मुख्यमंत्री ने हटाये, सपा सरकार के सभी गैर सरकारी सलाहकार-अध्यक्ष
मुख्यमंत्री बनते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा सरकार के गैर सरकारी सलाहकार और अध्यक्षों को सेवामुक्त कर दिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाली है, जब से वो ताबड़तोड़ फैसले करते जा रहे है। ताजा फैसला उन्होंने गैर सरकारी सलाहाकर, अध्यक्ष, परिषद उपाध्यक्षों के खिलाफ किया और उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया है। इससे सपा सरकार के 100 से ज्यादा सपा नेताओं की लालबत्ती छीन गई। निगम अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को बर्खास्त करने के साथ ही सभी दर्जा प्राप्त मंत्रियों को भी पद से हटा दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला करते हुए समाजवादी पार्टी सरकार के सभी निगम अध्यक्षों व उपाध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया है। यूपी सरकार ने तत्कालीन सरकार में विभागों, सार्वजनिक निगमों, परिषदों, समितियों आदि में प्रशासनिक व्यवस्था के अन्तर्गत नियुक्त सभी कार्यरत गैर सरकारी सलाहकारों, अध्यक्षों, उपाध्यक्षों एवं सदस्यों की सेवाओं को तात्कालिक प्रभाव से समाप्त करते हुए, उन्हें कार्यमुक्त किये जाने के आदेश पारित कर दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने कृषि उत्पादन आयुक्त, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, आयुक्त समाज कल्याण, समस्त अपर मुख्य सचिवों एवं प्रमुख सचिवों, सचिवों को निर्देश दिए हैं कि इन आदेशों का अनुपालन तत्काल सुनिश्चित करें और अगर इसका पालन नहीं होता तो कड़ी कार्रवाई की जाए।
दरअसल, सपा सरकार ने अपने शासन काल में प्रशासनिक व्यवस्था के तहत दर्जनों निगमों और परिषदों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा कई विभागों में गैर सरकारी सलाहकारों की नियुक्ति की थी। सरकारी खजाने से इन सबके वेतन, भत्ते व अन्य खर्चों के लिए हर माह करोड़ो रुपये जाता था। इन अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सलाहकारों में कई को तो राज्य मंत्री तक का दर्जा दिया गया था, जिसके चलते इन्हें लालबत्ती वाली गाडिय़ां उपलब्ध कराई गई थी। इससे पहले भी योगी ने ताबड़तोड़ कई फैसले किए है। उन्होंने अपने मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रियों और अधिकारियों से 15 दिन में अपनी संपत्तियों का ब्योरा देने को कहा है।
सलाहकारों व अध्यक्षों का हटना शुरू
नई सरकार के आदेश के बाद सरकारी विभागों ने अपने-अपने यहां तैनात सलाहकारों व अध्यक्ष पद पर तैनात नेताओं को हटाना शुरू कर दिया है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के सलाहकार जावेद आब्दी को कार्यमुक्त कर दिया गया है। रिमोट सेंसिंग सेंटर प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष पद से मुनीर अहमद खान हटा दिया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की सामान्य सभा के अध्यक्ष पद से नगीना यादव को कार्यमुक्त कर दिया गया है।
राजस्व विभाग की सलाहकार राजकुमारी कुशवाहा को भी कार्यमुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव ने सोमवार को निगमों, आयोगों मनोनीत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सलाहकारों को हटाने को कहा था। इस आदेश के क्रम में मंगलवार को विभागों के प्रमुख सचिवों ने अपने यहां तैनात ऐसी तैनाती को रद्द करते हुए ऐसे नेताओं को कार्यमुक्त करना शुरू कर दिया है। पिछली सपा सरकार में भारी तादाद में सपा से जुड़े नेताओं को तैनात किया था। बाद इनकी तैनाती केवल एक साल के लिए की जाने लगी। अब ऐसे लोगों की तादाद 70 के करीब रह गई है। इनमें कुछ लोगों ने सरकार बदलते ही खुद ही इस्तीफा दे दिया था।