समय से वेतन व सुविधाएं न देने पर 36 ठेकेदारों व 211 अभियंताओं पर गिरी विभाग की बिजली
आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में धांधली करने वाले 36 ठेकेदारों के खिलाफ विद्युत विभाग ने दर्ज करायी एफआईआर
पॉवर कॉरपोरेशन ने 211 अभियंताओं के खिलाफ भी की कार्रवाई
लखनऊ। विद्युत विभाग में आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत हजारों कर्मचारियों को समय से वेतन व अन्य सुविधाएं न देना 36 ठेकेदारों और 211 अभियंताओं पर भारी पड़ गया है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन व वितरण निगमों में कार्यरत हजारों आउटसोर्स कर्मियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए बनाए गए पोर्टल के माध्यम से शत प्रतिशत भुगतान न करने और बकाये से संबंधित जानकारी पोर्टल पर अपलोड न करने के कारण 36 ठेकेदारों के खिलाफ विभाग ने एफआईआर दर्ज कराई है। साथ ही 211 अभियंताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है कि पोर्टल के माध्यम से भुगतान करने, जानकारी अपलोड करने में शिकायत या लापरवाही पायी गयी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार चाहती है कि आउटसोर्स कर्मियों को समय से वेतन व अन्य देय प्राप्त हो और उनका किसी भी तरह का उत्पीडऩ न हो। इस मकसद से ही यह पोर्टल बनाया गया है। धांधली करने वाले दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के 14 अधिशासी अभियंताओं के खिलाफ आरोप पत्र जारी किए गए हैं। वहीं 26 अधिशासी अभियंताओं से स्पष्टीकरण और तीन ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। साथ ही तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी जा चुकी है। प्रमुख सचिव ऊर्जा व पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि पोर्टल बनने से पहले आउटसोर्स कर्मियों को निर्धारित दरों से कम व विलंब से भुगतान कर एजेंसियां उनका शोषण कर रही थी। साथ ही ईपीएफ, ईएसआई और बीमा अंश भी जमा नहीं कर रही थी। यही वजह थी कि दुर्घटना के बाद उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिल पाती थी।
पूर्वांचल में 82 अभियंताओं पर कार्रवाई
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में 52 अधिशासी अभियंताओं को आरोप पत्र जारी किये गये जबकि 30 अधीक्षण अभियंताओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है। डिस्कॉम में 14 ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। मध्यांचल में 8 अधिशासी अभियंताओं को आरोप पत्र जारी किये गये हैं जबकि 25 खंड स्तरीय अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी करते हुए 12 ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है। इसके अलावा पश्चिमांचल में भी 56 अधिशासी अभियंताओं और खंड के लेखाकर्मियों से स्पष्टïीकरण मांगा गया है। साथ ही मुख्य अभियंताओं को 17 डिवीजनों में ऑडिट में पायी गयी अनियमितताओं के आधार पर वसूली सुनिश्चित कराने के आदेश दिये गये हैं। 04 ठेकेदारों के विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है।
350 डिवीजनों में ऑडिट नहीं पूरा
ऊर्जा मंत्री के अनुसार 350 डिवीजनों के ऑडिट समय से पूर्ण न होने, अंतिम रिपोर्ट प्राप्त न होने और प्राप्त रिपोर्ट संतोषजनक न पाये जाने की जानकारी मिली है। ऐसे में प्रदेश के डिस्कॉम्स में 100 डिवीजनों को चयनित कर पूर्व ऑडिटर के स्थान पर उप्र पावर कॉरपोरेशन मुख्यालय द्वारा नामित नवीन ऑडिटरों से फिर ऑडिट कराने के आदेश जारी कर दिये गये हैं। ऑडिट को 30 जून तक पूरा कराकर उनकी रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर आरोपी अधिकारियों, कर्मियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित है।
आय से अधिक संपत्ति और घूस लेने वाले 31 कार्मिकों पर चलेगा मुकदमा
विद्युत विभाग में कड़ाई से लागू होगी भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेन्स की नीति
लखनऊ। उप्र पावर कॉरपोशन के 31 कार्मिकों के खिलाफ अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। ये कार्मिक विद्युत आघात से मृत्यु, बिलों में हेराफेरी, आय से अधिक सम्पत्ति, घूस लेना, सामग्री का गलत लेखांकन, बिजली चोरी में संलिप्तता, राजस्व हानि पहुंचाने व लापरवाही आदि अनियमितताओं में दोषी पाये गये हैं। जिसके बाद इन कार्मिकों पर अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इनमें विद्युत दुर्घटना के मामले में सहायक अभियंता विवेक कुमार, शशिवेंद्र व अवर अभियंता संजय कुमार गुप्ता, अखिलेष चंद्र त्रिपाठी, सत्य प्रकाश यादव, प्रदीप राय, प्रकाष यादव, प्रदीप राय उत्कोच के मामले में रमेश चंद्र सहायक अभियंता, अवर अभियंता रोहताश प्रसाद, योगेश कुमार, ब्रजेश कुमार, रामकृत वर्मा, अरविंद कुमार, अमित कुमार, राकेश कुमार यादव, विजय प्रताप सिंह, सुभाष कश्यप, विजय कुमार श्रीवास्तव स्टेनों कम टेंडर लिपिक और गलत लेखांकन में गुरू देव सिंह अधीक्षण अभियंता, सुरेंद्र कुमार जैन अधिशासी अभियंता, रघुनंदन लाल सहायक अभियंता, उपेंद्र कुमार सिंह उप मुख्य लेखाधिकारी, बिलिंग हेराफेरी के मामलों में आफताब अहमद सहायक अभियंता, विद्युत चोरी के मामलों में अजय शर्मा सहायक अभियंता, राजस्व हानि व लापरवाही के मामलों में लल्लन राम अधिषासी अभियंता, राकेश कुमार गुप्ता अधिषासी अभियंता, शफातउल्ला खान लिपिक, दिनेश कुमार अवर अभियंता, राजेंद्र अवस्थी अवर अभियंता, आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में मनमोहन सरन अधीक्षण अभियंता, ऋषि पाल सिंह अधिशाषी अभियंता, दीपेश सक्सेना अवर अभियंता के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की गयी है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि विभागीय कार्य में पारदर्षिता के साथ उपभोक्ताओं की समस्याओं का समयबद्घ निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। यदि किसी भी तरह के भ्रष्टïाचार की शिकायत मिलती है तो जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टालरेन्स की नीति पर अमल करके उप्र पावर कारपोरेशन व उसकी सहयोगी कंपनियों में कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया है। जहां पर उत्पीडऩ या भ्रष्टïाचार की शिकायत की जांच पेंडिंग है, उस पर समयबद्घ तरीके से कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।