लखनऊ। भारत सरकार के जरिए रेलवे मंत्रालय ने यूपी के चार शहरों के लिए बाल ट्रेन बीते साल दी थी। रेल मंत्रालय से नैरो गेज की चार अत्याधुनिक बाल ट्रेनें उत्तर प्रदेश को मिली हैं। ये ट्रेन रेलवे से नि:शुल्क मिलेंगी। मगर कन्सल्टेंट की नियुक्ति न होने से इन ट्रेन के चलने का अभी तक इंतजार है।
यूपी सरकार ने लखनऊ के अलावा गाजियाबाद, कानपुर, आगरा में बाल ट्रेन चलाने की मंजूरी दी है। लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में बाल ट्रेन को चलाया जाना है। गोमती नगर विस्तार के जनेश्वर मिश्र पार्क में चिडिय़ाघर की तर्ज पर बाल ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया था। इसके लिए पटरी बिछाने का काम और रखरखाव प्राधिकरण को करना है। लेकिन एलडीए के पास तकनीकी विशेषज्ञ न होने से रेलवे मंत्रालय से ही सहयोग मांगा गया है।
प्लेटफार्म, पटरियां बिछाने व इसके संचालन को लेकर प्राधिकरण के पास अनुभवी इंजीनियर नहीं हैं। ऐसे में इस काम के लिए आवास विभाग से रेलवे मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। मंत्रालय से इस काम के लिए कन्सल्टेंट नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है। यह प्रस्ताव बीते साल ही भेजा गया था। कहा गया था कि लोकसभा चुनाव बाद कन्सल्टेंट की तैनाती के बाद काम शुरू हो जायेगा। मगर न तो अभी तक कन्सल्टेंट ही नियुक्त हो सका है और न ही बजट जारी किया गया।
एलडीए के उद्यान निदेशक एसपी शिशौदिया बताते हैं कि बीस अगस्त के बाद इस संबंध में बैठक हो सकती है। जल्द की कन्सल्टेंट की नियुक्ति के लिए रेलवे से बात की जायेगी। जिससे बच्चे इसका आनंद ले सकें। आवास विभाग के प्रस्ताव पर रेलवे मंत्रालय से कन्सल्टेंट तैनात होना है। इसके बाद बच्चे बाल ट्रेन का मजा ले सकेंगे।
आपको बता दूं कि गोमती नगर में जनेश्वर मिश्र पार्क एशिया का सबसे बड़ा पार्क है, जिसका कुल क्षेत्रफल 378 एकड़ का है। जिसको पैदल घूम पाना बहुत मुश्किल है। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये बहुत कष्टप्रद है। इसलिए बाल ट्रेन का विचार अब बहुत जल्द ही मूर्तरूप लेगा।
उद्यान निदेशक ने बताया बहुत जल्द ही रेलवे के अभियंता जनेश्वर पार्क का निरीक्षण कर के यहां कितने किमी क्षेत्र में बाल ट्रेन चलाई जा सकती है, ये तय करेंगे। बताया जा रहा है कि जनेश्वर मिश्र पार्क में पांच किमी में बाल ट्रेन चलेगी। रेलवे के अभियंता कुछ समय बाद पार्क का दौरा करेंगे और स्पष्ट करेंगे कि कितना लंबा ट्रैक पार्क में बिछाया जाएगा।