- चिनहट सीएचसी के चिकित्सक आवास पर कड़क मिजाज मंत्री के सिपहसालारों का कब्जा
- स्वास्थ्य विभाग झेल रहा खाने-पीने का खर्चा
- मंत्री के प्रभाव में सीएमओ बने अनियमितताओं के एजेंट, ईमानदार अफसरों में घुटन का माहौल
- मंत्री के स्टाफ द्वारा अस्पताल के चिकित्सक आवास पर कब्जे को सीएमओ ने बताया अस्थाई प्रवास
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश में अवैध कब्जा मुक्त कराने का नारा देकर सत्ता पर काबिज होने वाली प्रदेश सरकार के मंत्री के सिपहसलार ही अब कब्जा करने पर उतारू हो गए हैं। खेत, मकान, दुकान ही नहीं, अब अस्पताल भी इनके निशाने पर हैं। इस खेल में प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्घार्थ नाथ सिंह का भी नाम शामिल हो चुका है। स्वास्थ्य मंत्री के सुरक्षाकॢमयों ने चिनहट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) पर अपना खूंटा गाड़ दिया है। जहां उनके खाने-पीने की व्यवस्थाओं से लेकर सुख की सारी सुविधाओं का खर्च स्वास्थ्य विभाग उठा रहा है।
चिनहट सीएचसी पर डॉक्टरों के लिए आवंटित होने वाले कुल चार आवास में एक पर बीते दिनों प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्घार्थनाथ सिंह के सुरक्षाकॢमयों ने कब्जा कर लिया। मंत्री के गुर्गों की हनक के आगे स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारी बेबस बने रहे। सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई समेत विभाग के अन्य आला अफसर अपने विभागीय मंत्री की कड़कमिजाजी और हनक के चलते इस अराजकता और अनियमितता में सहयोगी बने रहे। सरकार की छवि को पलीता लगाने वाले इस कृत्य के खिलाफ कार्रवाई तो दूर, ये अफसर सत्ता की हनक के डर से कुछ बोल भी नहीं पाये।
सूत्रों के मुताबिक, चिनहट सीएचसी स्थित डॉक्टरों के आवासों पर मंत्री के सुरक्षाकॢमयों ने यह कब्जा बीते करीब एक माह पूर्व किया। चिकित्सक आवास में काबिज इन गुर्गों की संख्या चार से पांच है। सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई के निर्देशों पर इन सभी गुर्गों का खर्च स्वास्थ्य विभाग ने उठाया। स्वास्थ्य महकमें के एक जिम्मेदार अफसर कुछ दिनों तक तो मंत्री जी के सुरक्षाकॢमयों का खर्चा अपनी जेब से झेलते रहे, पर लगातार बढ़ती फरमाईशों के चलते आखिरकार उन्होंने त्राहि कर ली। उसके बाद से सीएमओ की देखरेख में स्वास्थ्य विभाग इन सुरक्षाकॢमयों का खर्चा उठाने लगा। मंत्री जी कहीं नाराज न हो जाएं इस डर से विभाग का कोई अफसर इस मुद्दे पर खुलकर बोलने से परहेज करता रहा। चिनहट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टरों के सरकारी आवास में प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के स्टाफ द्वारा अवैध रूप से रहने का मामला जब खुला तो स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया।
विभागीय अधिकारी खुद को फंसता देख किनारा करते हुए एक दूसरे को जवाव देह बनाने में जुट गये। इतना ही नहीं मंत्री के स्टाफ पर किए गये खर्च पर भी विभाग पर्दा डालता रहा और इस तरह के किसी भी खर्च से साफ इंकार करता रहा। जबकि विभागीय अधिकारी पहले ही इसे स्वीकार कर चुके हैं। प्रदेश सरकार के प्रभावशाली मंत्रियों में शुमार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्घार्थनाथ सिंह का नाम सरकार की साफ व स्वाच्छ छवि वाले नेताओं में गिना जाता है। लेकिन उनके सुरक्षाकॢमयों द्वारा चिनहट स्थित स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सीय आवास में अवैध रूप से कब्जा करके रहना, प्रदेश की योगी सरकार की स्वच्छ छवि को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। हालांकि मंत्री के स्टॉफ को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को भरपूर समर्थन मिला। तभी, चिकित्सक आवास को विभागीय अधिकारी खाली पड़ा स्टोर साबित करने में जुटे रहे।
चिनहट सीएचसी पर स्वास्थ्य मंत्री सिद्घार्थनाथ सिंह के सुरक्षाकॢमयों द्वारा डॉक्टरों के आवास पर कब्जा करने के सम्बंध में पूछे जाने पर सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई का कहना है कि मंत्री के स्टाफ को अस्थाई तौर पर एक सप्ताह के लिए रोका गया था। स्वास्थ्य मंत्री के स्टाफ ने अपने खाने का खर्च खुद उठाया, विभाग की ओर से किसी तरह की आॢथक मदद नहीं दी गई। मंत्री के सुरक्षा कॢमयों को जिस फ्ïलैट में रोका गया है वहां स्टोर बनाया गया था। सीएमओ ने बताया कि चिनहट सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुरेश पांडेय से मामले की तथ्यात्मक जानकारी मांगी गई है।
पहले अधीक्षक ने उठाया खर्चा, फिर खड़े कर लिए हाथ
सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य मंत्री के सुरक्षाकर्मियों का खाना खर्चा करीब 15 दिन तक सीएचसी अधीक्षक डा सुरेश चंद्र पांडेय ने सीएमओ डॉ. बाजपेई के निर्देश पर उठाया। इन खास मेहमानों की डिमांड लगातार बढ़ती रही। पहले तो खाने तक का ही जिम्मा जेब पर था, बाद में पीने की भी ख्वाहिशें शुरू हो गईं लिहाजा डा. पाडेय का हौंसला पस्त हो गया।