- आरएम लेबल पर तैनात अधिकांश आरएम के खिलाफ भ्रष्टïाचार की शिकायतें
- भ्रष्टïाचार समेत अन्य आरोपों में पांच बार निलंबित हो चुके हैं प्रभाकर मिश्रा
- प्रभाकर मिश्रा को फिर से देवीपाटन रीजन का बनाया गया प्रभारी आरएम
- मेरठ रीजन के आरएम नीरज सक्सेना के खिलाफ भ्रष्टïाचार की 370 से अधिक शिकायतें
- परिवहन निगम के 20 परिक्षेत्रों के 11 रीजन में प्रभारी आरएम की तैनाती
पंकज पांडेय
लखनऊ। सूबे की योगी सरकार का भ्रष्टïाचार मुक्त प्रदेश का दावा उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के ठेंगे पर है। इसकी बानगी हाल ही में बड़े पैमाने पर किए गए तबादले और दागियों को जिम्मेदारी भरे पदों पर प्रभार देने में देखने को मिली। उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के 20 रीजनों में आधे से अधिक प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक तैनात हैं। रीजन में तैनात अधिकांश क्षेत्रीय प्रबंधक दागी हैं और इनकी शिकायत भी परिवहन निगम मुख्यालय पर हो चुकी है।
वहीं कुछ क्षेत्रीय प्रबंधक ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ बहुत अधिक शिकायतें मुख्यालय समेत शासन को भी की गयी हैं और कुछ ऐसे हैं जिनको भ्रष्टïाचार के आरोप में कई बार निलंबित भी किया जा चुका है। बावजूद इसके अफसरों की कमी का हवाला देते हुए ऐसे अधिकारियों को फिर से भ्रष्टïाचार करने की खुली छूट परिवहन निगम ने दे दी। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंच से भ्रष्टïाचारी बख्शे नहीं जाएंगे जैसा बयान बेमानी लगता है। वहीं विभागीय भ्रष्टïाचार के खात्मे की परिवहन मंत्री की भी बात महज खानापूर्ति प्रतीत होती है।
यही हाल हाल ही में बड़े पैमाने पर किए गए तबादलों में भी देखने को मिला। सरकार की नीतियों के अनुरुप तबादला नीति का पालन करते हुए बड़े पैमाने पर तबादले कर वाहवाही तो लूटी गयी, लेकिन तबादलों के पीछे हुए खेल को छुपा लिया गया। ऐसे में यह कहना गलत न होगा कि सरकार के साये में ही भ्रष्टïाचार खुलकर अपने पैर पसार रहा है और इन सबमें सबसे अधिक भ्रष्टï विभाग परिवहन निगम साबित हो रहा है।
पांच बार निलंबन के बाद मिली तैनाती
भ्रष्टïाचार समेत अन्य आरोपों में पांच बार निलंबन के बावजूद फिर से प्रभाकर मिश्रा को देवी पाटन परिक्षेत्र का प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक बना दिया गया। प्रभाकर मिश्रा को कुछ माह पूर्व ही भ्रष्टïाचार समेत परिचालकों की भर्ती में धांधली के आरोपों के चलते बरेली परिक्षेत्र का प्रभारी आरएम रहते निलंबित किया गया था। इसके पहले भी वह चार बार निलंबित हो चुके हैं। इनमें बस्ती के एआरएम पद पर निलंबन, एआरएम लखनऊ के रूप में निलंबन, सिटी ट्रांसपोर्ट में अधिकारी रहते निलंबन और झांसी के प्रभारी आरएम रहते प्राइवेट मोटर मालिकों के लेन-देन में निलंबन हो चुका। प्रभाकर मिश्रा को फिर से प्रभारी आरएम की तैनाती की बाबत आरएम पद पर अफसरों की कमी बतायी जा रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि भ्रष्टïाचार के आरोप में कई बार निलंबित हो चुके अफसर की फिर से जिम्मेदार पद पर तैनाती कर निगम प्रबंधन क्या संदेश देना चाह रहा है। ऐसे अफसर फिर भ्रष्टïाचार नहीं करेंगे इसकी गारंटी कौन लेगा।
मेरठ आरएम के खिलाफ 370 से अधिक शिकायतें
