लखनऊ। लखनऊ मेट्रो में सवारी का राजधानी वासियों का इंतजार जल्दी खत्म होने वाला है। 15 जुलाई तक केंद्र की ओर से सिक्योरिटी सर्टिफिकेट मिल जाएगा। इसके बाद जुलाई के तीसरे हफ्ते या अंत तक राज्य सरकार इसके लोकार्पण की तारीख निश्चित करेगी। इस संबंध में मेट्रो मैन मेट्रो के प्रधान सलाहकार ई. श्रीधरन ने बीते गुरुवार की सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी लखनऊ मेट्रो की कार्यप्रगति पर प्रशंसा ज़ाहिर की है।
लखनऊ मेट्रो का किराया कोच्चि मेट्रो से कम और दिल्ली मेट्रो के आस पास होगा। कोच्चि मेट्रो में न्यूनतम दर मौजूदा समय में 10 रुपए है, जबकि दिल्ली मेट्रो की शुरुआत में ये 8 रुपए था। स्मार्ट कार्ड से किराया मौजूदा समय में 7.20 पैसे है और टोकन से 10 रुपए। बताया जा रहा है कि लखनऊ मेट्रो का किराया भी 8 से 10 रुपए के बीच होगा। हालांकि प्रस्तावित किराए पर मेट्रो बोर्ड की मोहर लग चुकी है। इसे फिलहाल सुरक्षित रखा गया है। कमर्शियल रन से कुछ समय पूर्व इसे जनता को बताया जाएगा।
15 जुलाई तक मिल जाएगी संरक्षा आयुक्त से क्लीयरेंस
कम समय में सस्ते सफर की सुविधा जल्द ही राजधानी के लोगों को मिल सकेगी। मेट्रो रेल कॉ तिथि तय होते ही जुलाई के अंतिम सप्ताह तक मेट्रो का कॉमर्शियल रन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो साल नौ माह में नॉर्थ साउथ कॉरीडोर के आठ स्टेशन बन गए हैं और कॉमर्शियल रन के लिए मेट्रो तैयार है। प्रधान सलाहकार के मुताबिक सचिवालय से हजरतगंज के बीच टनल बन चुकी है।
औपचारिकताओं में लग गए 45 दिन
मेट्रोमैन श्रीधरन ने बताया कि रेल मंत्रलय को सिर्फ क्लीयरेंस व अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में 45 दिन लग गए, जबकि आरडीएसओ द्वारा मेट्रो का ओसीलेशन ट्रॉयल 20 मार्च तक पूरा हो चुका था।
मेट्रो एक्ट पॉलिसी से मिलेगी राहत
नई पॉलिसी के तहत मेट्रो को मिलने वाला क्लीयरेंस जल्द मिल सकेगा। वर्तमान में कॉमर्शियल रन के लिए रेल मेट्रो संरक्षा आयुक्त के यहां से क्लीयरेंस के साथ ही रेलवे मंत्रालय से तकनीकी अप्रूवल लेना होता है। नई मेट्रो पॉलिसी के जरिए अधिकांश क्लीयरेंस शहरी विकास मंत्रालय के जरिए मिल सकेंगे। इसका फायदा उत्तर प्रदेश के कानपुर, वाराणसी, आगरा और मेरठ शहरों को मिलेगा।
ईस्ट- वेस्ट कॉरिडोर की डीपीआर फिर होगी तैयार
लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव ने कहा कि सरकार बदलने से मेट्रो की नीति पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। नॉर्थ साउथ कॉरिडोर मार्च 2019 तक तैयार हो जाएगा। ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर चारबाग से बसंत कुंज का रिवाइज डीपीआर तैयार किया जा रहा है। दरअसल सर्वे में कुछ दिक्कतें सामने आयी हैं। जैसे सकरी गलियां, मार्केट एरिया होने के चलते प्रस्तावित स्थानों पर मेट्रो स्टेशन बनाने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है। रूट वही रहेगा बस मेट्रो स्टेशन की जगह थोड़ी बहुत बदली जा सकती है। डीपीआर तैयार करने के बाद सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
सीएम योगी से मिले मेट्रोमैन
मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। पहली बार मुख्यमंत्री से मिलने आए श्रीधरन ने लखनऊ समेत कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर के मेट्रो रेल परियोजनाओं पर चर्चा की। योगी का सुझाव था कि वाराणसी हेरिटेज सिटी है, लिहाजा मेट्रो के निर्माण में इस बात का ध्यान रखा जाए। श्रीधरन ने बताया कि कानपुर मेट्रो का काम पहले शुरू हो जाएगा। गोरखपुर के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बन रही है। इसके बाद ही यहां पर काम शुरू होगा। इस बीच वह गोरखपुर का दौरा भी कर सकते हैं।
सरकार बदलने से काम पर कोई प्रभाव नहीं
मेट्रोमैन ने बताया कि सरकार बदलने से मेट्रो के कार्य में कोई फर्क नहीं पड़ा है। वर्तमान सरकार भी मेट्रो कार्य में पूरी रुचि ले रही है। समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारी मेट्रो कार्य की समीक्षा पहले की तरह कर रहे हैं। प्रदेश के अन्य शहरों में भी मेट्रो चलाने को खाका खींचा जा रहा है।