पहले ब्रांडेड अब दिया एग्लो कंपनी के पानी बेंचने का आदेश
पानी की गुणवत्ता को लेकर यात्री कर रहे शिकायत
स्टाल संचालकों से एग्लो की बजाय ब्रांडेड कम्पनियों के पानी मांग रहे यात्री
पंकज पांडेय
लखनऊ। उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के अधीन कार्य करने वाले स्टाल संचालकों पर अधिकारियों की मनमानी भारी पड़ रही है। परिवहन निगम मुख्यालय से लेकर रीजन व डिपो तक के अधिकारी स्टाल संचालकों का उत्पीडऩ करने में पीछे नहीं हैं। अधिकारी मनमाना आदेश जारी कर रहे हैं। ताजा मामला चारबाग बस स्टेशन पर पानी की बोतल बेंचने से जुड़ा हुआ है।
दरअसल बीते साल परिवहन नीर का टेंडर निरस्त होने के बाद ब्रांडेड कम्पनियों के पानी की बोतल बेंचने का आदेश क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के निर्देश पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक चारबाग की ओर से जारी किया गया। आदेश जारी होने के बाद स्टाल संचालकों ने कम्पनियों के साथ अनुबंध भी कर लिया। इस आदेश के कुछ महीनों बाद ही अब फिर से आदेश जारी किया गया है कि चारबाग बस स्टेशन परिसर स्थित सभी स्टालों पर एग्लो व एग्लो ग्रीन मिनरल वाटर की ही बिक्री की जाय। इसके साथ ही बस स्टेशन चारबाग पर अन्य किसी ब्रांड के मिनरल वाटर की बिक्री को अवैध घोषित कर दिया। जिस कम्पनी के पानी की बोतल बेंचने का आदेश दिया गया है उसके पानी की गुणवत्ता को लेकर यात्री शिकायत भी कर रहे हैं।
बताते चलें कि बस स्टेशनों पर रेलवे के रेल नीर की तर्ज पर उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम में परिवहन नीर की शुरुआत की गयी थी। बीते साल जुलाई में 11 करोड़ रुपये के बकाये को लेकर परिवहन नीर उपलब्ध कराने वाली निजी कंपनी एक्सिस इंटरनेशनल का टेंडर निरस्त कर दिया गया था। परिवहन नीर का टेंडर निरस्त होने के करीब एक महीने बाद ब्रांडेड कम्पनियों के मिनरल वाटर बेंचने का आदेश जारी किया गया था।
ब्रांडेड कम्पनियों का ही बेंच सकते हैं पानी
परिवहन नीर का टेंडर निरस्त होने के बाद 30 अगस्त 2016 को क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के पत्र सं. 6860 के निर्देशों के अनुपालन में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक चारबाग की ओर से स्टाल संचालकों को आदेश जारी किया गया कि वे अपने स्टाल पर केवल बिसलेरी, एक्वाफिना, किनले, किंगफिसर ब्रांड का पानी ही बेंच सकते हैं। अन्य किसी ब्रांड का पानी बेंचने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पीक सीजन में जारी कर दिया नया आदेश
पानी बिक्री के लिहाज से मार्च से लेकर सितंबर तक का महीने पीक सीजन माना जाता है। ऐसे में पीक सीजन में स्टाल संचालकों के लिए जारी किया गया नया आदेश उनके लिए नुकसानदेय साबित होगा। 27 मार्च 2017 को पुराना आदेश निरस्त करते हुए सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक चारबाग की ओर से क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के पत्रांक सं. 2782 के निर्देश के अनुपालन में आदेश जारी किया गया कि बस स्टेशन परिसर चारबाग स्थित सभी स्टालों पर एग्लो व एग्लो ग्रीन मिनरल वाटर की ही बिक्री की जाए। इसके साथ ही अन्य ब्रांड के मिनरल वाटर की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया।
नए आदेश से स्टाल संचालक परेशान
पीक सीजन में ब्रांडेड कम्पनियों के मिनरल वाटर की जगह नई कम्पनी के पानी की बोतल बेंचने के आदेश से स्टाल संचालक परेशान हैं। स्टाल संचालकों का कहना है कि ब्रांडेड कम्पनियों के पानी बेंचने के आदेश के बाद कम्पनियों से अनुबंध कर लिया गया। लेकिन नए आदेश से अब स्टाल संचालन होने वाली भारी आर्थिक हानि को लेकर परेशान हैं।
स्टाल संचालकों ने लिखा पत्र
पानी बेंचने के नए आदेश को लेकर स्टाल संचालकों ने परिवहन निगम प्रबंध निदेशक, प्रधान प्रबंधक वाणिज्य व विपणन और क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ को पत्र लिखकर आदेश पर पुनर्विचार करने की अपील की है। स्टाल संचालकों ने पत्र में लिखा है कि ब्रांडेड कम्पनियों के साथ ठेका चलने तक इसकी बिक्री करने का अनुबंध किया गया है। इस अनुबंध के बाद कम्पनी की ओर से स्टाल पर डी फ्रिजर भी उपलब्ध करवाये गये। लेकिन नये आदेश से अब अनुबंध के मुताबिक अधिक आर्थिक हानि उठानी पड़ेगी। साथ ही अनुबंध के मुताबिक हर्जाना भी वसूल किया जा सकता है। हालांकि स्टाल संचालकों के पत्र का कोई संज्ञान अभी तक नहीं लिया गया है।
यात्री मांग रहे ब्रांडेड कम्पनियों के पानी
बस स्टेशन पर भले ही एग्लो व एग्लो ग्रीन मिनरल वाटर की बिक्री का आदेश जारी किया गया हो लेकिन यात्री ब्रांडेड कम्पनियों का ही पानी मांग रहे हैं। एग्लो कम्पनी के पानी को लेकर कई यात्रियों ने स्टाल संचालकों से शिकायत भी की। स्टाल संचालकों के मुताबिक यात्री पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। यही हाल परिवहन नीर के पानी को लेकर भी था। परिवहन नीर के पानी की गुणवत्ता व ज्यादा पैसा चार्ज करने की शिकायत कई बार यात्रियों ने अधिकारियों से की थी। लेकिन अधिकारी अपने लाभ के चक्कर में खराब गुणवत्ता से भी समझौता करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
दिक्कतों से अधिकारियों को नहीं सरोकार
नए आदेश से स्टाल संचालक भले ही परेशान हैं लेकिन संचालकों की दिक्कत से अधिकारियों को कोई सरोकार नहीं हैं। इस संबंध में क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ रीजन एके सिंह का कहना है कि जब तक हमारे पास कोई पानी बेंचने वाली कम्पनी नहीं थी तब तक दूसरी कम्पनियों के पानी बेंचने का आदेश दिया गया था। अब कम्पनी आ गयी है तो नया आदेश जारी कर दिया गया।