कई बार प्रसव के बाद महिलाओं को रोने का मन करता है या कई अलग-अलग तरह के विचार दिमाग में आते हैं। यह शरीर में हुए हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकता है। पर जरूरी नहीं प्रसव के बाद की हर परेशानी हार्मोनल बदलाव के कारण हो। कुछ परेशानिया गंभीर भी हो सकती है ,जैसे की लगातार बहुत ज्यादा सरदर्द होना ,पेट की समस्या होना आदि। इन परेशानियों को गंभीरता से न लेने पर आपको दुष्परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं ठीक उसी प्रकार प्रसव के बाद भी महिला के शरीर में कई बड़े बदलाव आते हैं, विशेषकर पहले हफ्ते में। लेकिन बदलाव और परेशानी में अंतर होता है कभी कभी हम इसे प्रसव के बाद होने वाली आम समस्या समझते है पर वो आपके सेहत के लिए कोई बड़ी परेशानी पैदा कर सकती है। इसलिए प्रसव के बाद इन लक्षणों को गंभीरता से लें।
प्रसव के बाद की इन समस्याओं की अनदेखी ना करें
छाती में दर्द- अगर आपको छाती में दर्द है, तो यह छाती संक्रमण या प्रसव के तनाव के कारण मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से हो सकता है। हालांकि, यह पल्मनरी एम्बोलिस्म का भी संकेत हो सकता है और इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। अगर, आपको दर्द है, सांस ठीक से नहीं ली जा रही या फिर खांसते हुए मुंह से खून आए, तो आपको तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।
लंबे समय तक तेज सिरदर्द - यह एपिड्युरल या रीढ़ में लगाए गए एनेस्थीसिया का दुष्प्रभाव हो सकता है। इस बारे में आपको जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से बात करनी चाहिए। प्रसव के बाद शुरुआती 72 घंटों में तेज सिरदर्द प्री-एक्लेमप्सिया की वजह से भी हो सकता है। प्री-एक्लेमप्सिया शिशु के जन्म से पहले या बाद में कभी भी हो सकता है। प्री-एक्लेमप्सिया के साथ-साथ आपको धुंधला दिखाई देना या मिचली व उल्टी भी हो सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर- प्रसव के बाद शुरुआती छह घंटों में आपका रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) मापा जाना चाहिए। अगर निचला आंकड़ा (डायस्टॉलिक) 90 से ज्यादा है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपको प्री-एक्लेमप्सिया है और आपको पूर्ण विकसित एक्लेमप्सिया होने का खतरा है। इस स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए, और जरुरत होने पर अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ सकता है। अगर आपको प्री-एक्लेमप्सिया के अन्य लक्षण जैसे कि सिरदर्द, धुंधली दृष्टि या मिचली भी है, तो यह स्थिति अधिक चिंताजनक है।
पिंडली में दर्द- पिंडली में दर्द, डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) की वजह से हो सकता है। इसमें मांसपेशियों की अंदरुनी गहरी नसों में खून का थक्का जम जाता है और यह जानलेवा भी हो सकता है। कई बार वह जगह लाल हो सकती है और सूजन और/या हल्का बुखार भी हो सकता है।
बेहद नाजुक पेट- यह भी किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है। अगर, आपका सीजेरियन आॅपरेशन हुआ है, तो यह पेट पर टांकों के आसपास हो सकता है या गर्भ के अंदर भी हो सकता है। गर्भ में जिस स्थान से अपरा हटती है, वहां घाव होता, जिसे भरने की जरुरत होती है। अगर, गर्भाशय के भीतर के संक्रमण का इलाज न कराया जाए, तो यह पोस्टपार्टम हैमरेज का खतरा बढ़ा देता है।
पीछे से रिसाव – डिलीवरी (प्रसव) के बाद बार-बार शौचालय जाने की जरुरत महसूस होना बेहद आम है। लेकिन शौचालय पहुंचने से पहले ही आपके नितंब से रिसाव होना बताता है कि आप अपने मल पर नियंत्रण नहीं कर पा रही हैं। इस स्थिति को गंभीर मानते हुए अपनी डॉक्टर से बात करें।