- बोले औद्योगिक विकास आयुक्त, सुक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिये नई नीति शीघ्र
- आईआईए अध्यक्ष सुनील वैश्य ने प्रदेश के नये औद्योगिक विकास आयुक्त से साझा किये औद्योगिक विकास के प्रस्ताव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लम्बे अन्तराल के बाद पूर्णकालिक अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की नियुक्ति हो सकी है। इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य के नेतृत्व में आईआईए प्रतिनिधिमण्डल अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डा0 अनूप चन्द्र पाण्डेय से मिलकर प्रदेश में औद्योगिक विकास के कई प्रस्ताव दिये।
आईआईए अध्यक्ष सुनील वैश्य ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त के समक्ष प्रस्ताव रखा कि उत्तर प्रदेश में सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिये एक अलग नीति तैयार की जाये जिसके लिये आईआईए ने प्रदेश सरकार को पूर्व में एक रिसर्च पेपर भी दिया है। औद्योगिक विकास आयुक्त ने आईआईए के प्रस्ताव पर गम्भीरता से कार्य करने का आश्वासन देते कहा सरकार इस पर कार्य कर रही है और शीघ्र ही प्रदेश के सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिये नई औद्योगिक नीति की घोषणा कर दी जाएगी।
प्रदेश में उद्योग बन्धु की समितियों के पुनर्गठन एवं इन समितियों की बैठको के सम्बन्ध में 20 मई 2013 को तत्कालीन मुख्य सचिव द्वारा जारी शासनादेश का अनुपालन आज तक नही हो पाया है, जिस कारण उद्योग बन्धु जैसी महत्वपूर्ण संस्था का लाभ प्रदेश के उद्यमी नहीं ले पा रहे हैं और उद्योग बन्धु संस्था लगभग निष्क्रिय हो गई है। यदि इस शासनादेश का अनुपालन सही ढग़ से उत्तर प्रदेश में किया जाये तो प्रदेश के औद्योगिक वातावरण में आशातीत सुधार होगा। आईआईए के इस सुझाव प्रस्ताव पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने आश्वस्त किया कि उद्योग बन्धु संस्था को प्रदेश के उद्यमियों की अपेक्षाओं के अनुरूप सक्रिय किया जा रहा है जिसके नतीजे जल्दी ही सामने आयेगे।
उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिये भूमि उपलब्ध न होने की समस्या के लिये आईआईए ने सुझाव दिया कि इस समस्या का आंशिक समाधान यूपीएसआईडीसी एवं उद्योग निदेशालय के औद्योगिक आस्थानों में आवंटित लीज होल्ड भूखण्डों को फ्री होल्ड करने से हो सकता है। इस सम्बन्ध में सरकार की यह चिन्ता की औद्योगिक भूखण्ड फ्री होल्ड होने से इन भूखण्डों का उपयोग गैर औद्योगिक गतिविधियों के लिये किया जा सकता है, के लिये आईआईए अध्यक्ष सुनील वैश्य ने सुझाव दिया कि भूखण्ड फ्री होल्ड करते समय सरकार यह शर्त लगाये कि इस भूमि का उपयोग अन्य किसी प्रयोजन के लिये नही हो सकता हैं। इस पर औद्योगिक विकास आयुक्त ने गम्भीरता से शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया है। इस दौरान आईआईए के महासचिव केके अग्रवाल एवं अधिशासी निदेशक डीएस वर्मा मौजूद रहे।
अन्तर्राष्ट्रीय औद्योगिक प्रदर्शनी स्थल की कमी
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में नोएडा के अतिरिक्त कही पर भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का प्रदर्शनी स्थल विकसित नहीं है, जैसा कि देश के अनेक छोटे राज्यों में उपलब्ध है। इसके लिये आईआईए ने औद्योगिक विकास आयुक्तसे अनुरोध किया कि लखनऊ और कानपुर के मध्य एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का औद्योगिक प्रदर्शनी स्थल विकसित किया जाना चाहिए जिसमें पूरे साल छोटी-बड़ी औद्योगिक प्रदर्शनियां आयोजित होती रहे। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने बताया कि इस प्रकार का औद्योगिक प्रदर्शनी स्थल ट्रॉस गंगा औद्योगिक हव में सृजित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसका आईआईए ने स्वागत किया।
तभी सफल होगा मेक इन इंडिया
आईआईए अध्यक्ष सुनील वैश्य ने मेक इन यूपी मिशन को सफल बनाने के लिए सुझाव दिया कि मेक इन इण्डिया की तर्ज पर उप्र के सभी सरकारी एवं अर्धसरकारी विभागो में राज्य में निर्मित उत्पादों की खरीददारी के लिये वरीयता प्रदान की जाये। साथ ही औद्योगिक विकास आयुक्त को यह भी बताया कि आईआईए मेड इन यूपी औद्योगिक प्रदर्शनियों का आयोजन निकट भविष्य में प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर करने जा रहा है जिसके लिये उप्र सरकार के सम्बन्धित विभागों की सहभागिता वांछित है।
दिसम्बर में होगा आईआईए का उद्यमी महासम्मेलन
बैठक में आईआईए के प्रस्ताव पर यह निर्णय भी लिया गया कि विगत वर्षो की भॉति दिसम्बर 2017 में आईआईए ‘उप्र उद्यमी महासम्मेलन-2017’ का आयोजन करेगा। इंदिरा गॉधी प्रतिष्ठान में आयोजित होने वाले इस महासम्मेलन के उद्घाटन के लिये मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जायेगा। इस उद्यमी महासम्मेलन में आईआईए के उप्र में स्थित विभिन्न चैप्टरों से 1000 से अधिक उद्यमी भाग लेंगे। औद्योगिक विकास आयुक्त डा. अनूप चन्द्र पाण्डेय ने उद्यमी महासम्मेलन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।