चार्जिंग प्वाइंट न बनने से देवा रोड टाटा मोटर्स वर्कशाप में खड़ी हैं 11 इलेक्ट्रिक बसें
इलेक्ट्रिक बसों से सफर की सुविधा के लिए एक मई तक करना होगा इंतजार
लखनऊ। जब चार्जिंग प्वाइंट ही नहीं बनें हैं तो राजधानी में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कैसे शुरू हो। मौजूदा समय में यह बड़ा सवाल उभरकर सामने आ रहा है। राजधानीवासियों को जल्द से जल्द इलेक्ट्रिक बसों की सुविधा देने के दावे के बीच अब चार्जिंग प्वाइंट न तैयार होने का मसला उलझ गया है। चार्जिंग प्वाइंट न बने होने से लखनऊ पहुंची 11 इलेक्ट्रिक सिटी बसें खड़ी है। इलेक्ट्रिक बस सप्लाई करने वाली कंपनी पर बस सप्लाई में देरी पर जुर्माना लगाया गया था। अब सवाल यह है कि चार्जिंग प्वाइंट बना रही कार्यदायी संस्था जल निगम पर देरी के चलते जुर्माना कौन लगाएगा? फरवरी महीने में बनकर तैयार होने वाला चार्जिंग प्वाइंट विभागीय लापरवाही के चलते अभी तक तैयार नहीं हो सका। 11 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए ही जब सिटी बस प्रबंधन तय समय पर चार्जिंग प्वाइंट नहीं तैयार करा पा रहा है तो कुल 40 बसों के लिए चार्जिंग प्वाइंट किस प्रकार और कैसे तैयार हो पाएंगे, यह सोचने वाली बात है। अब अप्रैल के अंत तक बनाकर तैयार करने की बात कही जा रही है। हालांकि तय समय पर दुबग्गा सिटी बस डिपो में चार्जिंग प्वाइंट बनकर तैयार होता तो एसी इलेक्ट्रिक सिटी बसें राजधानी के आधा दर्जन और रूटों पर फर्राटा भरने लगतीं। बीते गुरुवार को लखनऊ पहुंची चार और इलेक्ट्रिक बसों के निरीक्षण करने सिटी ट्रांसपोर्ट के एमडी व परिवहन निगम की टेक्निकल टीम टाटा मोटर्स के वर्कशाप पहुंची थी। जहां इलेक्ट्रिक बस का भौतिक और टेक्निकल मुआयना करके ओके की रिपोर्ट दे दी गई। सिटी ट्रांसपोर्ट के एमडी आरिफ सकलैन ने बताया कि दुबग्गा सिटी बस डिपो में 30 अप्रैल तक चार्जिंग प्वाइंट बनकर तैयार हो जाएगा। तब तक ये बसें टाटा के वर्कशाप में खड़ी रहेंगी। इन बसों के संचालन के लिए रूट तैयार है। एक मई से ये बसें आलमबाग बस टर्मिनल से आधा दर्जन रूटों पर चलने लगेंगी।