परीक्षा चाहे 10वीं-बारहवीं की हो या बड़े स्तर की टेंशन जरूर होता है। यह स्वाभाविक है। थोड़ी बहुत टेंशन तो चलती है लेकिन अगर ज्यादा टेंशन हो जाए तो यह खतनाक है। परीक्षाओं के समय शरीर काफी ज्यादा प्रभावित होता है। इसलिए शरीर का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। परीक्षा के समय बच्चें को सही आहार देना बहुत ज्यादा जरूरी है। परीक्षा में सफलता पाने में केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि खान-पान में जैसा कि मेवा, फल, अंकुर, उबला हुआ मकई आदि बहुत पौष्टिक हैं। आप नारियल पानी और काला चना सूप भी पी सकते है। उबाले हुए काले चने के पानी में थोड़ा काला नमक और नींबू का रस ड़ालें और पी लेंगे तो आपके लिए यह लाभकारी साबित हो सकता है। एक बात जान लीजिए, पढ़ाई के दौरान सबसे अधिक दिमाग का इस्तेमाल होता है। यूं तो यह हमारे शरीर का सबसे छोटा अंग होता है लेकिन शरीर की कुल ऊर्जा का 20 प्रतिशत दिमाग द्वारा इस्तेमाल होता है। यदि पढ़ाई के दौरान लगातार ऊर्जा मिलती रहे तो दिमाग तंदुरुस्त व उत्साहवर्धक बना रहता है। पर्याप्त ऊर्जा न मिलने की स्थिति में, बच्चा थका हुआ महसूस करता है, एकाग्रचित होकर पढ़ाई नहीं कर पाता, इसलिए तनाव में आ जाता है। तनाव की वजह से उसके शरीर का मेटाबॉलिज्म घटने लगता है, साथ ही कई अन्य तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए परीक्षा के दौरान बच्चे के खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि परीक्षाओं के दौरान बच्चे का खानपान कैसा होना चाहिए।
प्रोटीन दूर करता है थकान
आपने अक्सर देखा होगा कि पढ़ाई के दौरान नींद आने लगती है, इसके दो कारण है, पहला पढ़ाई के दौरान दिमाग बहुत तेजी से शरीर की एनर्जी खींचता है। दूसरा पढ़ाई समझ में आना। इसके लिए आप अपने बच्चों के खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाइए। प्रोटीन के लिए सुबह नाश्ते में अंडा, पोहा, इडली या डोसा आदि खिलाइए, जिससे बच्चा दिन भर ऊर्जावान रहेगा और वह पढ़ाई के समय थकान महसूस नहीं करेगा।
कार्बोहाइड्रेट देता है शरीर को एनर्जी
यह हमारे शरीर में ईधन के रूप में काम करता है। इसलिए कम समय में अधिक एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट लेना लाभकारी होता है। क्योंकि यह ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में दिमाग तक पहुंचाने का काम करता है। जिससे एकाग्रता बनाये रखने में सहायक होते है। इसके लिए आपको गाजर, सलाद, आलू, नाशपत्ती और सेब आदि के सेवन से प्राप्त होता है।
परीक्षा के समय पानी का सेवन
पढ़ाई के दौरान आप पर्याप्त पानी का सेवन सुनिश्चित करें, भले ही आपको प्यास न लगी हो या पढ़ाई के दौरान पानी पीना भूल गए हों। जहां आप अध्ययन कर रहे हैं, वहां एक लीटर पानी की बोतल रख लें और दिन में कम से कम पानी की दो बोतलें खत्म करें। ये समझ लें कि हमारा मस्तिष्क लगभग 90 प्रतिशत पानी है।
तनाव को कहें बॉय-बॉय
परीक्षा के दौरान बच्चे लगभग 12 से 14 घंटे पढ़ाई करते हैं, जल्दी से सिलेबस खत्म कर अधिक से अधिक रिवीजन करने के दबाव में लगातार जागते रहते हैं और आराम भी नहीं कर पाते। परिणामस्वरूप उनका स्ट्रेस लेवल इतना अधिक बढ़ जाता है कि वे लंबे समय तक पढ़ते तो रहते हैं, लेकिन एकाग्रता कम होने की वजह से पढ़ा हुआ याद नहीं रख पाते। अंतत: परीक्षा में अच्छा न कर पाने के डर से हतोत्साहित होने लगते हैं। पढ़ाई के अत्यधिक तनाव का उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। तनाव के कारण बच्चे को पेट से संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं, तनाव की वजह से पाचन प्रणाली तक रक्त का संचार अवरुद्ध होने लगता है, इससे डाइजेस्टिव सिस्टम तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता और न्यूट्रिएंट समाहित करने की शरीर की क्षमता भी कम हो जाती है। शरीर का मेटाबॉलिज्म घटने लगता है। इसलिए परीक्षा के दौरान सबसे जरूरी है कि बच्चे के खानपान व आराम का पूरा ध्यान रखा जाए, साथ ही बच्चे पर पढ़ाई का अत्यधिक दबाव न बनाएं, ताकि बच्चा तनावमुक्त होकर पढ़ाई कर सके।
