आरटीओ ने दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले वाहन स्वामियों की तैयार की सूची
31 मार्च को दो व चार पहिया पौने तीन लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन के 15 साल हो रहे पूरे
समय से वाहनों का पुन: पंजीकरण न कराने पर होगी विभागीय कार्रवाई
लखनऊ। राजधानी की सड़कों पर लाखों वाहन बिना रजिस्ट्रेशन के फर्राटा भर रहे हैं। बिना रजिस्ट्रेशन सड़क पर संचालित हो रहे वाहनों में दो और चार पहिया दोनों वाहन शामिल हैं। ये ऐसे वाहन हैं जिनको रजिस्ट्रेशन के 15 साल पूरे होने के बाद भी पुन: पंजीकृत नहीं कराया गया है। लखनऊ आरटीओ की ओर से दोबारा रजिस्ट्रेशन न कराने वाले वाहन स्वामियों की सूची तैयार की है। अवैध रुप से संचालित हो रहे वाहनों में एक लाख के आसपास चार पहिया व पौने दो लाख दो पहिया वाहन शामिल हैं। इन वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अवधि समाप्त हो गयी है। जिन वाहनों की आयु 15 वर्ष पूरी हो चुकी है, ऐसे वाहन मालिकों ने अपने वाहन का आरटीओ में दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। परिवहन विभाग ऐसे वाहन मालिकों को चिन्हित कर दोबारा सार्वजनिक नोटिस भेजने जा रहा है। दूसरी नोटिस पर वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो इसके लिए वाहन मालिक स्वयं जिम्मेदार होंगे। एआरटीओ प्रशासन राघवेंद्र सिंह ने बताया कि बीते 11 सितम्बर 2018 को ऐसे वाहन मालिकों को पहली बार सार्वजनिक सूचना दी जा चुकी है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में वाहन मालिकों ने अपने वाहनों का पुन: रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। ऐसे वाहन मालिकों को अंतिम अवसर दिया जा रहा है। 31 मार्च 2019 तक पंजीकृत वाहनों की सूची तैयार कर ली गई है। यह सूची परिवहन विभाग के वाहन फोर साफ्टवेयर से तैयार की गयी है। जिसमें यूपी 32 बीबी सीरीज के पहले तक आरटीओ में पंजीकृत पौने तीन लाख निजी वाहन वर्तमान में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन निलंबन की होगी कार्रवाई
केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 53 के अंतर्गत सार्वजनिक सूचना के 30 दिन बाद वाहन के रजिस्ट्रेशन का निलंबन होगा। छह माह तक निलंबन की अवधि पूरी होने पर धारा 54 के अंतर्गत वाहनों की धरपकड़ करते हुए वाहन मालिक के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई होगी।
कबाड़ गाड़ी का निरस्त कराना होगा रजिस्ट्रेशन
जिन गाडिय़ों के 15 वर्ष रजिस्ट्रेशन के पूरे हो गए हैं और गाड़ी चलने योग्य नहीं है, कबाड़ हो गयी है या कबाड़ी को बेच दिया गया है, ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए गाड़ी मालिक को आरटीओ कार्यालय में जाकर प्रार्थना पत्र देना होगा। तभी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्दर माना जाएगा और विभागीय कार्रवाई से बच सकेंगे।