उपभोक्ताओं को देना होगा थम्ब इम्प्रेशन
टेलीकाम मिनिस्ट्री की खुफिया इकाई टर्म सेल करेगी मॉनीटरिंग
लखनऊ। एक जुलाई से बीएसएनएल में बिना आधार कार्ड के नए कनेक्शन जारी नहीं किए जाएंगे। नया कनेक्शन लेने के लिए आवेदक के पास आधार का होना जरूरी कर दिया गया है। बीएसएनएल अधिकारियों के मुताबिक 30 जून से पहले जारी किए गए सभी पुराने मोबाइल कनेक्शन को भी ई-केवाईसी में बदल कर उपभोक्ता का रिकार्ड डिजिटल किया जाएगा। इसके लिए सभी उपभोक्ता सेवा केंद्र व एक्सचेंजों के साथ ही प्रमुख स्थलों पर कैम्प लगाकर उपभोक्ताओं के रिकार्ड को ई-केवाईसी में परिवर्तित किया जाएगा। ई-केवाईसी के लिए उपभोक्ता को थम्ब इम्प्रेशन देने के लिए कैम्प में आना होगा। दरअसल मोबाइल सेवा को अति संवेदनशील श्रेणी में शामिल करते हुए भारत सरकार ने संचार कम्पनियों को निर्देश दिया है कि वह सभी उपभोक्ताओं को आधार लिंक से जोडऩे का कार्य तत्काल शुरू करें। केंद्र सरकार ने ई-केवाईसी के लिए समय अवधि निर्धारित करते हुए सभी कम्पनियों को 28 फरवरी 2018 तक सभी उपभोक्ताओं का ई-केवाईसी रिकार्ड पूरा करने का निर्देश दिया है। टेलीकाम मिनिस्ट्री की खुफिया इकाई ”टर्मÓ (टेलीकॉम एनफोर्समेंट रिसोर्सेज एंड मॉनीटरिंग सेल) को जिम्मेदारी दी गयी है कि वह इस निर्देश का सख्ती से पालन कराए। 28 फरवरी तक ई-केवाईसी न कराने वाले उपभोक्ताओं की संचार सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। सुरक्षा के लिहाज से मोबाइल सेवा को अत्यंत संवेदनशील सेवा में रखा गया है। नया मोबाइल कनेक्शन देने के लिए दूरसंचार विभाग व ट्राई ने सख्त नियम बनाये हैं। फर्जी दस्तावेजों पर सिम न जारी हों इसके लिए दर्जनों बार नियमों को कठोर किया जा चुका है। दूरसंचार विभाग ने संचार कम्पनियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सिम जारी करते समय असली उपभोक्ता को अपने मूल दस्तावेजों के साथ आना अनिवार्य है, लेकिन निर्देशों का सख्ती से अनुपालन न होने के कारण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गलत लोगों को सिम जारी होना बंद नहीं हो पाया है। आतंकी व आपराधिक गतिविधियों में फर्जी दस्तावेजों पर जारी हुए सिमों का प्रयोग होने पर सुरक्षा एजेंसियों ने भी कई बार संचार कम्पनियों के आला अफसरों के साथ बैठकें करके उन्हें अपनी चिंता से अवगत कराकर नियमों का कठोरता से पालन करने का निर्देश दिया, लेकिन सिम का व्यापार बढ़ाने में संलग्न कम्पनियों ने सुरक्षा मानकों की बहुत परवाह नहीं की। जिसके बाद संचार कम्पनियों की कारगुजारियों की निगरानी के लिए दूरसंचार विभाग की विजिलेंस इकाई टर्म ने मानकों का पालन न करने पर संचार कम्पनियों के खिलाफ भारी जुर्माना भी किया, लेकिन फर्जी सिम बेचने के कार्य पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं लग पाया।