बीएसपी सुप्रीमो मायावती दोहरी मुसीबत में फंसती दिख रही है. एक तरफ इनकम टैक्स विभाग ने उनके भाई आनंद कुमार से जुडे एक दर्जन से ज्यादा फर्मों पर छापा मारा है, दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ ने उनके राज में बेचे गये 21 सरकारी चीनी मिलों की जांच के आदेश दिये हैं. सरकार ने कहा है कि अगर ज़रूरी हुआ तो इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश भी की जा सकती है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने मायावती के मुख्यमंत्रित्व काल में 21 चीनी मिलों को बेचने में हुये 1100 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच के आदेश देते हुए कहा है कि जरूरत पडऩे पर इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सी0बी0आई0) के सुपुर्द की जा सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश कल मध्यरात्रि के बाद यहां गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के प्रस्तुतिकरण के समय दिये। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि कि मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2016-17 के अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को आगामी 23 अप्रैल तक कराने के साथ ही वर्ष 2010-11 में 21 चीनी मिलों को बेचने में हुए करीब 1100 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच कराने के भी निर्देश दिये है।
उन्होंने कहा कि कहा कि आवश्यकता पडऩे पर इस मामले की जांच सी0बी0आई0 से भी करायी जा सकती है। किसी भी व्यक्ति को सरकारी संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह जनता की संपत्ति है, जिसका दुरुपयोग कतई नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान न करने वाली चीनी मिल मालिकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।