रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गये बाबू राजकुमार मामले की जांच के लिए कमेटी हुई गठित
लखनऊ। लेसा में एक स्थान पर लगातार तीन वर्ष से जमे बाबुओं को एक पटल से दूसरे पटल पर स्थानान्तरण कर दिया गया है। साथ ही छह वर्ष से अधिक समय से एक ही खंड में तैनात बाबुओं का दूसरे खंडों में स्थानान्तरण किया गया है। यह कार्रवाई गुरुवार को मध्यांचल के प्रबंध निदेशक संजय गोयल ने करते हुए बुधवार को रिश्वत मामले में पकड़े गये सेस द्वितीय के बाबू राजकुमार के मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी तीन दिनों में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जिसके बाद बाबू के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को लेसा सिस गोमती के अन्तर्गत आने वाले सेस द्वितीय डिवीजन में तैनात बाबू राजकुमार को एंटी करप्शन की टीम ने दस हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। एमडी मध्यांचल श्री संजय गोयल ने पूरे मामले की जांच के लिए एक दो सदस्यीय कमेटी गठित कर रिपोर्ट तीन दिनों के अंदर प्रस्तुत करने के आदेश दिये हैं। इस टीम में मुख्य अभियंता (वाणिज्य) एके सिंह को मुखिया बनाया गया है। उधर दूसरी ओर एमडी मध्यांचल ने लेसा क्षेत्र में तीन वर्ष से एक ही पटल पर जमे सभी बाबुओं का स्थानान्तरण दूसरे पटल पर कर दिया है। साथ ही लगातार छह वर्ष से एक खंड में जमे सभी बाबुओं का स्थानान्तरण दूसरे खंड में कर दिया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की नई तबादला नीति के तहत लेसा में अभियंताओं और जूनियर इंजीनियरों का स्थानान्तरण तो कर दिया गया, लेकिन लंबे समय से एक ही खंड और एक ही पटल पर तैनात बाबूओं को नहीं हटाया गया। जिसके चलते बाबू आज भी विद्युत विभाग में फैले भ्रष्टïाचार की मजबूत कड़ी बने हुए हैं। फिलहाल यह कहना गलत न होगा कि प्रबंध निदेशक ने बाबुओं का तबादला कर भ्रष्टïाचार की इस मजबूत कड़ी को तोडऩे का अच्छा कदम उठाया है।