- आईआईए व नासिब की मीटिंग में बोले आईआईए अध्यक्ष सुनील वैश्य, उप्र एवं बांग्लादेश के लघु उद्यमियों के मध्य व्यापार की अपार सम्भावनाएं
- आईआईए सदस्यों को बांग्लादेश में व्यापार करने में नासिब करेगा हर सम्भव सहयोग : मिर्जा नूरूल घनी
लखनऊ। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, आईआईए के निमंत्रण पर नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्माल एंड कॉटेज इंडस्ट्रीज ऑफ बांग्लादेश, नासिब के 10 सदस्यीय दल लखनऊ एवं कानपुर मंडलों के सदस्यों के साथ वार्तालाप के लिये तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचा। बांग्लादेश प्रतिनिधिमंडल की आईआईए के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ नेटवर्किंग मीटिंग सम्पन्न हुई। इसके बाद बिजनेस-टू-बिजनेस बैठके आयोजित हुई। इन बैठकों में आईआईए के तीन पूर्व अध्यक्ष संजय कौल, बीके अग्रवाल, जीसी चतुर्वेदी एवं आईआईए लखनऊ डिवीजन के चेयरमैन चेतनभल्ला और लखनऊ चैप्टर के चेयरमैन सूर्य हवेलिया सहित लगभग 40 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
आईआईए अध्यक्ष सुनील वैश्य ने कहा कि बांग्लादेश के उद्यमियों के साथ बातचीत का यह पहला चरण देश के सबसे बड़े राज्य उप्र की राजधानी लखनऊ से प्रारंभ हो रहा है, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के लिये यह ऐतिहासिक दिन है। उप्र में देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक लघु उद्योग स्थापित हैं जिनकी संख्या लगभग 90 लाख है। यह संख्या बांग्लादेश में स्थित लघु उद्योगों के लगभग बराबर है। आईआईए एवं नासिब दोनों ही संगठन लघु उद्योगों के उत्थान के लिये कार्यरत हैं। हमारा संबंध लम्बे समय तक दोनों देशो के लघु उद्योगों के लिये लाभप्रद साबित होगा। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में लघु उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हडï्डी है और रोजगार सृजन का सबसे बड़ा साधन है। भारतवर्ष की जीडीपी में लघु उद्योग 30 प्रतिशत का योगदान कर रहे है। 6.3 करोड़ लघु उद्योग 11 करोड़ व्यक्तियों को सीधा रोजगार प्रदान कर रहे है। इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार एवं राज्य सरकारें एमएसएमई के उत्थान के लिये कृत संकल्प है।
उन्होंने कहा, दक्षिण एशिया क्षेत्र जिसे इंडियन सबकोंटीनेंट के नाम से भी जाना जाता है यद्यपि केवल 8 देशो का समूह है परन्तु इस सबकोंटीनेंट में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है। यह एमएसएमई के उत्पादों के लिये बड़ा बाजार है। इसी को ध्यान में रखते हुए आईआईए द्वारा दक्षिण एशिया के देशों में स्थित एमएसएमई एसोसिएशनों के साथ एमओयू करने का निर्णय लिया है जिसकी शुरूआत बांग्लादेश और नेपाल में स्थिति लघु उद्योग संगठनों से की जा चुकी है। डेलीगेशन का नेतृत्व कर रहे नासिब के प्रेसीडेंट मिर्जा नूरूल घनी सोवोन ने कहा कि बांग्लादेश और इंडिया में सांस्कृतिक एवं सामाजिक मूल्य लगभग एक सामान है इसलिये दोनों देशों के उद्यमियों को एक-दूसरे के साथ व्यापार करना आसान है।
लघु उद्योग किसी भी देश के विकास में इंजन का कार्य करते हैं और यह तथ्य दोनों देशों के लिये सत्य है। बांग्लादेश की सरकार पूरे देश में 100 विशेष आॢथक क्षेत्र सृजित कर रही है जिसमें भारतीय उद्यमियों को निवेश करने अथवा ज्वाइंट वैंचर स्थापित करने का अच्छा अवसर है। यदि आईआईए का कोई भी सदस्य इन आॢथक क्षेत्रों में निवेश करने का इच्छुक होगा, तो नासिब उनकी हर संभव मदद करेगा। बांग्लादेश में व्यापार कर रहे अथवा करने वाले आईआईए सदस्यों की समस्याओं को सुलझाने के लिये भी एसोसिएशन अपनी सेवाएं देगा। उन्होंने कहा कि आज दोनों देशों की सरकारों के मध्य मधुर संबंध हैं, ऐसे वातावरण में व्यापार करना लाभदायक एवं आसान होगा। बड़ी संख्या में भारतीय उत्पाद बांग्लादेश में निर्यात किये जाने की अपार संभावनाएं हैं और इसी प्रकार बांग्लादेश के भी अनेक उत्पाद भारत को निर्यात किये जा सकते हैं।
तलाशेंगे आयात-निर्यात की संभावना
बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल ने बी2बी सम्वाद में मेटल पाट्र्स, फाउंड्री आइटम्स, विद्युत के सामान, प्लास्टिक मोल्ड्स, लेदर मोल्ड्स, मेटल मोल्ड्स एवं अन्य इंजीनियरिंग उत्पादों में अपनी रूची व्यक्त की। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि आईआईए और नासिब आने वाले समय में अन्य उत्पादों के आयात एवं निर्यात की सम्भावनाएं भी तलाशेंगे और मिलकर काम करेंगे।