लोकसभा चुनाव ड्यूटी में अब तक चालकों के साथ भेजी जा चुकी हैं 1700 बसें
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए रोडवेज बसें भेजी जा रही हैं। लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य डिपो से अब तक लगभग 1700 बसें चुनाव ड्यूटी में जा चुकी हैं। चुनाव में सुरक्षा बलों और कर्मचारियों को पोलिंग बूथ तक पहुंचाने के लिए निर्वाचन आयोग ने रोडवेज से किराये पर बसें ली हैं। इन बसों पर चलने वाले संविदा चालकों को जहां ड्यूटी जारी रहने से कोई दिक्कत नहीं है तो वहीं इन बसों के परिचालक बेरोजगार हो गए हैं। चुनाव ड्यूटी में जाने वाली बसों में यात्रियों के न होने के चलते केवल चालकों को भेजा जाता है। इसलिए बस परिचालक की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है। वहीं संविदा परिचालकों को किमी के आधार पर वेतन दिया जाता है। ऐसे में बसों के चुनाव ड्यूटी पर रहने के चलते परिचालकों का किमी भी नहीं पूरा होगा और उनका वेतना भी नहीं बनेगा। इस बात को लेकर सैकड़ों संविदा कर्मी बसों में ड्यूटी पाने के लिए भटक रहे हैं। वहीं हर माह तय किलोमीटर बस संचालन पर संविदा परिचालकों को फिक्स वेतन का लाभ भी मिलता था। अब बेरोजगार परिचालकों से अन्य कोई काम नहीं लिया गया तो फिक्स वेतन के लाभ से भी वंचित हो जाएंगे।
समायोजित होंगे परिचालक
इस संबंध में परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक संचालन राजेश वर्मा का कहना है कि चुनाव ड्यूटी में बसें भेजने से बड़ी संख्या में परिचालक खाली हो गए हैं। इन परिचालकों को समायोजित करने की तैयारी चल रही है। जल्द ही क्षेत्रों को दिशा निर्देश भेजे जाएंगे। ताकि तय किलोमीटर पूरा करके फिक्स वेतन का लाभ पाने वाले बस परिचालक इस लाभ से वंचित ना होने पाए।