- मंत्री ने किया ई-एप्लीकेशन पोर्टल का शुभारंभ
- आरएम पास करेंगे 25 एकड़ क्षेत्रफल का नक्शा
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। उद्यमियों को अब प्रबंधन ने बड़ी सौगात दी है। उद्यमियों को अब 25 एकड़ क्षेत्रफल तक औद्योगिक भूखण्ड का मानचित्र पास कराने के लिये के मुख्यालय तक भागदौड़ नहीं करनी होगी। क्षेत्रीय प्रबंधक ही नक्शा पास करेंगे। अभी तक क्षेत्रीय प्रबंधकों को एक एकड़ क्षेत्रफल तक के औद्योगिक भूखण्ड का मानचित्र पास करने का अधिकार था।
यूपीएसआईडीसी प्रबंधन चाहता है कि निवेशकों को किसी तरह की परेशानी न हो, उनका काम बिना किसी भागदौड़ के आसानी से हो जाये। प्रबंध निदेशक ने इसीलिए क्षेत्रीय प्रबंधकों के अधिकारों में बढ़ोत्तरी की है। उद्यमी अगर मानक के अनुरूप नक्शा देंगे तो आरएम 15 दिन के अन्दर उसे पास कर देंगे। नक्शा के साथ अग्निशमन विभाग, पर्यावरण विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र, आॢकटेक्ट और निर्धारित सेटबैक, एफएआरए पाॢकंग की व्यवस्था दर्शाना होगा। सरकार प्रदेश की नई औद्योगिक नीति के फायदों से शहर के उद्यमियों को भी अवगत कराने के लिये बीते 22 जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने ई-एप्लीकेशन पोर्टल का शुभारंभ किया।
अब इस पोर्टल के जरिये यूपीएसआईडीसी प्रबंधन भूखण्डों का आवंटन करेगा। अब उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम के औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्डों की बुकिंग घर बैठे ही की जा सकती है। इसी के साथ विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के 2,093 भूखण्डों के आवंटन की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गयी है। विभागीय जानकारों की मानें तो भूखण्डों का आवंटन आवेदन के 21 दिनों में किया जायेगा। अभी भूखण्डों के आवंटन की प्रक्रिया काफी जटिल थी। जब विज्ञापन निकलता है तभी लोग आवेदन कर पाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पोर्टल पर प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र में जितने भी भूखण्ड रिक्त हैं सबकी जानकारी दर्ज की गई है। कोई भी व्यक्ति कभी भी आवेदन कर सकेगा।
पोर्टल पर भूखण्ड का क्षेत्रफल, प्रतिवर्ग मीटर उसकी दर और उसका नम्बर भी दर्ज किया गया है। गंगा बैराज पर बसाई जा रही ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी में औद्योगिक भूखण्डों का आवंटन होगा। ट्रान्स गंगा सिटी में फिलहाल, सेक्टर नौ और 10 में 166 भूखण्ड 10,850 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से आवंटित होंगे। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम ने 400 वर्ग मीटर से 17 सौ वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक के भूखण्डों के लिये आवेदन लेगा। साथ ही प्रबंधन ने कुछ बड़े औद्योगिक समूहों से संपर्क साधा है। ताकि बड़ी औद्योगिक इकाई स्थापित हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके।
नई औद्योगिक नीति की व्यवस्था
नई औद्योगिक नीति में रोजगार देने पर जोर दिया गया है। बुंदेलखण्ड और पूर्वांचल में सौ करोड़ या उससे अधिक का निवेश या फिर किसी भी इकाई में पांच सौ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाले उद्योग को मेगा औद्योगिक इकाई मानते हुए भूखण्ड आवंटन में प्राथमिकता देने की योजना है। साथ ही मध्यांचल एवं पश्चिमांचल गौतमबुद्ध नगर एवं गाजियाबाद को छोडक़र के जिलों में उद्योगों की स्थापना में 150 करोड़ रुपये निवेश या फिर इनमें 750 से अधिक लोगों को रोजगार देने पर उन्हें मेगा इकाई माना जायेगा।
उद्यमियों से साझा की सुविधायें
इस पोर्टल के शुभारंभ समारोह में फिक्की, एसोचेम, आईआईए, पीआईए समेत विभिन्न औद्योगिक संगठनों के पांच सौ से अधिक उद्यमी शामिल हुये। समारोह में विभागीय अधिकारियों ने उद्यमियों को उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 और इस पोर्टल की सुविधाओं के बारे में अवगत कराया। साथ ही यूपीएसआइडीसी और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधायें भी तबायी।
यहां रिक्त हैं भूखण्ड
एमडी रणवीर प्रसाद ने बताया, फतेहपुर के मलवां, कानपुर देहात के जैनपुर, कुर्सी रोड बाराबंकी, रायबरेली, हरदोई के सण्डीला, एसईजेड मुरादाबाद, गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर, वाराणसी के करखियांव, गाजियाबाद के साहिबाबाद, अमेठी के जगदीशपुर और त्रिसुंडी झांसी आदि औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्डों का आवंटन होगा।
फार्म भर खुद कर सकेंगे अपनी ग्रेडिंग
सूबे के औद्योगिक भूखण्डों के ऑनलाइन आवंटन शुरू हो गये हैं। इसके साथ ही देश-विदेश के उद्योगपति या कंपनियां प्रदेश के किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में यूनिट लगाने के लिए मौके के हिसाब से भूखण्ड के लिए आवेदन कर सकती हैं। अब कहीं से भी वेबसाइट पर आवेदन किए जा सकेंगे। इसमें अपनी ग्रेडिंग खुद ही तय करनी होगी। 100 अंकों में नंबर कहां से किस तरह मिलेंगे यह आप फार्म भरने के दौरान ही देख सकेंगे। आपने कुछ भी झूठ लिखा तो डिफाल्टर घोषित कर दिए जाएंगे। वेबसाइट खोलते ही इसमें ई-आवंटन फार्म दिखेगा।
ऐसे करें आवेदन
आपको यह देखना होगा कि कहां यूनिट लगाना आपके लिए फायदेमंद होगा और कहां का रेट सस्ता है। वेबसाइट खोलकर भरना शुरू करेंगे तो 100 अंकों की परीक्षा शुरू हो जाएगी जो आपके द्वारा दी गई जानकारी पर ही होगी। जैसे- जैसे आप आठ बिंदुओं पर अपनी जानकारी देते जाएंगे, वैसे- वैसे नंबर भी आपको मिलते जाएंगे। जिस ङ्क्षबदु को आप नहीं अपनाना चाहते उसके लिए निर्धारित अंक भी गंवा देंगे। यह सब कंप्यूटर जेनरेटेड होगा।
मील का पत्थर साबित होगा पोर्टल : एमडी
हमारा प्रयास है कि औद्योगिक विकास मंत्री द्वारा पोर्टल के शुभारंभ के तुरन्त बाद मौके पर ही कुछ लोग भूखण्ड के लिए आवेदन करें। प्रबंध निदेशक रणवीर प्रसाद का कहना है कि यह पोर्टल भूखण्ड आवंटन व अन्य सुविधाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा।