- घर बैठे ही उससे बना सकेंगे खाद
- 650 टन गीला कचरा निकलता है प्रतिदिन शहर से
- 350 टन सूखा कचरा निकलता प्रतिदिन शहर से
- 1.5 किग्रा औसतन हर घर से निकलता गीला कचरा
- 60 फीसदी घरों से किया जा रहा है कूड़ा कलेक्शन का कार्य
- 70 फीसदी ही खाद बन सकती है 1.5 किग्रा गीले कचरे से
- हर वार्ड से 50-50 परिवारों को सिखाया जाएगा घर में ही खाद बनाना
- निगम की टीम मौके पर जाकर देगी ट्रेनिंग, 15 दिन में योजना होगी लागू
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। बस कुछ दिन का इंतजार, फिर घर से निकलने वाला गीला कचरा आपको टेंशन नहीं देगा। खास बात यह है कि अगर सफाई कर्मचारी आपके घर से गीला कचरा नहीं ले जाता है तो भी आपको गीले कचरे के निस्तारण के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा बल्कि आप स्वत: ही अपने ही तरीके से गीले कचरे का निस्तारण कर सकेंगे और वो भी घर बैठे। यह सुनने में हैरानी भरा जरूर है, लेकिन हकीकत यही है। इसकी वजह है गीले कचरे के निस्तारण के लिए निगम की ओर से की जा रही प्लानिंग।
शहर में पांच लाख के करीब हाउस टैक्स उपभोक्ता हैं। घरों से कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी ईकोग्रीन कंपनी के पास है। कंपनी के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो करीब 60 फीसदी घरों से कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा है। कंपनी के कर्मचारियों की मानें तो लगभग हर घर से गीला कचरा कलेक्ट किया जाता है। इसके लिए अलग से डस्टबिन की व्यवस्था भी की जाती है। अब अगर जनता के पक्ष की तरफ गौर फरमाए तो घर के अंदर गीला कचरा रखने में हर किसी को खासी परेशानी होती है। अगर किसी दिन कूड़ा कलेक्शन कर्मचारी नहीं आता है तो स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती है। संबंधित व्यक्ति को टेंशन रहती है कि गीले कचरे को किस तरह से निस्तारित किया जाए। न चाहकर भी लोगों को इधर-उधर गीला कचरा फेंकना पड़ता है, जिससे उठती दुर्गध से अन्य लोगों को खासी परेशानी होती है।
50-50 परिवार को किया जाएगा चिन्हित
इस योजना को शुरू करने के लिए निगम की ओर से हर वार्ड में 50-50 परिवारों को चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद उनकी अलग से लिस्ट बनाई जाएगी। इसके बाद निगम की टीम खासकर उद्यान व ईकोग्रीन के कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को गीले कचरे से खाद बनाने की ट्रेनिंग देंगे। इसके साथ ही परिवारों को यह भी बताया जाएगा कि खाद का उपयोग कहां करें, जिससे उसके सार्थक परिणाम सामने आ सके। इसके बाद अगले चरण में फिर से हर वार्ड में 30-30 वार्डो को चुना जाएगा।
यह है नई व्यवस्था
आप स्वत: ही गीले कचरे की मदद से अपने घर के परिसर में ही खाद बना सकेंगे, फिर इसका यूज अपने घर की फुलवारी या फिर घर के आसपास किसी पार्क में कर सकेंगे, जिससे हर तरफ हरियाली भी नजर आएगी और आप व आपके आसपास के लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर रह सकेगा। दरअसल नगर निगम की ओर से जल्द ही एक नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। यह व्यवस्था घर- घर कंपोस्ट खाद बनाने से जुड़ी हुई है। इसका मतलब यह है कि घर से निकलने वाले गीले कचरे से किस तरह से खाद बनाई जाएगी। इस बाबत लोगों को निगम की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी। इस योजना को शुरू करने के लिए होमवर्क भी शुरू कर दिया गया है।
सूखा कचरा देना होगा
हालांकि नई व्यवस्था के तहत लोगों को सूखा कचरा ईकोग्रीन कर्मचारियों को ही देना होगा। इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा। हां, इतना जरूर है कि एक बार व्यवस्था के शुरू होने और उसके रफ्तार पकडऩे के बाद हर किसी को गीले कचरे से खाद बनाने के संबंध में जानकारी दी जाएगी।
यह बात सही है कि लोगों को गीले कचरे से खाद बनाने के संबंध में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए हर वार्ड से 50- 50 परिवार लिए जाएंगे। इस योजना के लागू होने से लोगों को गीले कचरे के टेंशन से मुक्ति मिल जाएगी।
डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त