ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों को मिलेगी सहूलियत
25 आवेदक एक साथ दे सकेंगे ऑनलाइन परीक्षा
लखनऊ। अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को आरटीओ दफ्तर में काउंटर- काउंटर भटकना नहीं पड़ेगा। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में सारथी भवन बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही इस भवन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर लाइसेंस बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जुटने वाली भीड़ को देखते हुए परिवहन विभाग ने राजधानी में अलग से सारथी भवन बनवाया है। इस दो मंजिला भवन में केवल डीएल बनाए जाएंगे। आवेदन से लेकर ऑनलाइन टेस्ट समेत अन्य टेस्ट के साथ ही बायोमैट्रिक की प्रक्रिया भी यहीं पूरी की जाएगी। दरअसल, आरटीओ कार्यालय में रोजाना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए 300 से अधिक आवेदन आते हैं। जबकि कार्यालय में बैठने के लिए मात्र 50 सीटें ही हैं। लाइसेंस के साथ ही यहां पर गाड़ी ट्रांसफर, रजिस्ट्रेशन, टैक्स संबंधी अन्य कार्य भी किए जाते हैं। ऐसे में यहां दिन भर काफी भीड़ लगी रहती है।
शेष बचा वायरिंग और फिनिशिंग का काम
एआरटीओ प्रशासन राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि सारथी भवन का निर्माण पूरा हो चुका है। बस वायरिंग और फिनिशिंग का काम आखिरी दौर में है। इसके बाद यहां पर ऑफिस शिफ्ट कर काम शुरू किया जाएगा। यहां पर बड़े हॉल होने के कारण जहां एक साथ 25 लोग ऑनलाइन परीक्षा दे सकते हैं तो वहीं अन्य आवेदक अपनी बारी आने के लिए प्रतीक्षा भी कर सकते हैं। इस हॉल में सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
मशीन बताएगी कितने नंबर मिले
खास बात यह है कि सारथी भवन में ही सेम्यूलेटर भी लगाया जाएगा। इसके लिए बजट मिल चुका है। इस पर बैठते ही दर्शकों को आगे बनी स्क्रीन पर सड़क दिखाई देगी। टेस्ट के दौरान सड़क पर फॉग और मोड़ भी दिखाई देंगे। टेस्ट के बाद मशीन आवेदक को मिलने वाले नम्बर और की गई गलतियों के बारे में खुद ही बता देगी।
पॉज मशीन से जमा होगा टैक्स
सारथी भवन के एक कमरे में टैक्स जमा करने के लिए पॉज मशीन लगाई जाएगी। हालांकि अभी इसके लिए ऑनलाइन सुविधा है लेकिन यह मशीन लग जाने से लोगों को टैक्स जमा करने में और भी आसानी हो जाएगी। स्क्रीन पर मिलने वाली जानकारी से लोग टैक्स चुकाएंगे और वहीं से उन्हें जमा धन की पर्ची भी मिल जाएगी।
भवन का निर्माण कार्य पूरा होने में हुई देरी
सारथी भवन का निर्माण कार्य तय समय से देरी में पूरा हुआ। बिल्डिंग निर्माण के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग और शौचालय की व्यवस्था नहीं हो पायी थी। भवन निर्माण का जो नक्शा तैयार किया गया था उसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग व शौचालय का जिक्र नहीं किया गया था। जिसकी वजह से बाद में चलकर इन दोनों की व्यवस्था करने का आदेश भवन निर्माता को दिया गया। जिसकी वजह से भवन का निर्माण कार्य पूरा होने में देरी हुई।
-प्रदेश के अन्य जिलों में भी सारथी भवन निर्माणाधीन हैं। इसकी शुरुआत लखनऊ से हुई है। लाइसेंस बनवाने के लिए जुटने वाली भीड़ को देखते हुए सारथी भवन बनाया गया है।
गंगाफल, अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा