132 करोड़ से विकसित होंगे ट्रांसपोर्टनगर, आलमनगर रेलवे स्टेशन
ट्रांसपोर्टनगर स्टेशन पर बनेगी छह रेल लाइनें जबकि आलमनगर को बनाया जाएगा टॢमनल
लखनऊ। चारबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव कम करने के लिए रेलवे ने नई योजना बनायी है। इसके तहत शहर में दो नए रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जाएगा। आगामी करीब ढाई साल में ट्रांसपोर्टनगर व आलमनगर रेलवे स्टेशन के रुप में दो नए विकल्प तैयार किए जाएंगे। ट्रांसपोर्टनगर में छह लाइनें बनेंगी और आलमनगर में दो और नई रेल लाइन बिछाकर यहां टर्मिनल बनाने की तैयारी है। गोमतीनगर रेलवे स्टेशन को टर्मिनल स्टेशन बनाए जाने तक चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों व ट्रेनों की बढ़ती संख्या से बढऩे वाले दबाव को कम करने के लिए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने यह कवायद शुरू की है। स्वच्छता पखवाड़ा का शुभारंभ करते हुए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सतीश कुमार ने बताया कि चारबाग रेलवे स्टेशन पर दिनोदिन ट्रेनों व यात्रियों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए यहां पर दो नये प्लेटफार्म (10 व 11) को बनाने के लिए टेण्डर प्रक्रिया शुरू हो गयी है। वर्तमान में चारबाग रेलवे स्टेशन पर कुल प्लेटफार्मों की संख्या नौ है। उन्होंने बताया कि आलमनगर से उतरेटिया के बीच वर्तमान में एकल लाइन है, जिस पर मालगाडिय़ों का ही आवागमन होता है। इस बाईपास का दोहरीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस रूट का विद्युतीकरण भी किया जाएगा। 132 करोड़ रुपये से यह पूरी परियोजना पूरी होगी। इस परियोजना में से 25 करोड़ का प्रस्ताव उत्तर रेलवे मुख्यालय को भेजा गया है जिससे आशियाना में स्थित ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन पर छह लाइनों को बिछाकर ट्रेन संचालन के लिए तैयार किया जाएगा। यात्री सुविधा से लैस इस स्टेशन से सुलतानपुर व प्रतापगढ़ के रास्ते आने वाली ट्रेनों को चारबाग रेलवे स्टेशन न भेजकर ट्रांसपोर्टनगर तक लाया जा सकेगा और यहां से ट्रेनें मुरादाबाद चली जाएंगी। वहीं आलमनगर रेलवे स्टेशन को टर्मिनल स्टेशन बनाने के लिए दो नई रेल लाइन, प्लेटफार्म, यात्री सुविधा आदि विकसित करने पर 60 करोड़ रुपए खर्च होगा। टर्मिनल स्टेशन बनने के बाद यहां पर महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव दिया जाएगा। राजाजीपुरम और हरदोई रोड के लोगों को चारबाग न आना पड़े, इसके लिए आलमनगर स्टेशन पर निर्माण कार्य होते ही महत्वपूर्ण ट्रेनों को ठहराव भी मिल सकेगा। राजाजीपुरम और हरदोई रोड के लोगों को सफर करने के लिए चारबाग रेलवे स्टेशन नहीं जाना पड़ेगा जिससे वहां दबाव कम होगा।
नए प्लेटफार्म के लिए टेंडर जारी
चारबाग रेलवे स्टेशन पर दो नए प्लेटफार्म 10 व 11 के निर्माण का टेंडर जारी कर दिया गया है। इसके अलावा प्लेटफार्म पर स्केलेटर व लिफ्ट लगाए जाने का काम तेजी से किया जा रहा है। जर्जर हो रहे चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म छह और सात पर आरसीसी तकनीक से ही सतह बनायी जाएगी। लखनऊ जंक्शन की तरह चारबाग स्टेशन के सभी प्लेटफार्मों पर कोटा पत्थर नहीं लगाया जाएगा। डीआरएम ने बताया कि नियम के मुताबिक बड़े स्टेशनों के केवल प्लेटफार्म एक पर ही कोटा स्टोन लगाया जा सकता है। हालांकि पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन पर प्लेटफार्म 1 से 6 तक पर यात्रियों की सुविधा के लिए कोटा पत्थर लगाए गए हैं।
लखनऊ- वाराणसी डबल लाइन पर अक्टूबर से ट्रेन संचालन
लखनऊ-वाराणसी रेलमार्ग के दोहरीकरण का कार्य अक्टूबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। डबल ट्रैक होने के बाद न केवल ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी बल्कि ट्रेनों को घंटों ट्रैक पर खड़ा नहीं होना पड़ेगा। डीआरएम सतीश कुुमार ने बताया कि लखनऊ-बनारस के बीच तेजी से दोहरीकरण कार्य किया जा रहा है। इस रूट पर 42 किलोमीटर का काम शेष रह गया है। इसमें 18 किलोमीटर का कार्य 15 सितम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा जबकि शेष 24 किलोमीटर का काम भी 30 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। वहीं उतरेटिया से रायबरेली के बीच मार्च 2018 तक 36 किमी. रेलखंड के दोहरीकरण का लक्ष्य है, जबकि रायबरेली तक यह काम मार्च 2019 तक पूरा होगा।