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नवाबी अंग्रेजी, कनपुरिया देशी के दीवाने

  • sharab copyराजधानी में 6 महीने में बिकीं अंग्रेजी शराब की 61.64 लाख बोतलें
  • दीपावली में पहले ही रिकार्ड बिक्री के आंकड़े पार कर चुका है आबकारी विभाग
  • विभाग की कोशिश है कि अवैघ शराब न बिके
  • वित्तीय वर्ष में राजस्व आंकड़ा पूरा कर सकता है आबकारी विभाग

लखनऊ। शराब की दिवानगी पूरे उत्तर प्रदेश में कुछ यूं परवान चढ़ी है कि शौकीनों के सिर चढ़ कर बोल रही है। पियक्कड़ों की वजह से न केवल सरकार का खजाना भर रहा है। बल्कि नित दिन नये रिकार्ड बनाने में आबकारी विभाग आगे बढ़ रहा है। नवाबों की नगरी लखनऊ में जहां अंगे्रजी शराब के दिवानों की कमी नहीं है। यहां बीयर के दिवाने भी कम नहीं हैं। वहीं उद्योगनगरी कानपुर शहर के लोग देशी पीने में अव्वल हैं।
गौरतलब है कि अंग्रेजी शराब पीने में लखनऊ और देशी शराब पीने में कानपुर शहर प्रदेश में सबसे आगे है। इस वित्तीय वर्ष के शुरुआती छह महीने में अंग्रेजी शराब की सबसे ज्यादा 61.64 लाख बोतलों की बिक्री केवल राजधानी लखनऊ में हुई। वहीं दूसरे नंबर पर कानपुर शहर रहा। इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच यानि छह महीनों में कानपुर शहर में अंग्रेजी शराब की 47.91 लाख बोतलों की बिक्री हुई। वहीं ताजनगरी आगरा भी अंग्रेजी शराब पीने के मामले में तीसरे स्थान पर है। यहां इस अवधि में 47.56 लाख बोतलों की बिक्री हुई। हालांकि, मंडलवार देखें तो अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री में मेरठ जोन सबसे आगे है, लेकिन देशी शराब के मामले में लखनऊ जोन प्रदेश में अव्वल है। आबकारी विभाग की मानें तो बीयर पीने में लखनऊ सबसे आगे है। राजधानी के लोगों ने 135.86 लाख बोतल बीयर खरीदीं। आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि देशी शराब की गणना लीटर के हिसाब से और अंग्रेजी शराब व बीयर की गणना 750 एमएल की बोतल के हिसाब से होती है। देशी शराब के सबसे ज्यादा शौकीन लोग कानपुर शहर में हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में दीपावली के मौके पर भी शराब की बिक्री ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिये थे। लखनऊ समेत सभी प्रमुख महानगरों ही नहीं बल्कि छोटे जिलों में भी अंग्रेजी और देशी शराब की जबर्दस्त बिक्री हो चुकी है। शौकीनों ने सूखे मेवे और मिठाई के साथ शराब की बोतल भी गिफ्ट में बांटी थी। आबकारी विभाग के सूत्र बताते है कि प्रदेश में आने वाले नव वर्ष के अवसर पर सामान्य दिनों की अपेक्षा करीब 25 फीसदी शराब की बिक्री ज्यादा होने की उम्मीद है। आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार केवल अक्टूबर में विभाग को करीब 1600 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इस लिहाज से प्रदेश में सामान्य दिनों में 50 से 60 करोड़ रुपये की शराब और बीयर की बिक्री होती है। दीपावली के त्योहार पर 25 फीसदी तक बिक्री बढ़ चुकी।
साल २०१८ के अंत और नव वर्ष के मौके पर ये आंकड़े आबकारी विभाग के राजस्व को और बढ़ा सकते है। जबकि इस बात से हैरानी नहीं होनी चाहिए जब दीपावली में इतनी रिकार्ड बिक्री हो सकती है तो होली में ये आंकड़े दोगुने हो सकते है। हालांकि आने वाले नये साल में और वित्तीय वर्ष समाप्ति के पहले आबकारी विभाग अपने राजस्व को हासिल करने में कामयाब हो सकता है। हालांकि विभाग के आलाधिकारियों की माने तो उनकी पूरी कोशिश अवैध शराब की बिक्री को रोकने की है।

शराब खपत में अव्वल रहे मंडल
मंडल देशी अंग्रेजी बीयर
मेरठ 184.04 124.48 322.53
लखनऊ 223.74 112.28 216.12
कानपुर 207.70 78.65 134.07
वाराणसी 158.07 81.79 124.33
गोरखपुर 195.24 65.61 114.50
नोट- ये आंकड़े अप्रैल- सितंबर 2018 के हैैं।
देसी शराब की गणना लीटर के हिसाब से होती है।
अंग्रेजी शराब- बीयर 750 एमएल की बोतल से गिनी जाती है।

विगत वर्षों की अपेक्षा मौजूदा वित्तीय वर्ष में राजस्व बढ़ाने पर जोर है। अवैध बिक्री को रोकने पर विशेष फोकस है। कोशिश रहेगी कि शराब दुकानों पर अधिक वसूली की शिकायत मिलेगी, तो तुरंत एक्शन लिया जाएगा।
जर्नादन यादव, जिला आबकारी अधिकारी, लखनऊ

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