया। बाइस करोड़ से अधिक की आबादी वाले राज्य के हर कोने में उजियारा करने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है और सरकार के दावों पर यकीन करें तो आगामी मार्च के अंत तक सूबे के हर गांव कस्बे को बिजली से रोशन कर दिया जायेगा।

बिजली की औसत मांग 20 हजार मेगावाट

पावर कॉरपोरेशन के सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश की बिजली की औसत मांग 20 हजार मेगावाट के आसपास है जबकि राज्य सरकार के अधीन अनपरा, ओबरा, पारीछा और हरदुआगंज का कुल उत्पादन 4500 मेगावाट के इर्दगिर्द रहता है। पनकी तापीय संयंत्र को फिलहाल जीर्णोद्घार के लिये बंद रखा गया है। इस बिजलीघर में 105 मेगावाट की दो इकाईयों के स्थान पर 600 मेगावाट की इकाई लगाने का काम प्रगति पर है। इसके अलावा महोबा, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, झांसी और बांदा में सौर ऊर्जा के बिजलीघरों से 350 मेगावाट के आसपास बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिसमें महोबा में 150 मेगावाट, ललितपुर में 70 मेगावाट, हमीरपुर में 25 मेगावाट, जालौन में 65 मेगावाट का विद्युत उत्पादन हो रहा है। हाइड्रो सेक्टर में 319 मेगावाट के आसपास बिजली का उत्पादन हो रहा है।

केन्द्रीय पूल और निजी क्षेत्रों से ली जा रही बिजली

मांग के सापेक्ष बिजली की कमी को पूरा करने के लिये केन्द्रीय सेक्टर से 6000 से 7000 मेगावाट बिजली ली जा रही है जबकि 4000 से 4500 मेगावाट बिजली निजी क्षेत्र के बिजलीघरों से खरीदने की व्यवस्था की गयी है। पनकी विद्युत उत्पादन गृह और सौर ऊर्जा के बिजलीघर भी सूबे में बिजली की कमी से निपटने में अपना योगदान देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार शत प्रतिशत बिजली कनेक्शन का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है और आने वाले दिनो में यही बिजली की किल्लत का कारण बन सकता है। देश में बिजली की कोई कमी नहीं है मगर उसे गंतव्य तक ले जाने के लिये पारेषण लाइनों की पुख्ता क्षमता का होना भी जरूरी है। इस मामले में बिजली विभाग अब तक खास प्रगति नहीं कर सका है। केन्द्र की सौभाग्य योजना के तहत सूबे में एक करोड 18 लाख बिजली के नये कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें से 75 लाख कनेक्शन दिये भी जा चुके हैं।

About admin

Check Also

vinay

सपा के प्रदेश सचिव बनें विनय श्रीवास्तव

बिजनेस लिंक ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <strike> <strong>