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बिना काम वेतन ले रहे पांच एआरटीओ

imagesपरिवहन विभाग ने दी तैनाती शासन ने लगाई रोक
क्षेत्रों में एआरटीओ की कमी से जूझ रहा विभाग

लखनऊ। क्षेत्रों में जहां संभागीय परिवहन कार्यालय एआरटीओ की कमी से जूझ रहे हैं तो वहीं परिवहन विभाग मुख्यालय पर बिना काम के ही अधिकारियों को वेतन मिल रहा है। अधिकारियों को मुफ्त में वेतन एक या दो महीने से नहीं बल्कि पूरे तीन महीने से मिल रहा है। तीन महीने से पांच एआरटीओ प्रशिक्षण पूरा कर घर में बैठे वेतन के मजे ले रहे हैं, लेकिन विभाग कई जनपदों में एआरटीओ की जगह खाली होनेेेे के बावजूद उनकी तैनाती नहीं कर पा रहा है। पांच एआरटीओ को घर बैठे वेतन मिलने पर जिन अधिकारियों पर प्रदेश सरकार में काम का कुछ ज्यादा ही बोझ पड़ रहा है वह यही सोच रहे हैं कि काश उनकी भी किस्मत इन्हीं पांच एआरटीओ की तरह होती। बिना काम के उन्हें भी घर बैठे आराम से वेतन मिलता। हैरत की बात यह भी है कि विभाग की ओर से अधिकारियों की तैनाती के लिए आदेश जारी किया गया तो शासन से इनकी तैनाती पर विराम लगा दिया गया। परिवहन विभाग में तीन महीने पहले पांच नए एआरटीओ की भर्ती हुई। इन पांचों अधिकारियों ने परिवहन विभाग में ज्वाइन भी कर लिया। तीन महीने से इन पांचों अधिकारियों को वेतन भी मिलना शुरू हो गया, लेकिन परिवहन विभाग के आला अधिकारियों ने जब इन पांचों अधिकारियों को तैनाती देकर उनसे काम लेने की तैयारी कर शासन से नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की तो शासन स्तर से इनकी तैनाती में पेंच फंसा दिया गया। परिवहन विभाग के सूत्रों की मानें तो शासन का तर्क है कि फिलहाल इन अधिकारियों की अभी कोई आवश्यकता नहीं है। मामला परिवहन मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्र देव सिंह के सामने पहुंचा तो उन्होंने भी इस पर अब तक गंभीरता से कोई अमल नहीं किया। शासन व सरकार के ध्यान न देने के चलते पांचों एआरटीओ बिना काम के ही सेलरी ले रहे हैं।

विभाग में एआरटीओ की है कमी
एक ओर जहां पांच एआरटीओ बिना किसी काम के ही वेतन ले रहे हैं वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग एआरटीओ की कमी से जूझ रहा है। एआरटीओ की कमी के चलते प्रवर्तन कार्यों को सही तरीके से अंंजाम नहीं दिया जा पा रहा है। लखनऊ जोन में श्रावस्ती, बलरामपुर और परिवहन मंत्री के गृह क्षेत्र उरई में एआरटीओ नही हैं। एआरटीओ की कमी के चलते ही बीते दिनों चार अन्य जगहों पर तैनात चार यात्री कर अधिकारियों को वाराणसी क्षेत्र में ओवरलोडिंग रोकने के लिए भेजना पड़ा।

-शासन स्तर पर एआरटीओ की नियुक्ति संबंधी मामला निस्तारित होना है। विभागीय औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। जल्द ही एआरटीओ को रिक्त स्थानों पर तैनाती दी जाएगी।
के. रविंद्र नायक, परिवहन आयुक्त

अब आरसी भी पहुंचेगी घर
एक मई से व्यवस्था हुई शुरु
सप्ताह भर में आरसी करानी होगी मुहैया

लखनऊ। ड्राइविंग लाइसेंस की तरह अब आरसी भी घर पहुंचेगी। परिवहन विभाग की ओर से इस नई व्यवस्था का आदेश भी जारी कर दिया गया है। एक मई से इस नई व्यवस्था की शुरुआत कर दी गयी है। जिसके बाद अब डीलर की मनमानी पर रोक लगेगी। रजिस्ट्रेशन शुल्क लेने के हफ्तेभर के अंदर आरसी मुहैया कराने के लिए परिवहन विभाग की ओर से नई व्यवस्था लागू की जा रही है। जिसके तहत रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सीधे डाक के माध्यम से वाहन स्वामी को घर भिजवाया जाएगा। पहले उपभोक्ता वाहन लेने के बाद डीलर के यहां रजिस्ट्रेशन शुल्क देने के बाद भी नंबर लेने के लिए बार-बार चक्कर लगाने को मजबूर होता था। वाहन खरीदने के बाद तय अवधि पूरी होने पर भी उसे आरसी नहीं मिलती थी। उसे परेशान किया जाता था। इस सिलसिले में शिकायतें लगातार मिल रही थीं। अपर परिवहन आयुक्त गंगाफल ने बताया कि टीसी ने ठोस पहल करते हुए ड्राइविंग लाइसेंस की तरह ही आरसी डाक से भिजवाने की व्यवस्था लागू करने के आदेश दिये हैं। डीलर से प्रत्येक वाहन संबंधी पत्रावली के साथ वाहन स्वामी का पूरा पता, मोबाइल नंबर लिखा लिफाफा लिया जाएगा। रजिस्टर्ड डाक से पोस्ट या स्पीड पोस्ट के जरिए उसे आरसी धारक को भेजा जाएगा। यही नहीं पंजीयन पुस्तिका की दूसरी प्रति, स्वामित्व हस्तांतरण अंकन कराने, एचपीए अंकन, अनापत्ति प्रमाणपत्र, पता परिवर्तन के अलावा पुन: पंजीयन कराने संबंधी तमाम दस्तावेज भी पोस्ट के माध्यम से भिजवाया जाएगा।

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