स्कूली वाहनों पर 100 नंबर के साथ अंकित होंगे टोल फ्री नंबर
शराब व सिगरेट पीने वाले स्कूली वाहन चालक की सूचना इन नंबरों पर दी जा सकेगी
आरटीओ प्रवर्तन दस्ते ब्रेथ एनालाइजर से करेंगे नशेड़ी चालकों की जांच
स्कूल बस की तरह वैन समेत अन्य स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर तैयार हो रही गाइड लाइन
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। स्कूली बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर परिवहन विभाग ने नया कदम उठाया है। परिवहन विभाग के इस नये कदम का उद्देश्य नशेड़ी वाहन चालकों पर लगाम लगाना है। इसकी तैयारी भी परिवहन विभाग ने कर ली है। इसके तहत सभी स्कूली वाहनों पर अब परिवहन विभाग के टोल फ्री नंबर भी अंकित कराया जाना अनिवार्य किया गया है। ताकि आम लोग भी नशेबाज चालकों की सूचना परिवहन विभाग को आसानी से उपलब्ध करा सकें। ताकि परिवहन विभाग ऐसे चालकों पर सख्त कार्रवाई कर सके।
वहीं परिवहन विभाग मुख्यालय अधिकारियों ने प्रवर्तन दस्तों को भी स्कूली वाहन चालकों की जांच के लिए अलर्ट किया है। अब कोई भी चालक स्कूली वाहन नशे में चलाता पाया गया तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस तत्काल निरस्त करने की कार्रवाई की जायेगी। इसके अलावा भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग कई कड़े नियम बनाने पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है। कड़े नियमों के तहत अब प्रवर्तन दस्ते स्कूली वाहन चालकों की जांच ब्रेथ एनालाइजर से करेंगे। परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते स्कूली वाहनों की जांच के दौरान ब्रेथ एनालाइजर से चालकों की जांच कर यह देखेंगे कि कहीं वे नशे में तो नहीं हैं। अभी तक स्कूली वाहन चालकों की जांच ब्रेथ एनालाइजर से राजधानी में कभी नहीं की गई है। इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों ही राजधानी में ही एक स्कूली वैन चालक बच्चों से भरी वैन को देसी शराब के ठेके बाहर खड़ी करके शराब पीने गया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद ही परिवहन विभाग ने ऐसे नशेबाज चालकों पर शिकंजा कसने की तैयारी की है। बताते चलें कि स्कूल वाहनों की जांच में अब तक आरटीओ प्रवर्तन दस्तों की ओर से वाहनों की फिटनेस समेत सुप्रीम कोर्ट के स्कूली वाहनों से संबंधित दिशा निर्देशों के तहत ही जांच की जाती थी। स्कूली वाहन चालक नशे में है, इसकी जांच नहीं की जाती है। अब ब्रेथ एनालाइजर से चालक नशे में तो नहीं है, इसकी भी जांच की जा सकेगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्कूली वाहनों के चालकों की नशे की लत बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। इस मामले में अभिभावकों और आम नागरिकों को भी आगे आना होगा। आम जनता और माता-पिता अगर किसी स्कूली वाहन चालक को नशा करते देखें तो वे तत्काल इसकी सूचना या फोटो खींचकर विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध कराएं। चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। साथ ही जानकारी देने वालों से किसी तरह की पूछताछ नहीं की जाएगी। वहीं अधिकारियों के मुताबिक आरटीओ प्रवर्तन दस्तों को ब्रेथ एनालाइजर के लिए बजट जारी किया गया है, जिससे वे इससे स्कूली वाहन चालकों की कभी भी जांच कर सकें।
स्कूली वैन के लिए नहीं है गाइड लाइन
बच्चों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्कूली बसों के लिए गाइड लाइन जारी की है। लेकिन स्कूली वैन के लिए कोई गाइड लाइन नहीं है। ऐसे में स्कूली वैन बच्चों के लिए ज्यादा असुरक्षित मानी जा सकती है। स्कूली वैन में बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग की ओर से गाइड लाइन तैयार की जा रही है। जिसके बाद यह प्रदेश में लागू की जायेगी। वहीं स्कूली बच्चों को ई-रिक्शा, टेम्पो, आटो, रिक्शा में भी ढोया जाता है, जो बच्चों के लिए एक तरह से जानलेवा व असुरक्षित सफर है। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर विभाग के साथ-साथ अभिभावकों को भी उतना ही जागरुक होना पड़ेगा।
ऐसे लगेगी लगाम
अभी स्कूली वाहनों पर वाहन मालिक, चालक का नाम, उसका मोबाइल नंबर और फिटनेस का ब्यौरा ही अंकित किया जाता है। लेकिन अब स्कूली वाहनों पर यह निर्देश भी अंकित करने होंगेे…
100 नंबर के साथ परिवहन विभाग का टोल फ्री नंबर 18001802877 और 9415049606 स्कूली वाहनों पर किया जाएगा अंकित
यदि स्कूली वाहन चालक शराब पीता है या फिर बच्चों को बिठाकर सिगरेट या धूम्रपान करता है तो इन नंबरों पर तत्काल सूचना दें
यदि स्कूली वाहन चालक इयरफोन लगाकर वाहन चलाता है, तो भी इसकी सूचना इन नंबरों पर दी जा सकती है
यह होगी कार्रवाई
शराब पीकर स्कूली वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर पहली बार में लाइसेंस निरस्त होगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर चालकों को स्कूली वाहन चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी, उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
सिगरेट पीकर स्कूली वाहन चलाने पर पहली बार चालान किया जाएगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। चार बार से अधिक पकड़े जाने पर चालक स्कूली वाहन चलाने के अयोग्य कर दिया जाएगा।
वाहन स्वामियों को भी ऐसे मामलों में जुर्माना भरने को बाध्य किया जाएगा। उन्हें ऐसे चालकों से दूरी बनानी होगी।
स्कूली वाहनों की जांच के लिए लखनऊ समेत प्रदेश के सभी आरटीओ के प्रवर्तन दस्तों को अलर्ट किया गया है। प्रवर्तन दस्तों में शामिल सभी अधिकारियों को अपने साथ ब्रेथ एनालाइजर रखना अनिवार्य होगा। जिससे वे कभी भी यह जांच कर सकेंगे कि स्कूली वाहन चालक नशे में तो नहीं है।
वीके सिंह, अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन
टोल फ्री नंबर
18001802877, 9415049606