खानपान में रखें सावधानी
सफेद ब्रेड, कुकीज, केक, कोल्डड्रिंक, शुगरयुक्त चीजों और तेल व मसालेदार पदार्थों से दूरी बनाए रखें।
खाने में बहुत भारी और मसालेदार खाना न खाएं। इससे आलस्य बढ़ेगा साथ ही पेट संबंधी छोटी-मोटी समस्याएं होने पर आपका ध्यान पढ़ाई से भटक सकता है।
देर रात तक पढ़ाई के लिए जाग रहे हैं तो हर आधे घंटे के अंतर पर आधा गिलास ठंडा पानी पीते रहें। इससे नींद और जागरण के कारण होने वाली समस्याओं से बचेंगे। बीच-बीच में तली-भुनी चीजें न खाएं। अपनी नींद पूरी करने का भी प्रयास करें।
पढ़ाई के बीच समय निकालकर कुछ सूखे मेवे जैसे- बादाम या फिर मूंगफली चबाते रहें। इससे दिमाग सक्रिय रहेगा। लेकिन इतना भी न खाएं कि पेट एकदम भर जाए। इससे आलस्य पैदा होगा।
हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। इनमें विटामिन ई, के, फॉलेट व फाइटो न्यूट्रिएन्ट्स जैसे विटामिन सी आदि पाए जाते हैं। जो कि ब्रेन सैल के निर्माण में सहायक होते है। हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग सलाद, रायता, सूप, ज्यूस, स्टफ्ड वेज परांठा, रोटी,कटलेट आदि बनाने में हो सकता है।
डॉर्क चॉकलेट शरीर में सेरेटॉनिन व एंडोमोरफिन का स्तर बढ़ाने में सहायक होती है, जो कि दिमाग को सक्रिय बनाए रखने में सहायक होते है। कई शोध कार्यों में पता चला है कि जो लोग रोज दो कप चॉकलेट ड्रिंक दूध पीते है, उनका बौद्धिक स्तर उच्च होता है।
रस बेरी या स्ट्रॉबेरी में एंथोसाइनिन पदार्थ पाया जाता है, जो कि दिमाग की याददाश्त बढ़ाने में सहायक होता है। इन्हें ज्यूस बनाया जा सकता है।
चुकंदर में नाइट्रेट नामक तत्व पाया जाता है, जो कि ब्रेन में ऑक्सीजन सप्लाई में काम आता है व दिमाग के सुचारू रूप से विकास में सहायक होता है। चुकंदर को सलाद, सूप व अन्य रूप में आवश्यकतानुसार खाया जा सकता है।
ध्यान रखें ये नुस्खे
परीक्षा के दौरान काफी के बजाय सीरेल्स वाला दूध पीना बेहतर होता है। इसके अतिरिक्त पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, क्योंकि डिहाइड्रेशन की वजह से एकाग्रता कम हो जाती है और शारीरिक ऊर्जा जल्दी ही खत्म होने लगती है।
खाने में ज्यादा से ज्यादा ताजे फल और सब्जियां बच्चों को दें, खासकर हरी सब्जियां जैसे पालक, लौकी, तोरी में शरीर व मस्तिष्क को तंदुरुस्त रखने के लिए आवश्यक तत्व होते हैं। स्टार्च वाली सब्जियां जैसे आलू, अरबी के सेवन से बचें, क्योंकि इनसे थकावट व नींद महसूस होती है। खाना बार-बार गर्म न करें, क्योंकि ऐसा करने से भोजन के सभी जरूरी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। बच्चे को ताजा खाना ही दें।
बादाम, सेब, अखरोट, किशमिश, अंगूर, संतरा, अंजीर, सोयाबीन व मछली में याददाश्त बढ़ाने की क्षमता होती है। इसके अतिरिक्त शहदए, दूध और मेवों से मन व मस्तिष्क को शांति मिलती है।
मछली का सेवन करने से दिमाग तेज होता है। इसके अलावा फलों का ठंडा रायता खाने से स्फूर्ति आती है।
संतरा, केला और गाजर पढऩे वाले बच्चों के लिए बेहद जरूरी होते हैं। केला खाने से लंबे समय तक शारीरिक ऊर्जा बनी रहती है।
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