Breaking News
Home / उत्तर प्रदेश / गोमती रिवर फ्रंट का काम पूरा हो: योगी

गोमती रिवर फ्रंट का काम पूरा हो: योगी

1513 करोड़ खर्च के बाद गोमती बदसूरत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही राज्य की काया पलट में लगे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सोमवार को लखनऊ के सौंदर्यीकरण के कार्यों का जायजा लेने के लिए गौमती रिवर फ्रंट पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों से साथ बैठक की और अव्यवस्था देख अधिकारियों को फटकार भी लगाई। सीएम योगी ने गोमती मे नाले को गिरने से रोकने को कहा फिजूलखर्च पर नाराजगी जताई। साथ ही उन्होंने कहा की एक साल में इसका काम पूरा हो जाना चाहिए।

उनके साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के साथ आधा दर्जन कैबिनेट मंत्री भी थे। गोमती रिवर फ्रंट पर काम की प्रगति को लेकर बेहद गंभीर मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों को तलब किया। उनके साथ वार्ता की और कार्य प्रगति की रिपोर्ट ली। इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारी मौके पर जुटे। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, आशुतोष टंडन, बृजेश पाठक तथा मुख्य सचिव राहुल भटनागर भी थे। गोमती रिवर फ्रंट पर मुख्यमंत्री के लिए बैठने के लिए एक पंडाल भी बनाया गया है। गोमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण करने के लिए सीएम निर्धारित समय पर वीवीआईपी गेस्ट हाउस से निकले थे।

सीएम के गोमती रिवर फ्रंट के निरीक्षण को देखते हुए सुरyogi_gomati_riverfront_2017327_12358_27_03_2017क्षाव्यवस्था सख्त की गई। अखिलेश यादव सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट को भाजपा सरकार पूरा करेगी। आज मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी व सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने इसका निरीक्षण किया। इसके साथ ही प्रोजेक्ट में बदलाव व अन्य विकास कार्यो पर मुहर लगेगी। गुजरात के अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर अखिलेश सरकार ने गोमती नदी के तट पर रिवर फ्रंट बनाने की योजना तैयार की थी। तीन हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर आधी रकम खर्च हो चुकी है। प्रथम चरण का काम लगभग पूरा है। 8.1 किमी लंबे रिवर फ्रंट को लंदन के टेम्स नदी की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है।

रिवर फ्रंट प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी के प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट में से एक है। सीएम आदित्यनाथ योगी व सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने उसे हाथोंहाथ लिया। आज सीएम के साथ मंत्री टीम के साथ यहां दौरा करेंगे। माना जा रहा है कि निर्माण आदि में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई भी हो सकती है और प्रोजेक्ट में बदलाव के भी आदेश दिए जा सकते हैं।

गोमती नदी के तट पर तेजी से चल रहे सौदर्यीकरण कार्य को तो पूरा होने की कई तारीख दी गई लेकिन यह काम अखिलेश सरकार जाने के बाद भी काम अधूरा है। सारा काम लामार्ट कॉलेज वाले भाग में ही दिख रहा है, जबकि पक्का पुल से लेकर वीयर (लामार्ट कॉलेज) तक तटों को चमकाना था।

इस पर अब तक 1513 करोड़ खर्च भी हो गए लेकिन गोमती तट निखर नहीं पाया। कुल मिलाकर गोमती तट को संवारने की योजना जांच के घेरे में आ गई है। फ्रांस से मंगाया 40 करोड़ का फाउंटेन के दर्शन भी शहरवासी नहीं कर पाए हैं। पक्का पुल से लेकर गोमती बैराज तक मिट्टी के टीले ही नजर आते हैं। पौधरोपण का काम भी अधूरा है।

गोमती तट पर साइकिल पथ तक नहीं बन पाया है तो सुरंग बनाने के लिए गोमती बैराज पुल का भी सत्यानाश कर दिया गया है। तीन माह से यहां रास्ता बंद है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही आनन-फानन में अधूरे कार्यों के साथ गोमती रिवरफ्रंट परियोजना का उद्घाटन कर दिया था। परियोजना में शामिल कई कार्य तट पर नजर नहीं आ रहे हैं तो शहर के नालों को गोमती से गिरने से रोका नहीं जा सका। 600 करोड़ की परियोजना 1513 करोड़ तक पहुंच गई और यह रकम खर्च होने के बाद पुनरीक्षित बजट के लिए प्रस्ताव शासन भेजा गया था।

ये हैं सुविधाएं

कई बड़े लैंडस्केप बनाए जा रहे हैं। रंगीन फव्वारे शाम की सुंदरता बढ़ाएंगे। गोमती में नौकायन सबसे बड़ा आकर्षण होगा। कई घाट तैयार किए जा रहे। चार हजार से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। वेटलैंड बनाए जाएंगे। पक्षियों का रैन बसेरा। खेलकूद पार्क। फूड प्लाजा की एक सीरीज की स्थापना। गोमती फ्लावर शो होगा। 300 गाडिय़ों के लिए पार्किंग। झील का निर्माण। ट्रैक बनाए जाएंगे। साइकिलिंग व्यवस्था। 250 सीसीटीवी कैमरे।

About Editor

Check Also

vinay

सपा के प्रदेश सचिव बनें विनय श्रीवास्तव

बिजनेस लिंक ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <strike> <strong>