जीएसटी, डीजल की बढ़ी कीमतों और सड़क पर भ्रष्टाचार को लेकर ट्रक परिचालकों की दो दिन की हड़ताल शुरू हो गई है. हड़ताल रविवार रात 12 बजे से शुरू हुई. ट्रक परिचालकों ने धमकी दी है कि अगर दो दिन की इस हड़ताल के बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो दिवाली के आस-पास अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो सकती है. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अध्यक्ष एस के मित्तल ने कहा, “ट्रांसपोटरों ने सरकारी अधिकारियों के उदासीन रुख, जीएसटी, डीजल कीमतों और भ्रष्टाचार को देखते हुए 9 और 10 अक्टूबर को चक्का जाम करने का फैसला किया है.”
48 घंटे तक देश में रहेगा चक्का जाम
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के उत्तरी भारत के उपाध्याक्ष हरीश सब्बरवाल के मुताबिक , 48 घंटे तक देश में 93 लाख ट्रकों का चक्का जाम रहेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि 50 लाख बसों के परिचालक भी हमारी ही यूनियन के ही सदस्य है लेकिन अभी उन्हें शामिल नहीं किया जा रहा है.
क्या है ट्रक परिचालकों की मांग?
ट्रक परिचालकों की मांग है कि जीएसटी में उन्हें राहत दी जाए. साथ ही पुराने ट्रक बेचने पर लगने वाले 28 फीसदी टैक्स के प्रावधान को खत्म किया जाए. साथ ही डीजल की कीमतों में 20 रुपये प्रति लीटर तक कटौती की जाए.
डीजल की कीमतों में कमी
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के चेयरमैन कुलतारण सिंह अटवाल ने कहा, ‘हमारे बिजनेस में कुल खर्च का 70% हिस्सा डीजल पर खर्च होता है. सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद देश में डीजल की कीमतें नहीं घटाईं. हमारी मांग है कि डीजल की कीमतों में 20 रुपये प्रति लीटर तक कटौती की जाए.’
दिल्ली में क्या होगा प्रभाव?
एक बड़ा ट्रांजिट हब होने के कारण दिल्ली पर इस हड़ताल का खासा असर पड़ेगा. दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के राजेन्द्र कपूर के मुताबिक दिल्ली में रोज़ाना करीब 1 लाख ट्रकों से माल की आवाजाही होती है. ऊपर से दीवाली का त्योहार होने के कारण फैक्ट्री में तैयार माल दो दिन तक वहीं पड़ा रहेगा, जिससे व्यापार पर असर पड़ेगा. इसके अलावा दिल्ली में सब्ज़ियों और फलों की कीमतों पर भी इस हड़ताल का असर पड़ने की संभावना है. दिल्ली में पहाड़ी राज्यों से फल तो वहीं पड़ोसी राज्यो जैसे हरियाणा, पंजाब और यूपी से सब्ज़ियां ट्रकों के ज़रिए ही आती है ऐसे में इस हड़ताल का उनकी कीमतों पर भी असर पड़ सकता है.