मेरठ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक नीरज सक्सेना के खिलाफ भ्रष्टïाचार को लेकर मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर 370 से अधिक शिकायतें हो चुकी हैं। आरएम नीरज सक्ेसना के खिलाफ परिवहन निगम के ही सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक वित्त प्रवीण कुमार ने शिकायत की है। आरएम नीरज सक्सेना पर आगरा रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक व प्रभारी प्रबंध निदेशक सिटी बस रहते फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए 300 से अधिक पीआरडी जवानों की भर्ती करने का आरोप लगाया गया है।
कौन सा अच्छा रीजन मिल गया
भ्रष्टïाचार समेत अन्य आरोपों में पांच बार निलंबित हो चुके प्रभारी आरएम देवीपाटन की तैनाती की बाबत सीजीएम प्रशासन कर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि प्रमोशन पाकर जो अफसर क्षेत्रीय प्रबंधक बन गये हैं, उनमें से अधिकांश क्षेत्रों में जाना नहीं चाहते। वहीं शिकायतों की बात की जाए तो परिक्षेत्रों में तैनात अधिकांश आरएम के खिलाफ भ्रष्टïाचार समेत अनियमितता की शिकायत है। आरएम लेबल पर अफसरों की कमी के चलते ही प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। वहीं सीजीएम प्रशासन इस दौरान यह भी बोल गये कि प्रभारी आरएम प्रभाकर मिश्रा को कौन सा अच्छा रीजन मिल गया। ऐसे में सवाल उठता है कि भ्रष्टïाचार में निलंबित अफसर को पुन: तैनाती देकर यह मलाल जताना कि कौन सा अच्छा रीजन मिल गया, किस बात को दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है।
अधिकांश आरएम के खिलाफ शिकायत
परिवहन निगम के 20 रीजनों में तैनात अधिकांश आरएम के खिलाफ शिकायत निगम मुख्यालय पर की गयी है। इनमें से ज्यादातर मामले भ्रष्टïाचार से ही जुड़े है। जिन शिकायतों पर कई क्षेत्रीय प्रबंधकों पर निलंबन की भी कार्रवाई की गयी है। लेकिन निलंबित हुए क्षेत्रीय प्रबंधक जुगाड़ से फिर क्षेत्रों में तैनाती पाने में सफल हो जाते हैं।
आधे से अधिक क्षेत्रों में प्रभारी आरएम
परिवहन निगम के 20 में से 11 परिक्षेत्रों में प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधकों की तैनाती की गयी है। वहीं 9 परिक्षेत्र ही ऐसे हैं जिनमें पूर्ण आरएम तैनात किए गए हैं। जिन क्षेत्रों में प्रभारी आरएम तैनात हैं उनमें इलाहाबाद रीजन में हरिश्चन्द्र, वाराणसी में केके शर्मा, आगरा में पीएस मिश्रा, झांसी में सुग्रीव कुमार राय, चित्रकूटधाम में संजीव कुमार, देवीपाटन में प्रभाकर मिश्रा, हरदोई में मनोज त्रिवेदी, नोएडा में अशोक कुमार, गाजियाबाद में एके सिंह, सहारनपुर में मनोज कुमार पुंडीर और फैजाबाद रीजन में धर्मेन्द्र नाथ शामिल हैं। उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के पहले 18 रीजन थे, लेकिन उत्तराखंड बनने के बाद रीजन की संख्या बढ़कर 20 हो गयी। ऐसे में रीजन तो बढ़े लेकिन उसके मुकाबले आरएम पद पर अफसरों की संख्या नहीं बढ़ी, जिसके चलते क्षेत्रों में आरएम पद पर तैनाती को लेकर अफसरों की कमी बनी हुई है।
मुख्यालय पर तैनात हैं पांच आरएम
परिक्षेत्रों में के अलावा निगम मुख्यालय पर भी आरएम तैनात हैं। इनमें सुनील प्रसाद, जेएन सिन्हा, संदीप लाहा, एसके बनर्जी और आशूतोष गौड़ शामिल हैं। निगम अधिकारियों की मानें तो आरएम बनें अधिकांश अफसर क्षेत्रों में तैनाती नहीं चाहते। वहीं निगम के रीजन के मुकाबले आरएम पद पर अफसरों की कमी है। जिसके चलते ही प्रभारियों को तैनाती दी जा रही है।