लखनऊ। पता गलत होने अथवा अन्य किन्हीं कारणों से प्रदेश भर में बड़ी संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों तक नहीं पहुंच रहे हैं। आवेदकों तक नहीं पहुंचने वाले डीएल वापस परिवहन विभाग मुख्यालय पहुंच रहे हैं। डीएल वितरण की केंद्रीयकृत व्यवस्था के बाद भी आ रही अड़चन को लेकर परिवहन विभाग ने योजना तैयार की है। इसके तहत जिन आवेदकों के डीएल नहीं पहुंचे हैं उनके पते की जांच पड़ताल संबंधित आरटीओ कार्यालय में होगी। ऐसे आवेदक जिनका ड्राइविंग लाइसेंस उन तक नहीं पहुंचा है वे आरटीओ कार्यालय जाकर अपने पते को वेरिफाई करा सकते हैं। लखनऊ आरटीओ कार्यालय में एआरटीओ आवेदकों के पते को वेरिफाई कर रहे हैं। हालांकि परिवहन विभाग की ओर से वापस लौटे डीएल की लिस्ट आरटीओ कार्यालय नहीं भेजी है। इसके बाद भी आवेदकों की सुविधा के लिए यह कार्य किया जा रहा है। वहीं जिन आवेदकों के पते गलत हैं उन्हें निर्धारित फीस जमा कर अपने पते को बदलवाने का निर्देश दिया गया है। लखनऊ आरटीओ की बात की जाए तो यहां के करीब 1100 डीएल आवेदकों तक नहीं पहुंचकर वापस लौट आये हैं। वहीं पूरे प्रदेश में वापस लौटे डीएल की संख्या 10 हजार के पार है। केंद्रीयकृत व्यवस्था के बाद भी आ रही यह समस्या विभाग के लिए सिरदर्द बनी हुई है।
फिर भी आरटीओ से नहीं मिलेगा डीएल
आवेदकों के पते का वेरिफिकेशन भले ही आरटीओ कार्यालय में होगा, लेकिन उन्हें डीएल परिवहन विभाग मुख्यालय से ही डाक द्वारा प्राप्त होगा। परिवहन विभाग मुख्यालय ने पते का वेरिफिकेशन कराने का निर्देश दिया है। इसके तहत आवेदक डीएल न पहुंचने पर आरटीओ कार्यालय पहुंचकर अपने पते का वेरिफिकेशन कराए और पता गलत होने पर निर्धारित फीस जमा कर पता बदलवाएं। इन सबके बाद भी आवेदकों को आरटीओ कार्यालय से डीएल नहीं मिलेगा। सही पते की जानकारी होने के वापस ऐसे आवेदकों की लिस्ट वापस परिवहन विभाग मुख्यालय जाएगी और उनका डीएल मुख्यालय से दोबारा डाक विभाग से भेजा जाएगा। अब सवाल यह है कि पते का वेरिफिकेशन अगर आरटीओ कार्यालय में किया जा रहा है तो फिर आवेदकों को डीएल के लिए फिर क्यूं इंतजार कराया जा रहा है? आवेदकों को आरटीओ कार्यालय से ही डीएल क्यों नहीं दिया जा रहा।